African swine fever: केरल में इस बीमारी को लेकर अलर्ट जारी! बताया जा रहा है बेहद संक्रामक

African swine fever: केरल में अफ्रीकी स्वाइन फीवर को लेकर अलर्ट जारी की है,ऐसे में जानते हैं क्या है बीमारी? इसे लेकर क्यों कहा जा रहा है कि ये संक्रामक है, जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
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African swine fever: केरल में इस बीमारी को लेकर अलर्ट जारी! बताया जा रहा है बेहद संक्रामक


African swine fever: केरल में अत्यधिक संक्रामक और जानलेवा सूअर रोग को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। दरअसल, इस संक्रामक बीमारी का नाम है अफ्रीकी स्वाइन फीवर। रिपोर्ट की मानें तो शनिवार को कोट्टायम जिले के कुमारकोम ग्राम पंचायत के एक खेत में अफ्रीकी स्वाइन फीवर के फैलने की सूचना मिली है। यहां के अधिकारियों ने प्रभावित फार्म के 10 किलोमीटर के दायरे में सभी सूअरों को मार देने का आदेश जारी किया है। इतना ही नहीं, प्रभावित क्षेत्रों में सूअर के मांस का वितरण और इसे बेचने वाली दुकानों का संचालन निलंबित कर दिया गया है। साथ ही आस पास के लोगों को इस बीमारी के लक्षणों को लेकर सर्तक रहने का सुझाव दिया गया है। ऐसे में जानते हैं अफ्रीकी स्वाइन फीवर क्या है, इसके लक्षण क्या है? साथ ही इस बीमारी से बचाव के लिए किन बातों का ख्याल रखें।

अफ्रीकी स्वाइन फीवर क्या है-What is African swine fever in hindi

अफ्रीकी स्वाइन फीवर एक घातक और अत्यधिक संक्रामक वायरल रोग है जो सूअरों को प्रभावित करता है और इनके संपर्क में रहने वाले इंसान भी इस बीमारी के संपर्क में आ सकते हैं। यह रोग सूअरों की आबादी और सूअर पालकों की आजीविका के लिए एक गंभीर खतरा है। यह वायरस सूअर के मांस से बने उत्पादों में जीवित रह सकता है। इतना ही नहीं, सूअरों के दूषित चारे, औद्योगिक उपकरणों, परिवहन या यहां तक कि जंगली सूअरों के बीच सीधा संपर्क भी इस वायरस को फैला सकता है।

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क्यों बेहद संक्रामक बताया जा रहा है ये वायरस?

अफ्रीकी स्वाइन फीवर को इसलिए भी बेहद संक्रामक बताया जा रहा है क्योंकि इस फीवर का कोई प्रभावी उपचार या टीका नहीं है, इसलिए रोकथाम और नियंत्रण एक सख्त उपाय है। इसलिए जरूरी है इसके लक्षणों पर नजर रखें और बचाव के उपायों को अपनाएं।

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अफ्रीकी स्वाइन फीवर के लक्षण

अफ्रीकी स्वाइन फीवर के लक्षणों में तेज बुखार के साथ मुंह लाल हो सकता है। इतना ही नहीं सांस लेने में तकलीफ हो सकती है और साथ ही खूनी उल्टी व दस्त की समस्या हो सकती है। इसके अलावा इंफेक्शन गंभीर होने पर अचानक ही कुछ घंटों में मृत्यु हो सकती है। इसलिए जरूरी है कि कुछ बातों का ध्यान रखें।

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बचाव के लिए सरकारी आदेश

अफ्रीकी स्वाइन फीवर से बचाव के लिए जरूरी है कि जूतों, वाहनों, औजारों को डिसइंफेक्टेंट लगाकर साफ करें और फार्म पर आने वाले लोगों के लिए प्रवेश प्रतिबंधित करें।प्रभावित और स्वस्थ झुंडों को 28 दिनों के लिए अलग रखें। अज्ञात स्रोतों से बेकार चारा या किसी भी प्रकार का खाद्य अपशिष्ट बिल्कुल न दें। किसी भी लक्षण के बारे में अपने क्षेत्र के पशु चिकित्सा अधिकारियों को जल्द से जल्द सूचित करें और अंत में सूअरों, सूअर के मांस के उत्पादों को खाने से बचें।

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  • Oct 06, 2025 12:28 IST

    Published By : Pallavi Kumari

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