Doctor Verified

सिलिकॉन बेस्ड प्राइमर लगाने से त्‍वचा को हो सकते हैं ये 5 नुकसान, गलती से भी न करें नजरअंदाज

सिलिकॉन बेस्ड प्राइमर के इस्‍तेमाल से ब्रेकआउट्स, प‍िंपल्‍स, स्‍क‍िन इर‍िटेशन और रेडनेस जैसी समस्‍याएं हो सकती हैं। इनके इस्‍तेमाल से बचना चाह‍िए।
  • SHARE
  • FOLLOW
सिलिकॉन बेस्ड प्राइमर लगाने से त्‍वचा को हो सकते हैं ये 5 नुकसान, गलती से भी न करें नजरअंदाज


आजकल मेकअप करने से पहले प्राइमर लगाना आम बात हो गई है, ताकि स्किन स्मूद दिखे और मेकअप ज्यादा देर तक टिका रहे। इनमें सबसे ज्‍यादा इस्तेमाल होने वाला प्राइमर है सिलिकॉन बेस्ड प्राइमर, जो चेहरे पर एक सॉफ्ट और फ्लॉलेस फिनिश देता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जो प्राइमर आपकी स्किन को खूबसूरत दिखाने में मदद कर रहा है, वो आपकी त्वचा की सेहत के लिए खतरनाक भी हो सकता है? 20 वर्षीय पूजा राणा दि‍ल्‍ली की न‍िवासी हैं और रोजाना ऑफिस जाने से पहले सिलिकॉन बेस्ड प्राइमर का इस्तेमाल करती थीं। कुछ ही महीनों में उनके चेहरे पर छोटे-छोटे दाने, पिंपल्स और स्किन डलनेस दिखने लगी। डॉक्टर की सलाह पर जब उन्होंने प्राइमर का इस्तेमाल बंद किया, तो उनकी त्वचा धीरे-धीरे ठीक होने लगी। इस तरह की समस्या सिर्फ पूजा की नहीं, कई लोगों की होती है। Dr. Atula Gupta, Chief Dermatologist and Medical Director, Skinaid Clinic, Gurgaon ने बताया क‍ि सिलिकॉन बेस्ड प्राइमर लगाने के बाद चेहरा अच्छा, तो दिखता है, लेकिन लंबे समय तक इसे इस्तेमाल करने से स्किन पर बुरा असर डाल सकता है। इस लेख में हम जानेंगे इसके नुकसान, इसके इंग्रीडिएंट्स और स्किन पर प्रभाव के बारे में।

सिलिकॉन बेस्ड प्राइमर के इंग्रीडिएंट्स और स्किन पर असर- Ingredients of Silicone-based Primer and Impact on Skin

silicon-based-primers

  • सिलिकॉन बेस्ड प्राइमर में मुख्य रूप से डाइमेथिकोन (Dimethicone), साइक्लोपेंटासिलोक्सेन (Cyclopentasiloxane) और सिलिका (Silica) जैसे कंपाउंड्स होते हैं।
  • ये इंग्रीडिएंट्स स्किन की ऊपरी परत पर एक कोटिंग बना देते हैं, जिससे स्किन सॉफ्ट और इवन दिखाई देती है।
  • लेकिन यह कोटिंग स्किन के पोर्स को बंद कर सकती है, जिससे स्किन की नेचुरल ब्रीदिंग प्रक्रिया प्रभावित होती है।
  • लंबे समय तक इसका लगातार यूज करने से स्किन पर ब्रेकआउट्स, ऑयलीनेस और जलन जैसी समस्याएं दिख सकती हैं।

1. पोर्स का बंद हो जाना- Clogging of Skin Pores

सिलिकॉन बेस्ड प्राइमर स्किन पर एक लेयर बना देता है, जिससे स्किन के पोर्स बंद हो सकते हैं। इससे स्किन में ऑयल और गंदगी फंस जाती है, जिससे ब्लैकहेड्स और व्हाइटहेड्स की समस्या होने लगती है।

इसे भी पढ़ें- झुर्रियों वाली त्‍वचा के ल‍िए हान‍िकारक हैं ये 5 स्किन प्रोडक्ट्स, बढ़ा सकते हैं एजिंग साइन्स

2. पिंपल्स और ब्रेकआउट्स बढ़ना- Increase in Pimples and Breakouts

लगातार सिलिकॉन प्राइमर यूज करने से स्किन पर पिंपल्स निकलना शुरू हो सकते हैं। यह खासतौर पर उन लोगों में ज्यादा होता है जिनकी स्किन ऑयली या सेंसिटिव होती है।

3. त्वचा में डलनेस- Dullness of Skin

शुरुआत में प्राइमर स्किन को ग्लोइंग दिखा सकता है, लेकिन धीरे-धीरे स्किन अपनी नेचुरल चमक खो सकती है क्योंकि सिलिकॉन की परत स्किन की नमी को बाहर आने से रोकती है।

4. एलर्जी रिएक्शन- Allergic Reaction

कुछ लोगों को सिलिकॉन बेस्ड प्राइमर से एलर्जी हो सकती है, जिससे त्‍वचा में खुजली, रेडनेस और जलन जैसी समस्याएं होने लगती हैं।

5. प्रीमेच्‍योर स्किन एजिंग- Premature Skin Aging

जब स्किन पर लगातार केमिकल्स की परत बनती रहती है, तो त्वचा की कोशिकाओं को पोषण नहीं मिल पाता। इससे स्किन एज‍िंग साइन्‍स जैसे फाइन लाइन्स और झुर्रियां जल्दी दिख सकती हैं।

प्राइमर की जगह ये सुरक्ष‍ित उपाय अपनाएं- Healthy Alternative of Primer

  • अगर आप प्राइमर की जगह नेचुरल और आसान उपाय अपनाना चाहते हैं, तो सबसे पहले अपनी स्किन को अच्छे से क्लींजर से साफ करें ताकि धूल-मिट्टी और एक्स्ट्रा ऑयल हट जाए।
  • इसके बाद स्किन टाइप के हिसाब से हल्का मॉइश्चराइजर लगाएं, जिससे त्वचा में नमी बनी रहे।
  • इसके अलावा, चेहरे पर बर्फ की हल्की मसाज भी स्किन को टाइट और स्मूद करने में मदद करती है। इन नेचुरल स्टेप्स से आपकी स्किन हेल्दी रहेगी और प्राइमर की जरूरत भी महसूस नहीं होगी।
  • मार्केट में वॉटर-बेस्ड प्राइमर या एलोवेरा और ग्रीन टी जैसे नेचुरल इंग्रीडिएंट्स से बने प्राइमर मिलते हैं, जो स्किन के लिए हल्के होते हैं और पोर्स को बंद नहीं करते। ये प्राइमर स्किन को ब्रीद करने का मौका देते हैं।
  • इसके अलावा, अगर आपकी स्किन ऑयली है, तो मैटिफाइंग प्राइमर आपके लिए सही रहेगा, जो स्किन का ऑयल बैलेंस कंट्रोल करता है।
  • वहीं, ड्राई स्किन वालों के लिए हाइड्रेटिंग प्राइमर बेहतर है, जो स्किन में नमी बनाए रखता है।
  • स्किन को अच्छी तरह से क्लीन और मॉइश्चराइज जरूर करें। इससे प्राइमर की जरूरत भी कम हो जाती है और स्किन हेल्दी बनी रहती है।
  • अगर आप प्राइमर चुनें, तो उसके इंग्रीडिएंट्स की लिस्ट जरूर पढ़ें और कोशिश करें कि उसमें मिनिमल केमिकल्स और ज्यादा नेचुरल कंपाउंड्स हों।

सिलिकॉन बेस्ड प्राइमर को लगाने के बाद चेहरा अच्छा, तो दिखा सकता है, लेकिन अगर आपकी स्किन सेंसिटिव या ऑयली है, तो यह कई समस्याओं को जन्म दे सकता है। इसल‍िए इसके इस्‍तेमाल से बचें।

उम्‍मीद करते हैं क‍ि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। इस लेख को शेयर करना न भूलें।

FAQ

  • सिलिकॉन आधारित प्राइमर क्या है?

    सिलिकॉन आधारित प्राइमर एक तरह का मेकअप प्रोडक्ट होता है, जिसमें डाइमेथिकोन जैसे सिलिकॉन कंपाउंड्स होते हैं। यह त्वचा की सतह पर एक स्मूद लेयर बनाकर पोर्स को फिल करता है ताकि मेकअप बेहतर तरीके से और लंबे समय तक टिका रहे।
  • सिलिकॉन त्वचा के लिए अच्छा है या बुरा?

    सिलिकॉन त्वचा को तुरंत स्मूद और फ्लॉलेस लुक देता है, लेकिन लंबे समय तक इस्तेमाल करने पर यह पोर्स को बंद कर सकता है, जिससे पिंपल्स, ब्लैकहेड्स और डलनेस जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यानी सिलिकॉन कुछ समय के लिए ठीक होता है, पर नियमित यूज़ पर नुकसानदेह हो सकता है।
  • सिलिकॉन कितना हानिकारक है?

    सिलिकॉन खुद बहुत टॉक्सिक नहीं होता, लेकिन यह त्वचा की नेचुरल ब्रीदिंग को रोकता है और यह त्‍वचा में गंदगी व ऑयल को फंसा सकता है। इससे स्किन पर जलन, ब्रेकआउट्स और समय से पहले उम्र के लक्षण दिख सकते हैं। 

 

 

 

Read Next

त्‍वचा पर मुल्‍तानी म‍िट्टी लगाने से पहले इन 5 बातों पर करें गौर, वरना स्‍क‍िन को होगा नुकसान

Disclaimer