कई लोगों को घुटने के पीछे तेज दर्द (pain behind knee) की समस्या होती है पर इस दर्द को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। घुटने की पीछे मौजूद मसल्स को हैमस्ट्रिंग कहते हैं। ये मांसपेशी घुटने से हिप तक फैली होती है। घुटने के पीछे दर्द होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे ज्यादा व्यायाम करना या ज्यादा चलना जो लोग फिजिकली ज्यादा एक्टिव रहते हैं उन्हें अक्सर घुटने के पीछे के हिस्से में दर्द का अहसास होता है। घुटने के पीछे दर्द का कारण जानने के लिए आपको डॉक्टर से चेकअप जरूर करवाना चाहिए। अगर दर्द का कारण ज्यादा गंभीर नहीं है तो इसे थैरेपी से ठीक किया जा सकता है। इस लेख में हम घुटने के पीछे दर्द के लक्षण, कारण और इलाज पर चर्चा करेंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
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घुटने के पीछे हो रहे दर्द के कारण (Causes of pain behind knee)
घुटने के पीछे दर्द की समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है, ज्यादातर ये समस्या बढ़ती उम्र के साथ नजर आती है जब मांसपेशियां कमजोर होने लगती है। घुटने के पीछे दर्द होने पर जांघ के पीछे तेज दर्द का अहसास होता है। आपको घुटने के पीछे सनसनाहट का अहसास होगा या घुटने के पीछे सूजन हो सकती है। अगर चोट लगी है तो घुटने के पीछे चोट वाली जगह का रंग बदल जाएगा। घुटने के पीछे होने वाले दर्द के ये कारण हो सकते हैं-
अगर आप खिलाड़ी हैं तो घुटने के पीछे दर्द हो सकता है
जो लोग फुटबॉल, बास्केटबॉल, टेनिस, रनिंग करते हैं उनमें घुटने के पीछे दर्द की समस्या हो जाती है। इन एक्टिविटीज को एक समय में ज्यादा करने से मांसपेशियों में दबाव पड़ता है जिसके कारण दर्द होता है। आप अगर ऐसी गतिविधियों में शामिल हैं तो समय-समय पर चेकअप जरूर करवाते रहें और छोटे दर्द को भी नजरअंदाज न करें।
ज्यादा कसरत या फिजिकल वर्क के कारण दर्द
अगर आपको घुटने के पीछे के हिस्से में दर्द हो रहा है तो इसका एक कारण ये भी हो सकता है कि आप कई घंटों से दौड़ रहे हों या फिजिकल वर्क में व्यस्त हों। लगातार काम करने के कारण भी ये समस्या हो सकती है।
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थकान के कारण घुटने के पीछे दर्द हो सकता है
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अगर आप थकान महसूस कर रहे हैं तो भी घुटने के पीछे दर्द महसूस हो सकता है। दर्द को दूर करने के लिए आपको पर्याप्त आराम करना चाहिए और हल्के हाथों से घुटनों के पीछे के हिस्से में मसाज करनी चाहिए।
मांसपेशियां कमजोर होने के कारण घुटने के पीछे हो सकता है दर्द
अगर आपकी मांसपेशियां कमजोर हैं तो आपको घुटने के पीछे के हिस्से में दर्द हो सकता है। मांसपेशियां कमजोर होने के कारण इंजरी होने का खतरा बढ़ जाता है।अगर आपकी मांसपेशियों में कमजोरी है तो डॉक्टर से संपर्क करें।
चोट लगने के कारण घुटने के पीछे हो सकता है दर्द
अगर आपको घुटने के पीछे चोट लगी है तो उसे हैमस्ट्रिंग सर्जरी कहते हैं और चोट की गंभीरता पर निर्भर करता है कि उसे ठीक होने में कितना समय लगेगा। सामान्य तौर पर हैमस्ट्रिंग की चोट को ठीक होने में चार से आठ हफ्ते का समय लग सकता है।
घुटने के पीछे हो रहे दर्द का इलाज क्या है? (Treatment of pain behind knee)
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- घुटने के पीछे हो रहा दर्द खिंचाव के कारण है तो डॉक्टर आपको आराम करने की सलाह देंगे और पेनकिलर दे सकते हैं।
- घुटने के पीछे हो रहे दर्द को नजरअंदाज न करें, इसका इलाज तुरंत करें ताकि दर्द का कारण जल्दी पता लगाकर इलाज किया जा सके।
- घुटने के पीछे हो रहे दर्द का पता लगाने के लिए डॉक्टर एक्सरे और एमआरआई जांच करते हैं।
- एक्स-रे के जरिए ये पता लगाया जाता है कि कहीं कोई फ्रैक्चर तो नहीं है वहीं एमआरआई के जरिए टेंडन और मांसपेशियों की जांच की जाती है।
- घुटने के पीछे दर्द होने पर आप फिजियोथैरेपी की मदद लें। फिजियोथैरेपी से दर्द ठीक होता है और मांसपेशियां फिर से रिपेयर होती है।
- हल्के खिंचाव के कारण दर्द हो रहा है तो डॉक्टर थैरेपी देकर दर्द ठीक करते हैं जैसे राइस थैरेपी या हीट थैरेपी आदि।
- कुछ केस में घुटने के पीछे हो रहे दर्द को दूर करने के लिए आपको सर्जरी भी करवानी पड़ सकती है, पर हर केस में सर्जरी नहीं की जाती, अगर हिप की बोन मांसपेशी की ओर खिंच जाती है तो ही सर्जरी की जाती है।
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घुटने के पीछे दर्द को दूर करने के लिए पिरामिड पोज़ (Yoga to cure pain behind knee)
घुटने के पीछे तेज दर्द है तो उसे दूर करने के लिए आप योगा की मदद ले सकते हैं, योगा के फायदे तो आप जानते हैं पर पिरामिड पोज़ करने से घुटने की मसल्स को आराम मिलता है और दर्द दूर होता है, अगर खिंचाव के कारण दर्द हो रहा है तो इस योगा को करने से वो भी दूर होता है। इस पोज़ को पिरामिड पोज़ इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस पोज़ को करने से शरीर पिरामिड के आकार की अवस्था में आ जाता है। पिरामिड पोज़ को पार्श्वोत्तानासन (parsvottanasana) भी कहा जाता है। इस योगा को करने से रीढ़ की हड्डी, दोनों कंधे, घुटने के पीछे की नस पर इफेक्ट पड़ता है और दर्द दूर होता है, वहीं घुटनों को मजबूती भी मिलती है और डाइजेशन बेहतर होता है।
पार्श्वोत्तानासन को करने का तरीका (Parsvottanasana)
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- सीधा खड़ा हो जाएं और दोनों पैरों को खोलकर फैला लें।
- लेफ्ट पैर को दो फीट आगे की ओर करें और लेफ्ट पैर को 60 डिग्री पर अंदर की ओर मोड़ें।
- राइट पैर को सीधा रखना है और आगे की ओर ले जाना है।
- आपको कम के ऊपरी हिस्से को आगे की ओर खिंचना है।
- घुटनों को ऊपर की ओर खिंचना है।
- सांस को छोड़ना है और राइट पैर को आगे की ओर झुकाना है।
- आपको इस बात का ध्यान रखना है कि हिप्स बराबर अवस्था में रहें।
- आपको अपने थाई को अंदर की ओर खिंचना है।
- आप जितना आगे आसानी से आ सकते हैं उतना ही झुकें।
- अब आपको इस पोज़ में कम से कम 35 सेकेंड तक बने रहना है।
- अब धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए सीधा हो जाएं।
घुटने के पीछे हो रहे दर्द को नजरअंदाज न करें और समय रहते डॉक्टर से इलाज करवाएं।
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