कैफीन हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा है। कोई सुबह की नींद भगाने के लिए कॉफी पीता है, तो कोई एनर्जी ड्रिंक से तुरंत एनर्जी पाने की कोशिश करता है। लेकिन हाल ही में सामने आए एक बड़े अध्ययन ने इन दोनों ड्रिंक्स और आत्महत्या के खतरे के बीच एक दिलचस्प रिश्ता उजागर किया है।
यह रिसर्च एक मेटा-एनालिसिस है, जिसमें अलग-अलग देशों से 17 स्टडीज शामिल की गईं। ये कोई छोटी-मोटी रिसर्च नहीं है, बल्कि इस रिसर्च में करीब 15.7 लाख लोग शामिल थे। इसमें अमेरिका, कोरिया, जर्मनी, फिनलैंड, कनाडा और नाइजीरिया जैसे देशों को शामिल किया गया था।
कॉफी का आत्महत्या के विचार से कनेक्शन
रिसर्च में यह सामने आया है कि जो लोग महीने में 60 कप से ज्यादा कॉफी पीते थे, उनमें आत्महत्या की कोशिश का खतरा लगभग 50% तक कम देखा गया। वहीं, 30 से 60 कप या इससे कम कॉफी पीने वालों में कोई खास फर्क नहीं दिखा। इसका मतलब यह हो सकता है कि कॉफी पीने से आपको आत्महत्या के विचार कम आते हैं। लेकिन इससे यह भी पता चलता है कि पॉजिटिव असर तभी दिखता है जब इसकी मात्रा एक निश्चित सीमा तक हो।
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एनर्जी ड्रिंक का आत्महत्या के विचार पर असर
यही अध्ययन जब एनर्जी ड्रिंक्स के लिए किया गया, तो उसके नतीजे एकदम उलट रहे। सिर्फ एक कप एनर्जी ड्रिंक महीने में पीने वाले लोगों में भी आत्महत्या से जुड़े विचार और प्रयास का खतरा बढ़ा हुआ पाया गया। खास बात यह है कि जैसे-जैसे एनर्जी ड्रिंक की मात्रा बढ़ती गई, यह खतरा और ज्यादा बढ़ा।
शोधकर्ताओं का कहना है कि इसका कारण सिर्फ कैफीन नहीं हो सकता। चूंकि एनर्जी ड्रिंक में हाई शुगर और अन्य स्टिमुलेंट्स भी होते हैं, जो दिमाग और मूड पर नकारात्मक असर डाल सकते हैं, इसलिए हो सकता है कि उनके असर से आत्महत्या के विचार आने की समस्या होती हो।
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ये स्टडी क्यों महत्वपूर्ण है
हालांकि ये नतीजे सिर्फ कॉफी या एनर्जी ड्रिंक्स पीने का आत्म हत्या के विचार आने से संबंध बताते हैं लेकिन फिर भी ये थोड़ा चौंकाने वाला जरूर है। इसको आसान तरीके से समझें तो इस स्टडी से यह भले तय नहीं है कि कॉफी पीने से आत्महत्या का खतरा कम होगा लेकिन यह तय है कि ज्यादा एनर्जी ड्रिंक्स पीने से इसका खतरा बढ़ेगा। ऐसे में रोजमर्रा की लाइफ में अगर आप अपने मूड और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं, तो बेहतर होगा कि एनर्जी ड्रिंक से दूरी बनाएं और कैफीन के लिए प्राकृतिक स्रोत जैसे कॉफी को ही प्राथमिकता दें।
लेकिन ध्यान रखें कि अगर कभी आपको लगातार उदासी या आत्महत्या जैसे विचार आएं, तो किसी और विकल्प के बजाय, तुरंत मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से संपर्क करें या अपने परिवार और आसपास मौजूद लोगों से बात करें।