अधिकतर लोगों को लगता है कि तनाव या डिप्रेशन केवल आपके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। जबकि सच बात ये है कि यह दोनों एक ऐसी स्थिति हैं, जो आपके मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ शारीरिक स्वास्थ्य को भी बुरी तरह प्रभावित करती हैं। कई बार आप अपनी कुछ शारीरिक समस्याओं की वजह नहीं समझ पाते हैं, लेकिन हो सकता है की उनके पीछे की छिपी वजह आपका मानसिक स्वास्थ्य हो। अधिकांश लोगों को डिप्रेशन से शरीर पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों के बारे में पता नहीं होता है। जबकि डिप्रेशन और तनाव आपकी शारीरिक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं और समस्या को और भी बदतर कर सकते हैं। आइए यहां हम आपको तनाव या डिप्रेशन से शरीर पर पड़ने वाले बुरे प्रभावों के बारे में बता रहे हैं, जिससे आप सावधान होकर कुछ सकारात्मक कदम उठा सकें।
वजन बढ़ना और वजन कम होना
वैसे माना जाता है कि कुछ हद तक का स्ट्रेस आपके लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन जब स्ट्रेस लेवल बढ़ जाए, तो वह डिप्रेशन में बदल सकता है। ज्यादा तनाव या डिप्रेशन का सीधा असर आपके मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ आपके शारीरिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। हर किसी में डिप्रेशन और तनाव का अलग-अलग असर होता है। ऐसे में कुछ लोगों की भूख-प्यास मिट जाती है, तो कुछ लोगों की भूख बढ़ जाती है। इस तरह डिप्रेशन और तनाव आपके अचानक वजन बढ़ने और वजन घटने का कारण भी बन सकता है।
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पाचन संबंधी समस्याओं को पैदा करें
डिप्रेशन और तनाव जैसी मानसिक समस्याएं पाचन संबंधी समस्याओं को भी ट्रिगर करती हैं। डिप्रेशन से पीड़ित लोग दस्त, मतली, कब्ज और उल्टी जैसी पाचन समस्याओं को महसूस कर सकते हैं। तनाव और डिप्रेशन के कारण खाने के पैर्टन में भी बदलाव हो सकता है।
स्किन प्राब्लम्स और इंफ्लेमेशन
डिप्रेशन और तनाव स्किन प्राब्लम्स के साथ-साथ दर्द और इंफ्लेमेशन का भी कारण बन सकता है। हमारा माइंड और बॉडी आपस में एक दूसरे से जुड़े हैं, यही वजह है कि डिप्रेशन और तनाव के कारण बालों की समस्याओं, त्वचा की समस्याओं, शरीर के दर्द और इंफ्लेमेशन को ट्रिगर करते हैं। इसके अलावा, 2010 में प्रकाशित शोध से पता चलता है कि डिप्रेशन इंफ्लेमेशन और प्रतिरक्षा में परिवर्तन से जुड़ा हुआ है। इसके कारण शरीर के विभिन्न हिस्सों में दर्द का अनुभव हो सकता है। स्वस्थ खानपान से डिप्रेशन के लक्षणों को कम किया जा सकता है।
हृदय रोगों का खतरा
अधिक चिंता, तनाव और डिप्रेशन सीधा-सीधा दिल की बीमारियों को ट्रिगर कर सकता है। यह उन कारकों को प्रभावित करता है, जो हृदय रोग के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। जैसे- खराब जीवन शैली और खानपान की आदतें। इसलिए आप चिंता होने पर चिंता दूर करने की आसान ट्रिक्स अपना सकते हैं। ऐसा करने से चिंता वहीं खत्म होगी और बात डिप्रेशन की स्थिति तक नहीं पहुंचेगी।
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पहले से मौजूद स्वास्थ्य समस्याओं को बदतर बनाए
तनाव, डिप्रेशन और चिंता आपकी पुरानी स्वास्थ्य स्थितियों के लक्षणों को और अधिक बिगाड़ व खराब हो कर सकते हैं। इसलिए समय से तनाव, चिंता और डिप्रेशन की स्थिति को कंट्रोल करना जरूरी है।
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