मुल्तानी मिट्टी को स्किन के लिए एक नेचुरल और असरदार उपाय माना जाता है। खासतौर पर ऑयली स्किन और पिंपल्स की समस्या में लोग इसे बड़े विश्वास से इस्तेमाल करते हैं। इसमें मौजूद नेचुरल मिनरल्स त्वचा की गहराई से सफाई करते हैं और स्किन को फ्रेश बनाते हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि अगर इसे सही तरीके से न लगाया जाए या कुछ सावधानियों का ध्यान न रखा जाए, तो यह आपकी त्वचा को नुकसान भी पहुंचा सकती है? लखनऊ के विकास नगर में स्थित प्रांजल आयुर्वेदिक क्लीनिक के डॉ मनीष सिंह ने बताया कि अगर आपकी स्किन ड्राई, सेंसिटिव या पहले से किसी स्किन प्रॉब्लम से जूझ रही है, तो मुल्तानी मिट्टी के इस्तेमाल के दौरान की गई लापरवाही भारी पड़ सकती है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि मुल्तानी मिट्टी लगाने से पहले किन बातों पर गौर करना चाहिए ताकि आप स्किन को सुरक्षित रखते हुए इसके फायदों का लाभ उठा सकें।
1. बार-बार इस्तेमाल से बचें- Avoid Overuse of Multani Mitti
मुल्तानी मिट्टी को जरूरत से ज्यादा बार लगाने से स्किन की नेचुरल नमी खत्म हो सकती है। यह त्वचा को जरूरत से ज्यादा ड्राई कर सकती है, जिससे स्किन में खिंचाव और रैशेज होने लगते हैं। बार-बार इसका इस्तेमाल करने से स्किन की ऑयल प्रोडक्शन प्रक्रिया गड़बड़ा सकती है। इससे स्किन का नेचुरल ग्लो भी धीरे-धीरे कम हो सकता है।
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2. जलन वाली स्किन पर मुल्तानी मिट्टी न लगाएं- Don’t Apply Multani Mitti on Irritated Skin
अगर चेहरे पर कट, जलन या किसी तरह की चोट है, तो वहां मुल्तानी मिट्टी न लगाएं। यह स्किन इंफेक्शन को बढ़ा सकती है और जलन भी पैदा कर सकती है। ऐसे में त्वचा की हीलिंग में देरी हो सकती है। पहले त्वचा पूरी तरह से ठीक होने दें फिर ही इस्तेमाल करें।
3. सही सामग्री के साथ मिलाएं मुल्तानी मिट्टी- Always Mix Multani Mitti With Suitable Ingredients
मुल्तानी मिट्टी को हमेशा गुलाब जल, दही या एलोवेरा जैसे स्किन-फ्रेंडली इंग्रीडिएंट्स के साथ मिलाकर लगाएं। इससे यह स्किन के लिए हेल्दी रहेगी और ड्राईनेस भी नहीं होगी। नींबू या सिरका जैसे हार्श इंग्रीडिएंट्स से बचें, ये स्किन को ज्यादा इरिटेट कर सकते हैं। हर स्किन टाइप के लिए सही इंग्रीडिएंट्स का चुनाव जरूरी है।
4. ड्राई और सेंसिटिव स्किन पर लिमिटेड यूज करें- Limit Use for Dry or Sensitive Skin
ड्राई या सेंसिटिव स्किन वाले लोगों को मुल्तानी मिट्टी का इस्तेमाल बहुत सोच-समझकर करना चाहिए। यह स्किन को और ज्यादा रूखा बना सकती है, जिससे स्किन रेडनेस और खुजली की समस्या हो सकती है। ऐसी स्किन के लिए मुल्तानी मिट्टी में शहद या दही मिलाना बेहतर होता है ताकि त्वचा की नमी बनी रहे। जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करने से स्किन बैरियर को नुकसान पहुंचा सकता है।
5. चेहरे पर लंबे समय तक लगाकर न छोड़ें मुल्तानी मिट्टी- Don’t Leave Multani Mitti for Too Long
मुल्तानी मिट्टी को चेहरे पर ज्यादा देर तक लगाकर छोड़ना स्किन को नुकसान पहुंचा सकता है। यह स्किन की नमी को पूरी तरह सोख लेती है और त्वचा को बेजान बना सकती है। अगर यह ज्यादा देर तक सुखी रहे, तो स्किन पर झुर्रियां और फाइन लाइन्स बनने लगती हैं।
मुल्तानी मिट्टी में मौजूद मिनरल्स कुछ लोगों की स्किन को सूट नहीं करते। सीधे चेहरे पर लगाने से पहले हाथ पर पैच टेस्ट करें ताकि एलर्जी या जलन की आशंका टाली जा सके।
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FAQ
मुल्तानी मिट्टी 1 हफ्ते में कितनी बार लगानी चाहिए?
मुल्तानी मिट्टी हफ्ते में 1 से 2 बार लगाना काफी होता है। इससे स्किन साफ रहती है और ड्राईनेस या इरिटेशन का खतरा भी नहीं होता।मुल्तानी मिट्टी में क्या मिक्स करके लगाएं?
मुल्तानी मिट्टी में गुलाब जल, दही, एलोवेरा या शहद मिलाकर लगाएं। ये स्किन को नमी देते हैं और मुल्तानी मिट्टी के फायदे बढ़ाते हैं।असली मुल्तानी मिट्टी की पहचान कैसे करें?
असली मुल्तानी मिट्टी हल्की पीली या ऑफ वाइट रंग की होती है, इसमें खुशबू मिट्टी जैसी आती है और यह पानी में घुलकर स्मूद पेस्ट बनाती है।