आज के समय में हाई यूरिक एसिड की समस्या बेहद आम होती जा रही है। पहले यह परेशानी ज्यादातर 40 की उम्र के बाद देखने को मिलती थी, लेकिन अब यह तेजी से युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रही है। 20 से 35 वर्ष के उम्र वर्ग के लोग, जो पहले खुद को फिट और हेल्दी मानते थे, अब जोड़ों में दर्द, सूजन और थकावट जैसी समस्याओं से परेशान रहते हैं और टेस्ट के बाद पता चलता है कि इसका कारण हाई यूरिक एसिड है। चौंकाने वाली बात यह है कि कई बार लोगों को लंबे समय तक पता ही नहीं चलता कि उनके शरीर में यूरिक एसिड का लेवल बढ़ा (uric acid level) हुआ है। जब तक लक्षण गंभीर नहीं हो जाते, तब तक इसे नजरअंदाज कर दिया जाता है। लेकिन यही लापरवाही आगे चलकर गठिया गाउट, किडनी स्टोन और अन्य गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है। अब सवाल उठता है कि आखिर युवाओं में यह स्थिति क्यों बढ़ रही है? इस लेख में हम एनआईटी फरीदाबाद में स्थित संत भगत सिंह महाराज चैरिटेबल हॉस्पिटल के जनरल फिजिशियन डॉ. सुधीर कुमार भारद्वाज से जानेंगे कि हाई यूरिक एसिड क्या होता है और युवाओं में इसके बढ़ने के कारण क्या हैं?
युवाओं में क्यों बढ़ रही है High Uric Acid की समस्या? - causes of high uric acid in young adults
पहले यूरिक एसिड की समस्या आमतौर पर उम्रदराज लोगों में देखी जाती थी, लेकिन अब यह स्थिति तेजी से युवाओं में भी बढ़ रही है। 20 से 35 वर्ष के युवा जो पहले इस बीमारी की जोखिम श्रेणी में नहीं माने जाते थे, आज इस समस्या से जूझ रहे हैं। हाई यूरिक एसिड न केवल जोड़ों के दर्द, सूजन और गठिया का कारण बनता है, बल्कि यह किडनी और दिल से जुड़ी बीमारियों की शुरुआत भी कर सकता है।
1. अनहेल्दी डाइट
आज के समय में अनहेल्दी डाइट के कारण भी हाई यूरिक एसिड की समस्या बढ़ रही है। हाई प्रोटीन डाइट, जंक फूड, रेड मीट, प्रोसेस्ड फूड और बियर जैसी चीजों का ज्यादा सेवन भी हाई यूरिक एसिड की समस्या को बढ़ा रहा है। ये सभी फूड्स प्यूरीन से भरपूर होते हैं, जो शरीर में टूटकर यूरिक एसिड बनाते हैं। जब शरीर में प्यूरीन की मात्रा ज्यादा हो जाती है, तो यूरिक एसिड का लेवल बढ़ने लगता है। खासकर जिम जाने वाले यंग लोग बिना एक्सपर्ट की सलाह के प्रोटीन सप्लीमेंट लेते हैं, जिससे यह समस्या और गंभीर हो सकती है।
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2. सिडेंटरी लाइफस्टाइल
सिडेंटरी लाइफस्टाइल यानी बैठे रहने की जीवनशैली भी युवाओं में यूरिक एसिड बढ़ने का बड़ा कारण है। लंबे समय तक कंप्यूटर या मोबाइल पर काम करना, एक्सरसाइज की कमी और फिजिकल एक्टिविटी न करना मेटाबॉलिज्म को धीमा कर देता है। इससे शरीर टॉक्सिन्स और यूरिक एसिड को ठीक से प्रोसेस नहीं कर पाता। फिजिकल एक्टिविटी की कमी न केवल यूरिक एसिड बढ़ाती है, बल्कि मोटापा भी बढ़ाती है, जो इस स्थिति को और बिगाड़ सकता है।
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3. हाइड्रेशन की कमी
यूरिक एसिड को शरीर से बाहर निकालने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना बेहद जरूरी है। कोल्ड ड्रिंक्स, चाय-कॉफी या एनर्जी ड्रिंक्स पीने की आदत के कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जिससे यूरिक एसिड शरीर से बाहर नहीं निकल पाता और धीरे-धीरे जमा होने लगता है। यह जमा हुआ यूरिक एसिड बाद में जोड़ों में क्रिस्टल बनाकर दर्द का कारण बनता है।
4. तनाव
आज के समय में पढ़ाई, नौकरी, रिश्तों और करियर को लेकर बढ़ता तनाव शरीर के हार्मोनल संतुलन को बिगाड़ता है। लगातार तनाव में रहने से शरीर में कॉर्टिसोल बढ़ता है, जो मेटाबॉलिज्म को प्रभावित करता है। साथ ही, नींद की कमी भी शरीर के टॉक्सिन को बाहर निकालने की प्रक्रिया को कमजोर करती है। यह सभी कारक यूरिक एसिड के लेवल को बढ़ाने में मदद करते हैं।
निष्कर्ष
यूरिक एसिड की समस्या अब केवल बुजुर्गों की नहीं रह गई है, बल्कि यह युवाओं के लिए भी गंभीर खतरा बन चुकी है। इसकी शुरुआत अक्सर बिना लक्षणों के होती है, लेकिन समय रहते ध्यान न दिया जाए तो यह जोड़ों, किडनी के लिए घातक हो सकता है।
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