
low magnesium symptoms in hindi: मैग्नीशियम एक ऐसी चीज है जिसकी कमी आपकी नसों को प्रभावित करती हैं। मैग्नीशियम जो कि एक जरूरी खनिज तत्व है आपकी सेहत को बड़ी गहराई से प्रभावित कर सकती है। मैग्निशियम की कमी न सिर्फ मतली और उल्टी जैसी खराब डाइजेशन से जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकती है बल्कि, ये शरीर में ऐंठन, कमजोरी और लंबे समय तक रहने वाली थकान की भी वजह बन सकती है। इतना ही नहीं, जब शरीर में मैग्निशियम की कमी होती है तो आपके आंतों की सेहत भी प्रभावित होती है जिससे लंबे समय तक रहने वाली कब्ज की दिक्कत हो सकती है। इतना ही नहीं, मैग्निशियम की कमी अनियमित हृदय गति और दिल से जुड़ी समस्याओं की वजह बन सकती है। इसके अलावा मैग्निशियम की कमी से आपको न्यूरोलॉजिकल दिक्कतें भी हो सकती हैं लेकिन आज हम बात करेंगे Dr. Brunda M S, Sr. Consultant - Internal Medicine, Aster CMI Hospital, Bangalore से और जानेंगे मैग्नीशियम की कमी के उन लक्षणों के बारे में जो आपको रात में नजर आ सकते हैं।
क्या मैग्नीशियम की कमी के लक्षण रात में दिखाई देते हैं?
Dr. Brunda M S बताती हैं कि मैग्नीशियम की कमी शरीर में कई तरह से दिखाई दे सकता है और इसके लक्षण अक्सर रात में ज़्यादा दिखाई दे सकते हैं। मैग्नीशियम मांसपेशियों के कार्य, तंत्रिका संकेतों और दिल की धड़कन को स्थिर रखने के लिए जरूरी है। इसका एक आम लक्षणों में आपको
- - मांसपेशियों में ऐंठन या मरोड़ महसूस हो सकते हैं
- - पैरों या पंजों में रात में दर्द महसूस होता है। ये दर्दनाक हो सकते हैं और अक्सर लोगों को रात में जगा देते हैं।
- -ऐसे लोग रात में आराम से सो नहीं पाते और रह-रहकर नींद टूटती रहती है।
- -इसके अलावा पैरों में बेचैनी यानी लेटते समय पैरों को हिलाने की तीव्र इच्छा भी हो सकती है।
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इतना ही नहीं, मैग्नीशियम की कमी नींद को भी प्रभावित कर सकती है। लोगों को सोने या सोते रहने में मुश्किल हो सकती है और वे थकान महसूस करते हुए जाग सकते हैं। चिंता, तंत्रिका तनाव या चिड़चिड़ापन रात में दिखाई दे सकता है, क्योंकि मैग्नीशियम तनाव और तंत्रिका गतिविधि को नियंत्रित करने में मदद करता है। दिल से संबंधित लक्षण जैसे धड़कन या अनियमित दिल की धड़कन रात में ज्यादा दिखाई दे सकते हैं। अन्य लक्षणों में थकान, कमजोरी, हाथों या पैरों में झुनझुनी और सिरदर्द शामिल हैं।
मैग्नीशियम की कमी से कैसे बचें?
मैग्नीशियम की कमी से बचने के लिए पहले तो आपको अपनी डाइट में मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थ जैसे मेवे, बीज, पत्तेदार सब्जियां और साबुत अनाज को शामिल करना चाहिए। इन्हें खाने से लक्षणों को रोकने में मदद मिल सकती है। डॉक्टर का कहना है कि अगर आपको ज्यादा दिक्कत हो तो डॉक्टर को दिखाकर मैग्नीशियम सप्लीमेंट भी ले सकते हैं जो कि इस कमी से बचने में मदद कर सकते हैं।
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तो अगर आपको भी अपने शरीर में मैग्नीशियम की कमी के ये लक्षण महसूस होते हैं तो नजरअंदाज न करें और तुरंत अपने डॉक्टर को दिखाएं। साथ ही कोशिश करें कि पहले से ही अपनी डाइट में उन चीजों को शामिल करें जो कि मैग्नीशियम से भरपूर हो और आपको सेहत से जुड़ी समस्याओं से बचा सके।
FAQ
मैग्नीशियम की कमी से कौन सा रोग होता है?
मैग्नीशियम की कमी से आपको कब्ज, हाई बीपी, कोरोनरी हृदय रोग और ऑस्टियोपोरोसिस सहित कई ब्रेन से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं जैसे कि माइग्रेन, सिरदर्द, चिंता, अवसाद और नींद न आने की समस्या।मांसपेशियों में मरोड़ और ऐंठन क्यों होती है?
मैग्नीशियम की कमी से आपके मांसपेशियों में मरोड़ और ऐंठन की समस्या हो सकती है जो कि आपको लंबे समय तक परेशान कर सकती है। इसके अलावा मैग्नीशियम की कमी खराब ब्लड सर्कुलेशन और हाई बीपी से भी जुड़ी हुई हो सकती है जिसकी वजह से भी आपकी मांसपेशियों में मरोड़ और ऐंठन हो सकती है।क्या दूध में मैग्नीशियम पाया जाता है?
दूध में 10% मैग्नीशियम मौजूद होता है जो कि रेगुलर पीने पर आपको हेल्दी रहने में मदद कर सकता है। इसके अलावा आप सोय फूड्स और दाल व ड्राई फ्रूट्स को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।
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Oct 23, 2025 18:07 IST
Published By : Pallavi Kumari