शरीर के अंगों को कार्य के लिए एनर्जी की आवश्यकता होती है, और अंगों को यह एनर्जी भोजन के द्वारा अवशोषित पोषक तत्वों से प्राप्त होती है। पोषक तत्व व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ बनाने में मुख्य भूमिका निभाते हैं। इन पोषक तत्वो में मैग्नीशियम भी बेहद आवश्यक माना जाता है। मैग्नीशियम आपके शरीर की हर कोशिका में पाया जाता है। यह सैकड़ों बायो कैमिकल प्रतिक्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जो शरीर के कई कार्यों का सपोर्ट करते हैं। मैग्नीशियम प्रोटीन निर्माण, मांसपेशियों और तंत्रिका कार्य, और भोजन को एनर्जी व मेटाबॉलिज्म में परिवर्तित करने का कार्य करता है। ऐसे में यदि किसी व्यक्ति के शरीर में मैग्नीशियम की कमी होने लगे तो यह कई बीमारियां का जोखिम कारक बन सकता है। इस लेख में एसेंट्रिक्स डाइट क्लीनिक की डाइटिशियन शिवाली गुप्ता से जानते हैं कि मैग्नीशियम की कमी से कौन सी बीमारियां हो सकती हैं, और उनसे कैसे बचा जा सकता है।
मैग्नीशियम की कमी से किन रोगों का जोखिम बढ़ जाता है? - Diseases That Can Be Caused Due To Magnesium Deficiency In Hindi
टाइप-2 डायबिटीज (Type-2 Diabetes)
डायबिटीज आज के समय में एक आम समस्या मानी जाती है। आपको बता दें कि मैग्नीशियम शरीर की इंसुलिन संवेदनशीलता को बनाए रखने में मदद करता है। जब इसकी कमी होती है तो शरीर में ग्लूकोज का स्तर असंतुलित हो सकता है, जिससे इंसुलिन रेसिस्टेंस और डायबिटीज हो सकती है। ऐसे में व्यक्ति को बार बार प्यास लगना, थकावट, देखने में परेशानी और बार-बार पेशाब जानें की समस्या हो सकती है।
हृदय संबंधी रोग का जोखिम (Heart Disease)
मैग्नीशियम नसों के कार्य के लिए आवश्यक होता है। साथ ही, यह हृदय की धड़कनों को नियंत्रित करने, ब्लड प्रेशर को संतुलित रखने और रक्त वाहिकाओं के कार्यों को सुचारु बनाए रखने में सहायक होता है। इसकी कमी से हाई ब्लड प्रेशर, एरिदमिया (अनियमित धड़कन) और हार्ट अटैक (Heart Attack) का खतरा बढ़ सकता है।
हड्डियों को कमजोर होना (ऑस्टियोपोरोसिस -Osteoporosis)
मैग्नीशियम शरीर में कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है और हड्डियों के ग्रोथ और बोन हेल्थ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब शरीर में मैग्नीशियम की कमी होती है तो ऐसे में हड्डियां कमजोर हो सकती हैं, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है।
डिप्रेशन और एंग्जायटी (Depression & Anxiety)
मैग्नीशियम ब्रेन के न्यूरोट्रांसमीटर को संतुलित करने में मदद करता है। इसकी कमी से मूड स्विंग्स, चिड़चिड़ापन, एंग्जायटी और डिप्रेशन जैसे मानसिक विकार हो सकते हैं। डॉक्टर्स भी बताते हैं कि मैग्नीशियम स्तर कम होने से लोगों में डिप्रेशन का खतरा अधिक होता है।
मांसपेशियों में ऐंठन और थकावट (Muscle Cramps & Fatigue)
मैग्नीशियम मांसपेशियों को एक्टिव और एनर्जी प्रदान करने में प्रमुख भूमिका निभाता है। इसकी कमी से मांसपेशियों में दर्द, ऐंठन, कांपना और जल्दी थकावट की समस्या हो सकती है। मैग्नीशियम कम होने से पैरों में अकड़न और हाथ पैरों की उंगलियों में झनझनाहट महसूस हो सकती है।
मैग्नीशियम की कमी को दूर करने के लिए डाइट में किन चीजों को शामिल करें।
- कद्दू के बीज, तिल और सूरजमुखी बीज
- बादाम, अखरोट, मूंगफली
- पालक, मेथी, हरी पत्तेदार सब्जियां
- केला, एवोकाडो
- ब्राउन राइस, ओट्स
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मैग्नीशियम एक ऐसा पोषक तत्व है जो हार्ट, हड्डियां, मांसपेशियों और ब्रेन प्रणाली को संतुलित बनाए रखने में मदद करता है। लेकिन, जब इसकी कमी होने लगती है तो व्यक्ति को कई तरह की बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है। हालांकि, मैग्नीशियम की कमी के लक्षण बेहद धीमी गति से पता चलता है। यदि लंबे समय तक मैग्नीशियम की कमी बनी रहे तो यह हार्ट और ब्लड प्रेशर और डायबिटीज की वजह बन सकता है।
FAQ
मैग्नीशियम की कमी से शरीर में कौन सा रोग होता है?
मैग्नीशियम का लगातार कम स्तर उच्च रक्तचाप, टाइप 2 मधुमेह और ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम को बढ़ा सकता है। ऐसे में आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और मैग्नीशियम सप्लीमेंट्स लेना शुरु करें।मैग्नीशियम क्या खाने से बढ़ता है?
मैग्नीशियम बढ़ाने के लिए, आपको अपने आहार में हरी पत्तेदार सब्जियां, मेवे, बीज, फलियां, और साबुत अनाज शामिल करने चाहिए।मैग्नीशियम की कमी के क्या लक्षण हैं?
मांसपेशियों में ऐंठन, थकान, कमजोरी, चिड़चिड़ापन, मतली, उल्टी, सिरदर्द, नींद की समस्या, असामान्य हार्ट बीट, सुन्नता और झुनझुनी, और व्यक्तित्व में परिवर्तन महसूस हो सकता है।