मानसिक स्वास्थ्य को लोग बहुत हल्के में लेते हैं। पर ऐसा करना एक दिन कोई बड़ी परेशानी ला सकती है। दरअसल विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें, तो पूरे विश्व में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी बीमारियां बड़ी तेजी से फैल रही हैं। ज्यादातर 40 वर्ष की कम उम्र के लोग मानसिक बीमारियों (Poor Mental Health) के शिकार हो रहे हैं और इसके चलते आत्महत्या करने जैसे घटना तेजी से बढ़ रही हैं। पर ऐसे में जरूरत है कि आप अगर महसूस कर रहे हैं कि आपका मानसिक स्वास्थ्य ठीक नहीं है, तो आपको इसके लिए बात करनी होगी। चुप रह कर आप खुद को मारेंगे और दुनिया से पहले आप खुद से दूर हो जाएंगे। आज हम आपके लिए कुछ ऐसे ही टिप्स लाएं हैं, जिसकी मदद से आप खुद को संभालते हुए अपने मानसिक स्वास्थ्य के बारे में लोगों से बात कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं इनके बारे में।
अपनी भावनाओं से भागें नहीं
दरअसल जब आप अपनी भावनाओं से भाग रहे होतें हैं तो आप असल में खुद से भाग रहे होते हैं। वहीं यही सबसे बड़ी समस्या है जब आप खुद को नजरअंदाज करने लगते हैं। हमें कोशिश करनी चाहिए कि हम अपने डर का सामना करें बेहतर तरीके से इससे बाहर आएं। तो आपको अपनी भावनाओं पर बात करते हुए अपने घर वालों और माता-पिता से बात करने की कोशिश करनी चाहिए। इस तरह आप उनसे दूर भागने के बजाय उन पर काम कर सकें। यह वास्तव में आपको मानसिक रूप से मजबूत बनाएगा।
इसे भी पढ़ें : Mental Health & Work-Life Balance: जानें इंसान की पहचान के 5 सबसे जरूरी आधार और उन्हें बैलेंस करने के 5 टिप्स
अपनी भावनाओं को समझें
अब जब आप जो भी महसूस कर रहे हैं उससे निपटने के लिए अपना मन बना चुके हैं, तो आपको अपनी भावनाओं को समझने की कोशिश करनी चाहिए। चाहे आप दुखी हों, क्रोधित हों, चिंतित हों या उदास हों आपको समझना होगा कि आपको असल में यही महसूस हो रहा है। इसके बाद आपको इस फिलिंग को छिपाने की कोशिश करनी चाहिए। कई बार, हम अपनी भावनाओं को मिलाते हैं। उदाहरण के लिए, हमें लगता है कि हम दुखी हैं लेकिन यह अवसाद हो सकता है। इसलिए आपको ऐसे में खुल कर चीजों को पहचानने की कोशिश करनी चाहिए।
खुद को सीमित करना बंद करें
अपनी भावनाओं को सीमित मत करें। आपको जो मन हो, जैसा मन हो करें आप। अगर आपको अच्छा खाना खाने का मन है तो इसे खाएं, अगर आपको नाचने का मन है तो डांस करें, अगर आपको किसी से बात करने का मन है तो बात करें। बस ध्यान रखें कि अपनी भावनाओं को सीमित न रखें क्योंकि यह आपकी नकारात्मक भावनाओं को बढ़ा सकता है और आपको गहरी परेशानी में डाल सकता है।
इसे भी पढ़ें : सेहतमंद जिंदगी के लिए शरीर और मन दोनों की फिटनेस है जरूरी, जानें 5 वेलनेस टिप्स जो रखेंगी आपकी उम्र भर हेल्दी
योग की मदद लें और खुद को थोड़ा समय दें
आपका मूड यू-टर्न ले सकता है, तो मूड को यू-टर्न लेने दें और जो आपको अच्छी लगे वहीं करें। आप योगा करें और और खुद को थोड़ा वक्त दें। गहरी सांस लेना वाला ध्यान एक ऐसी तकनीक है जो आजकल लोग अपने मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने और खुद को शांत करने के लिए कर रहे हैं। बस एक गहरी सांस लें और अपने फेफड़ों को थोड़ा आराम दें। आप चाहें, तो अपनी नकारात्मकता को खत्म करने के लिए जगह बदल दें। साथ ही कोशिश करें कि एक अच्छी नींद लें। वास्तव में, जर्नल ऑफ स्लीप रिसर्च में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन से पता चलता है कि अपर्याप्त नींद लेना भावनात्मक प्रतिक्रियाओं पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
Read more articles on Mind-Body in Hindi