सिजोफ्रेनिया (Schizophrenia) एक ऐसी मानसिक बीमारी है, जो बढ़ी तेजी बढ़ रहा है। हाल ही में आया शोध बताता है कि सिजोफ्रेनिया से पीड़ित व्यक्ति में आत्महत्या (Suicide risk in schizophrenia) करने के चासेंज दोगूने होते हैं। दरअसल सिजोफ्रेनिया से जो लोग पीड़ित होते हैं उनमें आत्महत्या के प्रयासों की भावनाओं अधिक तीव्र होती है। इनमें आत्महत्या की रोकथाम करना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि सिजोफ्रेनिया वाले लोग कभी-कभी आत्मघाती विचारों पर आवेग और चेतावनी के बिना कार्य कर सकते हैं। इसलिए आवश्यक है कि सिजोफ्रेनिया से पीड़ित व्यक्ति के लिए स्वास्थ्य देखभाल कर्मी, परिवार के सदस्य और दोस्त जागरूक रहें और जानते हैं कि क्या करना है।
शोध में हुआ खुलासा
एक विकार के रूप में सिजोफ्रेनिया विभिन्न लक्षणों को दर्शाता है, जो रोगियों में अलग-अलग रूप से व्यक्त होते हैं और बीमारी के दौरान भी भिन्न होते हैं। सिजोफ्रेनिया रिसर्च जर्नल (Schizophrenia Research journal) में प्रकाशित एक नए अध्ययन में कहा गया है कि सिजोफ्रेनिया से पीड़ित लोगों में आत्महत्या की दर अधिक है। इस विषय पर अब तक का सबसे बड़ा अध्ययन माना जाता है, जिसमें 20 वर्षों तक 75,000 रोगियों के आंकड़ों की जांच की गई। अध्ययन में कहा गया है कि सिज़ोफ्रेनिया स्पेक्ट्रम विकारों वाले लोगों की आत्महत्या की दर सामान्य आबादी से 170 गुना अधिक है।
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एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सीएएमएच इंस्टीट्यूट फॉर मेंटल हेल्थ पॉलिसी रिसर्च के प्रमुख लेखक डॉ. जुवेरिया जहीर ने कहा, "यह अध्ययन हमें यह सिखाता है कि हालांकि एसएसडी वाले लोग आत्महत्या के लिए अधिक जोखिम में हैं, पर हम उन्हें नीति और उपचार में परिवर्तन करके बचा सकते हैं।” रिसर्च में बताया गया है कि अतीत में, चिकित्सकों ने मनोविकृति के इलाज पर ध्यान केंद्रित किया है जो पहली पहली बार दिखाई देता है। इस अध्ययन से पता चलता है कि इस बीमारी के उपचार में आत्महत्या की रोकथाम सुरक्षा योजना शुरुआत से ही शामिल है।
स्किजोफ्रेनिया रोगियों में आत्महत्या के लिए जोखिम कारक (Risk Factors for Suicide in Schizophrenia)
सिजोफ्रेनिया से पीड़ित लोग युवा, पुरुष, श्वेत और कभी शादी नहीं करने पर आत्महत्या करने की अधिक संभावना रखते हैं। वहीं इन लोगों में आत्महत्या करने का जोखिम अधिक होता है:
- -30 वर्ष से कम आयु के पुरुष में
- -एक उच्च बुद्धि वाले व्यक्ति में
- -किशोर और युवा वयस्कों में
सिजोफ्रेनिया के सबसे आम लक्षण:
- -खोया रहना, लक्ष्यहीनता और सामाजिक कटाव महसूस करना।
- - खुद को मुस्कुराते हुए रखना।
- - भ्रम और मतिभ्रम और असामान्य शारीरिक संवेदनाओं के रूप में सोच और धारणा में गड़बड़ी।
- -इनमें लगातार भ्रम हो सकता है, जो सांस्कृतिक रूप से अनुचित और असंभव हैं, जैसे कि अलौकिक शक्तियां और क्षमताओं को महसूस करना या ऐसा महसूस करना कि कोई उनकी जासूसी या पीछा कर रहा हो।
- - आवाजें सुन सनाई देना या चित्र दिखाई देना, जो वास्तव में मौजूद नहीं हो सकते हैं।
- -अप्रासंगिक या असंगत बातें करना।
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इस अध्ययन के लिए अगले कदम के बारे में बात करते हुए, डॉ. ज़हीर ने टिप्पणी की, “अब जब हम जानते हैं कि क्या हो रहा है, तो हमें बेहतर समझने की आवश्यकता है कि क्यों सिजोफ्रेनिया वाला व्यक्ति अपने आप को खत्म करने की कोशिश करता है। रिसर्च में ये भी कहा गया है कि व्यक्तियों में इसके अन्य कारण भी देखे गए हैं, पर हमें आत्महत्या की कोशिश करने वाले लोगों पर अधिक शोध करना होगा।
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