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चेहरे पर मुल्तानी मिट्टी का इस्तेमाल किसे नहीं करना चाहिए? एक्सपर्ट से जानें

मुल्तानी मिट्टी का उपयोग कई तरह से त्वचा को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है। यहां जानिए, चेहरे पर मुल्तानी मिट्टी का इस्तेमाल किसे नहीं करना चाहिए?
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चेहरे पर मुल्तानी मिट्टी का इस्तेमाल किसे नहीं करना चाहिए? एक्सपर्ट से जानें


आज के डिजिटल युग में सोशल मीडिया ने हमारे जीवन को कई तरीकों से प्रभावित किया है। लोग इंस्टाग्राम, यूट्यूब और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर ब्यूटी इंफ्लुएंसर्स और ब्लॉगर्स को देखकर तरह-तरह के घरेलू नुस्खे अपनाने लगे हैं, बिना यह जाने कि क्या ये नुस्खे उनकी त्वचा के लिए सही हैं या नहीं। यह चलन खासकर स्किन केयर के मामले में तेजी से बढ़ रहा है। हर किसी की स्किन अलग होती है, किसी की ऑयली, किसी की ड्राई और किसी की सेंसिटिव और हर स्किन टाइप की जरूरतें भी अलग होती हैं। ऐसे में एक ही नुस्खा हर किसी पर एक जैसा असर नहीं करता। इसी तरह, मुल्तानी मिट्टी को भी एक बहुउपयोगी नेचुरल फेस पैक माना जाता है, जो त्वचा की गहराई से सफाई करता है, मुंहासों को कम करता है और चेहरे को ठंडक पहुंचाता है। लेकिन जरूरी नहीं कि यह हर व्यक्ति की त्वचा के लिए लाभकारी हो। कई बार लोग बिना स्किन टाइप जाने ही इसे चेहरे पर लगा लेते हैं, जिससे उन्हें फायदे की बजाय नुकसान उठाना पड़ता है। इस लेख में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जानिए, चेहरे पर मुल्तानी मिट्टी का इस्तेमाल किसे नहीं करना चाहिए?

मुल्तानी मिट्टी से किसे बचना चाहिए? - Who Should Avoid Using Multani Mitti

आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि जिन लोगों की त्वचा रूखी यानी ड्राई या संवेदनशील होती है, उन्हें मुल्तानी मिट्टी के प्रयोग से बचना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि मुल्तानी मिट्टी में Absorbent गुण होते हैं, जो त्वचा की प्राकृतिक नमी और तेल को सोख लेते हैं। इससे स्किन और भी ज्यादा रूखी, खिंची-खिंची हो सकती है और कुछ मामलों में त्वचा पर जलन की समस्या भी हो सकती है। संवेदनशील त्वचा यानी सेंसिटिव स्किन वाले लोगों में एलर्जी, रेडनेस और रैशेज होने की संभावना भी बढ़ जाती है।

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मुल्तानी मिट्टी चेहरे पर लगाने के क्या नुकसान हैं? - Does Multani Mitti Have Any Side Effects

मुल्तानी मिट्टी को नेचुरल और सुरक्षित माना जाता है, लेकिन इसका ज्यादा या गलत तरीके से प्रयोग त्वचा के लिए नुकसानदायक हो सकता है। जिनकी स्किन पहले से ही ड्राई है, उनके लिए यह समस्या पैदा कर सकता है और त्वचा ज्यादा खुरदुरी और फटी हुई हो सकती है। यही नहीं, लंबे समय तक मुल्तानी मिट्टी का प्रयोग त्वचा की नमी और लचीलापन कम कर सकती है, जिससे समय से पहले झुर्रियां पड़ने लगती हैं।

Who should not use Multani Mitti

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मुल्तानी मिट्टी कौन लगा सकता है? - Who Can Apply Multani Mitti

मुल्तानी मिट्टी का सबसे ज्यादा लाभ तैलीय यानी ऑयली स्किन और मुंहासों से ग्रस्त (Acne-prone) स्किन वालों को होता है। यह अतिरिक्त सीबम को सोखकर पोर्स को साफ करती है, जिससे मुंहासे और ब्लैकहेड्स कम होते हैं। इसके अलावा यह त्वचा को ठंडक देती है, जिससे सूजन और जलन में राहत मिलती है। किसी भी स्किन केयर प्रोडक्ट को इस्तेमाल करने से पहले पैच टेस्ट करना बेहद जरूरी होता है और यह बात मुल्तानी मिट्टी पर भी लागू होती है। इसके लिए हाथ के अंदरूनी हिस्से या कान के पीछे थोड़़ा सा पेस्ट लगाएं और 24 घंटे तक देखें कि कोई जलन, खुजली या रैश तो नहीं हो रहा। अगर सब कुछ सामान्य हो, तभी इसे चेहरे पर लगाएं।

निष्कर्ष

मुल्तानी मिट्टी का उपयोग स्किन टाइप को ध्यान में रखकर ही करना चाहिए। आयुर्वेद में भी यही बताया गया है कि हर व्यक्ति की प्रकृति और त्वचा अलग होती है, इसलिए किसी भी चीज का उपयोग बिना सलाह के नहीं करना चाहिए। यदि आपकी त्वचा ड्राई, सेंसिटिव है, तो मुल्तानी मिट्टी के बजाय किसी सौम्य और मॉइश्चराइजिंग फेस पैक का उपयोग करें। किसी भी तरह की स्किन प्रॉब्लम से बचने के लिए आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह लेना हमेशा बेहतर होता है।

All Images Credit- Freepik

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