तनाव और चिंता दो बड़े कंफ्यूजिंग शब्द हैं। दोनों के बीच इतना कम अंतर है कि कई बार अपने परेशानी को बड़ा बताने के चक्कर में हम तनाव को चिंता मान लेते हैं और कई बार परेशानी को छिपाने के चक्कर में चिंता को तनाव बता देते हैं। तनाव (Tension) और चिंता (Anxiety) दोनों ही मानसिक स्वास्थ्य के लिहाज से बुरे हैं। लेकिन आप इसे ऐसे समझ सकते हैं कि तनाव कम खतरनाक है और चिंता ज्यादा खतरनाक है। कारण यह है कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए, सफलता प्राप्त करने के लिए और संघर्षों का सामना करने के लिए थोड़ी बहुत टेंशन हर आदमी लेता है। लेकिन अगर यही तनाव हद से ज्यादा बढ़ जाए, तो चिंता बन जाती है, जो कि अच्छी बात नहीं है।
तनाव या चिंता की असल जड़ आपका मन है। इसलिए मन को शांत रखें तो आप तनाव या चिंता से छुटकारा पा सकते हैं। इस लेख में हम आपको मन को शांत करने के ही कुछ प्राकृतिक तरीके बता रहे हैं, जिनसे आपको बड़ा फायदा मिलेगा। इससे आपको अपना जीवन कभी भी बोझ नहीं लगेगा और जीवन की चुनौतियों से लड़ने की हिम्मत भी बढ़ेगी।
बच्चों या दोस्तों के साथ समय बिताएं
अगर आपके घर में या आसपास बच्चे हैं, तो उनके साथ रोजाना थोड़ा समय जरूर बिताएं। बच्चे आपकी एक नई जीवन दृष्टि देते हैं। अगर आपको बच्चे नहीं पसंद हैं तो आप अपने दोस्तों के साथ मिलें-जुलें और बातें शेयर करें। बच्चों या दोस्तों के साथ समय बिताने से आपको अच्छा महसूस होगा। अगर आप मां या पिता बन चुके हैं, तब तो आपके बच्चे के साथ समय बिताना न सिर्फ आपके लिए बल्कि आपके बच्चे के लिए भी बहुत अच्छा है। इससे आपकी आपके बच्चे के साथ बॉन्डिंग अच्छी होती है। बच्चे दुनिया के सबसे अच्छे स्ट्रेस बस्टर हैं।
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अपनी धार्मिक मान्यता के अनुसार पुस्तकें पढ़ें
अगर आप धार्मिक हैं, तो बहुत अच्छी बात है। धर्म आपको जीवन की चुनौतियों से निपटने की शक्ति देता है और कुछ गलत करने पर या अनहोनी होने पर आपको इसके पश्चाताप से भी मुक्त करता है। दुनिया के लगभग सभी धर्म ग्रंथ आपको एक आदर्श जीवनशैली जीना सिखाते हैं। इसलिए अपने धर्म के बारे में जानें, इसके लिए पुस्तकें पढ़ें, अपनी धार्मिक मान्यता के आधार पर धर्म स्थलों पर जाएं और चिंतन करें। अगर आप नास्तिक हैं, तो नास्तिकता के बारे में पुस्तकें पढ़ें। इन सभी में मन न लगे तो थोड़ा साहित्य पढ़ें, दर्शन पढ़ें या कोई अन्य पुस्तक पढ़ें। मगर पढ़ें जरूर क्योंकि पढ़ने से तनाव कम होता है।
असफलता को नकारात्मक नजरिये से मत देखें
जीवन सिर्फ सफलता का नाम नहीं है। सामान्य लोग हों या विशेष लोग, सभी का जीवन सैकड़ों असफलताओं के बाद कहीं एक-दो सफलताओं से भरा होता है। इसलिए आपको हमेशा अपनी सफलता के लिए प्रेरित होना चाहिए और मेहनत करनी चाहिए, लेकिन अगर आप असफल हो जाते हैं, तो इसे निराश नहीं होना चाहिए और न ही इसे नकारात्मक अर्थ में देखना चाहिए। असफलता का मतलब सिर्फ इतना है कि अभी आप सफलता के लिए पूर्ण रूप से तैयार नहीं हैं। आपको अपनी रणनीति बदलने की जरूरत है या फिर मेहनत और अधिक ध्यान से काम करने की जरूरत है। इसके अलावा यह भी ध्यान रखें कि काम सही है या गलत इसका निर्णय आप स्वयं करें, न कि अन्य लोगों के कहने पर मान लें।
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काम को लिखने की आदत डालें
अगर आप काफी व्यस्त रहते हैं और चीजों को भूल जाते हैं, तो ये भी तनाव का एक बड़ा कारण हो सकता है। इसलिए बेहतर होगा कि आप अपने पास एक छोटी सी पॉकेट डायरी रखें, जिसमें रोज सुबह दिनभर किए जाने वाले कामों को लिखें। इससे आप कामों को भूलेंगे नहीं, गलतियां करने से बचेंगे और आपका तनाव भी कम होगा क्योंकि आप तय समय में काम आसानी से कर पाएंगे। ये न सोचें कि आप तो ऐसा कुछ करते ही नहीं हैं कि उसे डायरी में लिखा जाए। बल्कि अपनी छोटी-छोटी आदतों और कामों को भी डायरी में लिखें। इससे बाद में आपको ये आंकलन करने में आसानी होगी कि आप जीवन में क्या कर रहे हैं और कितना सफल हो रहे हैं।
ध्यान करें
मेडिटेशन यानी ध्यान तनाव को कम करने का सबसे अच्छा उपाय है। रोजाना थोड़ा समय मेडिटेशन करना चाहिए, ताकि आपकी मानसिक ऊर्जा सही दिशा में काम करने के लिए ट्रेन हो सके। ध्यान के साथ-साथ अगर आपको संगीत में रूचि है, तो संगीत सुनें। अगर आपको डांस करना पसंद है तो डांस करें। यानी अपनी कुछ हॉबीज जरूर बनाएं ताकि आपकी क्रिएटिव ऊर्जा कहीं न कहीं निकल सके।
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