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सांस फूलने को समझा मामूली, निकला हार्ट ड‍िजीज 'माइट्रल स्टेनोसिस', सर्जरी से बची मह‍िला की जान

सांस फूलने को आम समस्या समझ रही थी महिला, जांच में निकला माइट्रल स्टेनोसिस। समय रहते सर्जरी कराकर बचाई गई जान। जानें पूरा मामला।
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सांस फूलने को समझा मामूली, निकला हार्ट ड‍िजीज 'माइट्रल स्टेनोसिस', सर्जरी से बची मह‍िला की जान


45 वर्षीय उषा देवी, जो कि यूपी के इन्हौना गांव की निवासी हैं, पिछले 2 वर्षों से तेज धड़कन, चलने में सांस फूलना और थकान जैसी गंभीर समस्याओं से जूझ रही थीं। हालांक‍ि उन्‍होंने इन लक्षणों को सामान्‍य ही समझा। जब भी वे चलते-चलते ज्‍यादा थक जाती थीं, तो कुछ देर रुककर आराम कर लेती थीं, तो तबीयत बेहतर महसूस होती थी इसल‍िए उन्‍हें लगा क‍ि यह सामान्‍य लक्षण ही है। लेक‍िन जब समस्‍या गंभीर होने लगी, तो वो यूपी के बाराबंकी ज‍िले में स्‍थ‍ित ह‍िंद अस्‍पताल पहुंचीं। जांच में पता चला क‍ि उषा को हार्ट की गंभीर बीमारी माइट्रल स्टेनोसिस (Mitral Stenosis) है और उन्‍हें फौरन भर्ती कर ल‍िया गया। माइट्रल स्टेनोसिस दिल की एक गंभीर बीमारी है जिसमें हार्ट के एक वॉल्व (माइट्रल वॉल्व) में सिकुड़न आ जाती है। इस वजह से खून का बहाव बाधित होता है और सांस फूलने जैसी दिक्कतें होने लगती हैं। हम और आप भी अक्‍सर सामान्‍य लक्षणों पर गौर नहीं करते ज‍िससे बीमारी बड़ी हो जाती है और इलाज की प्रक्र‍िया को मुश्‍क‍िल बना देती है। ऐसे में जरूरी है क‍ि क‍िसी भी असामान्‍य लक्षण की पहचान समय पर हो जाए। आगे लेख में जानेंगे उषा को हुई हार्ट की बीमारी माइट्रल स्टेनोसिस को व‍िस्‍तार से।

ओपन हार्ट सर्जरी से बची मह‍िला की जान- Open Heart Surgery Saved Life of Woman 

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बाराबंकी में स्‍थ‍ित हिंद अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ और सर्जन डॉ नरेंद्र कुमार ने टू-डी ईको से उषा की जांच की। जांच में सामने आया कि उनके हृदय का माइट्रल वाल्व बंद हो गया है, जिसे मेड‍िकल भाषा में माइट्रल स्टेनोसिस कहा जाता है। यह एक प्रकार की रूमेटिक हार्ट डिजीज है, जिसमें हार्ट का ब्‍लड फ्लो बाधित हो जाता है और मरीज को सांस लेने में तकलीफ, घबराहट और छाती में दर्द जैसी समस्याएं होने लगती हैं। इसका एकमात्र इलाज ओपन हार्ट सर्जरी है। डॉक्टर नरेंद्र कुमार और उनकी टीम ने हाई रिस्क सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम देते हुए माइट्रल वाल्व को आर्टि‍फ‍िश‍ियल मेटल वाल्व से बदल दिया। यह ऑपरेशन लगभग 6-7 घंटे चला और उषा अब स्वस्थ हैं।

माइट्रल स्टेनोसिस क्या है?- What is Mitral Stenosis

माइट्रल स्टेनोसिस एक ऐसी स्थिति है, जिसमें दिल के बाएं हिस्से में मौजूद माइट्रल वाल्व में सिकुड़न आ जाती है और ब्‍लड फ्लो में रुकावट आती है। इसका मुख्य कारण रूमेटिक बुखार होता है, जो लंबे समय तक इलाज न होने पर हार्ट को नुकसान पहुंचाता है।

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माइट्रल स्टेनोसिस के लक्षण- Symptoms of Mitral Stenosis

माइट्रल स्टेनोसिस के कारण- Causes of Mitral Stenosis

  • रूमेटिक फीवर (Rheumatic Fever)
  • कैल्सीफिकेशन (Calcium Buildup)
  • जन्म से ही माइट्रल वाल्व संकरा होना (Congenital Mitral Stenosis)

जान का खतरा कब बनता है?

  • जब माइट्रल वाल्व बहुत संकरा हो जाता है और खून की सप्लाई गंभीर रूप से बाधित होती है।
  • फेफड़ों में पानी भर सकता है (Pulmonary Edema)।
  • खून के थक्के बन सकते हैं, जो स्ट्रोक का कारण बन सकते हैं।
  • हार्ट फेल होना (Heart Failure)

माइट्रल स्टेनोसिस में सर्जरी की प्रक्रिया- Surgical Procedure of Mitral Stenosis

माइट्रल स्टेनोसिस के इलाज के ल‍िए ओपन हार्ट सर्जरी की जाती है ज‍िसमें हार्ट-लंग मशीन का इस्‍तेमाल किया जाता है, जिससे हृदय की पंपिंग को रोककर डॉक्‍टर, खराब माइट्रल वाल्व को हटाकर आर्टि‍फ‍िश‍ियल मेटल वाल्व लगा देते हैं। यह वाल्व पॉलीप्रोपाइलिन और टाइटेनियम से बनी होती है।

आयुष्मान योजना के तहत हुआ मुफ्त इलाज- Free Treatment Under Ayushman Bharat Scheme

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मरीज उषा देवी के पास आयुष्मान भारत योजना कार्ड था, जिसके चलते ऑपरेशन का पूरा खर्च न‍ि:शुल्‍क था। इस उपलब्धि पर संस्थान के अध्यक्ष प्रो. आमोद सचान ने डॉक्टर नरेंद्र कुमार और उनकी टीम को बधाई दी। उन्होंने इसे जिले के लिए एक मेडिकल माइलस्टोन बताया और आशा जताई कि आगे भी जटिल सर्जरी जिले में ही संभव होंगी। डॉ. नरेंद्र कुमार ने बताया कि इस प्रकार का जटिल ऑपरेशन अब तक केवल लखनऊ के बड़े सरकारी और निजी संस्थानों में ही संभव था। बाराबंकी में यह पहली बार हुआ है। पूरी प्रक्रिया में 7-8 सदस्यों की ओटी टीम शामिल रही।

माइट्रल स्टेनोसिस एक गंभीर दिल की बीमारी है, जिसे समय पर पहचानना जरूरी है। सही इलाज और सर्जरी से मरीज की जान बचाई जा सकती है।

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FAQ

  • माइट्रल स्टेनोसिस क्‍या है?

    माइट्रल स्टेनोसिस एक हार्ट कंडीशन है जिसमें दिल के एक वॉल्व (माइट्रल वॉल्व) का रास्ता संकरा हो जाता है। इससे ब्लड फ्लो में रुकावट आती है और शरीर को ऑक्सीजन की कमी हो सकती है।
  • क्‍या माइट्रल स्टेनोसिस जानलेवा है?

    अगर समय पर इलाज न हो, तो माइट्रल स्टेनोसिस सांस फूलने, हार्ट फेल होने या स्ट्रोक जैसी गंभीर स्थितियों का कारण बन सकता है। यह जानलेवा हो सकता है।
  • माइट्रल स्टेनोसिस का इलाज क्‍या है?

    माइट्रल स्टेनोसिस के इलाज में दवाएं दी जाती हैं जिससे लक्षणों में राहत मिले। गंभीर मामलों में सर्जरी या वॉल्व रिप्लेसमेंट की जरूरत होती है ताकि ब्लड फ्लो सामान्य हो सके और दिल पर दबाव न बढ़े।

 

 

 

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