
प्रीमैच्योर मेनोपॉज महिलाओं में होने वाली एक समस्या है। आमतौर पर यह स्थिति महिलाओं में 45 की उम्र के बाद होती है, लेकिन कुछ महिलाएं समय से पहले ही इसका शिकार हो जाती हैं। इस स्थिति को मेनोपॉज के नाम से जाना जाता है। हाल ही में 26 वीं यूरोपियन कॉन्ग्रेस ऑफ एंड्रोक्रिनोलॉजी, फिनलैंड द्वारा की गई एक स्टडी के मुताबिक प्रीमैच्योर मेनोपॉज वाली महिलाओं में हार्ट की बीमारियों से मरने का खतरा ज्यादा रहता है। चलिए विस्तार से जानते हैं इस स्टडी के बारे में।
क्या कहती है स्टडी?
स्टडी के शोधकर्ताओं की मानें तो अगर महिलाओं में प्रीमेच्योर मेनोपॉज की समस्या 40 की उम्र से पहले हो जाती है तो इस मामले में हार्ट से जुड़ी बीमारियों से मरने का जोखिम दोगुना तक बढ़ जाता है। इस स्टडी के तहत 5800 महिलाओं की निगरानी की गई। स्टडी में शामिल कुल महिलाओं में से 5800 महिलाएं ऐसी थीं, जिन्हें प्रीमेच्योर मेनोपॉज की समस्या थी। वहीं, 23, 000 महिलाएं ऐसी थीं, जिन्हें यह समस्या नहीं थी। नतीजा यह निकलकर सामने आता है कि प्रीमेच्योर मेनोपॉज वाली महिलाओं में हार्ट डिजीज से मरने का खतरा दो गुना तो कैंसर से मरने का खतरा 4 गुना तक ज्यादा रहता है।

प्रीमेच्योर मेनोपॉज के कारण
- महिलाओं में समय से पहले मेनोपॉज होने के पीछे बहुत से कारण जिम्मेदार हो सकते हैं।
- हाइपोथायरायडिज्म और ऑटोइम्यून डिसऑर्डर होने पर भी आपको यह समस्या हो सकती है।
- कई बार वेजाइना में होने वाली ड्राइनेस के साथ ही मूत्राशय से जुड़ी समस्या होने पर भी प्रीमेच्योर मेनोपॉज हो सकता है।
- अगर आपकी हाल ही में कोई सर्जरी या फिर कीमोथेरेपी हुई है तो भी यह समस्या हो सकती है।
- स्मोकिंग करने के साथ ही इंफेक्शन होने पर भी आपको जल्दी मेनोपॉज हो सकता है।
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प्रीमेच्योर मेनोपॉज के लक्षण
- प्रीमेच्योर मेनोपॉज होने पर शरीर में कई बदलाव दिख सकते हैं।
- प्रीमेच्योर मेनोपॉज होने पर आपको हॉट फ्लशेज के साथ ही साथ ब्रेन फॉग भी हो सकता है।
- प्रीमेच्योर मेनोपॉज होने पर मूड बदलने के साथ ही सिर में दर्द जैसी स्थिति बनी रह सकती है।
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