लोअर बैक पेन और साइटिका आज के समय में एक आम समस्या बन गई है। लेकिन समय रहत इसका उपचार नहीं किया जाए तो इसके परिणाम गंभीर भी हो सकते हैं। अमूमन लोग इन समस्याओं से जूझ रहे हैं। इनसे पार पाने के लिए लोग तरह-तरह की दवाईयों का सेवन करते हैं। लेकिन क्या इससे राहत पाने के लिए आपने कभी फीजियोथेरेपी का सहारा लिया है? अगर नहीं, तो आज के अपने लेख में हम जानेंगे कि फीजिय़ोथेरेपी लोअर बैक पेन और साइटिका के दर्द में कितनी कारगर साबित होती है? यह बात सच है कि शरीर के तमाम हिस्सों में हो रहे दर्द से छुटकारा पाने के लिए फीजियोथेरेपी एक बेहतर विकल्प है। फीजियोथेरेपी असहनीय दर्द में भी आपको राहत पहुंचाती है। इसी विषय पर विस्तार से जानने के लिए आज हमने मुंबई के पीडी हिंडूजा हॉस्पिटल और एमआरसी की फीजियोथेरेपी डिपार्टमेंट की हेड डॉ. शिवांगी बोरकर (Dr. Shivangi Borkar, HOD of Physiotherapy, P.D Hinduja Hospital &MRC, Mumbai) और मुंबई के डॉ. रिबेका पिंटो फीजियोथेरेपी क्लीनिक की डॉ. रिबेका (Dr. Rebecca Pinto, Dr. Rebecca Pinto Physiotherapy Clinic, Mumbai) से बातचीत की। चलिए जानते हैं फीजियोथेरेपी से जुड़े सभी सवालों के जवाब।
कितनी कारगर है फीजियोथेरेपी (How Effective is Physiotherapy)
फीजियोथेरेपी को लेकर लोगों के मन में तमाम तरह की बातें रहती हैं। डॉ. शिवांगी ने बताया कि सायटिका में होने वाला दर्द आपकी कमर के साथ-साथ पैरों को भी प्रभावित कर सकता है। इस समस्या में आपकी सायटिक नव पर प्रेशर आता है। बैक पेन के लिए अलग-अलग मॉडैलिटी होती हैं जैसे अल्ट्रासाउंड, शॉर्ट क्लो डायथर्मी, आईएफटी या फिर स्टीम थेरेपी आदि। मरीज को ज्यादा दर्द होने पर यह पेन मोडैलिटी उन्हें राहत देती हैं। वहीं डॉक्टर रिबेका ने बताया कि फीजियोथेरेपी की मदद से अधिकतम लोअर बैक पेन ठीक हो जाते हैं। कुछ गंभीर मामलों में ही इससे थोड़ा समय लग सकता है।
ज्यादा दर्द में दी जाती है आईएफटी (IFT Is Given in More Pain)
डॉ. शिवांगी बोरकर के मुताबिक मरीज को ज्यादा दर्द या फिर कई बार पूरे पैर में दर्द पहुंच जाने पर उन्हें फीजियोथेरेपी करने की बजाय आराम करने की सलाह दी जाती है। ऐसे में उन्हें इंटरफेरेंशियल करंट थेरपी (Interferential Current Therapy) आईएफटी का सहारा लेने की सलाह दी जाती है। यह थेरेपी मरीज को लगभग 10 दिनों तक दी जाती है। इस दौरान उन्हें आराम की आवश्यकता होती है। इस थेरेपी की मदद से मरीज का दर्द काफी हद तक ठीक हो जाता है।
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कैसे काम करती है फीजियोथेरेपी (How Physiotherapy Works)
- डॉ. शिवांगी ने बताया कि फीजियोथेरेपी आपकी मसल्स में स्ट्रेंथ पैदा करती है। मुख्यतौर पर बैक की मसल्स और पेट की मसल्स में स्ट्रेंथ आती है। जो मिलकर रीढ़ की हड्डी को मजबूत और सपोर्ट करते हैं।
- डॉ. रिबेका ने बताया कि फीजियोथेरेपी में अक्सर लोअर बैक पेन को ठीक करने के लिए बैक की मसल्स में स्ट्रेंथ की जरूरत होती है, जो फीजियोथेरेपी की मदद से संभव है।
- फीजियोथेरेपी में प्रभावित हिस्से यानि दर्द वाली जगह की स्ट्रेंथ दी जाती है, जिससे मरीज में दोबारा दर्द की स्थिति नहीं बन सके।
- फीजियोथेरेपी में रीढ़ की हड्डी को स्टेब्यूलाइज किया जाता है। साथ ही कोर मसल्स (Core Muscles) की प्रक्रिया की जाती है, जिसमें रीढ़ की हड्डी में मौजूद छोटे-छोटे मसल्स को मजबूत किया जाता है।
गलत पोश्चर बैक पेन का मुख्य कारण (Wrong Posture is Main Reason of Lower Back Pain)
डॉ. शिवांगी ने बताया कि अमूमन लोगों में गलत पोश्चर में बैठने की आदत होती है, जो आपके लोअर बैक पेन का कारण बन सकती है। जब आप गलत तरीके से या फिर झुककर बैठते हैं तो बैक की मसल्स लंबी हो जाती हैं और आगे की मसल्स छोटी हो जाती हैं। ऐसी स्थिति में दोनों मसल्स सक्रियता से काम नहीं कर सकती हैं। जिस कारण बैक पेन की समस्या हो सकती है। इसलिए बैठते समय हमेशा सीधे बैठें। एक ही पोजिशन में लंबे समय तक न बैठें।
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फीजियोथेरेपी बंद करने पर शुरू हो सकता है दर्द (Pain may Resurface after Stopping Physiotherapy)
डॉ. रिबेका के मुताबिक अगर आप फीजियोथेरेपी के नियमों का पालन टटस्तता के साथ कर रहे हैं तो आपको आगे चलकर दोबारा दर्द शुरू होने की आशंका बहुत कम रहती है। लेकिन अगर आपने कुछ दिनों में ही इसे करना बंद कर दिया या अपने निर्धारित समय तक नहीं किया तो आगे चलकर आपको दर्द की समस्या दोबारा हो सकती है। ऐसे बहुत से मामले देखे गए हैं। इसलिए फीजियोथेरेपिस्ट की सलाहनुसार नियमित तौर पर इसे करें। अगर आप दिन में केवल 10 मिनट भी फीजियोथेरेपी करते हैं तो आपके लोअर बैक और सायटिका के दर्द की आशंका कम हो जाती है।
क्यों जरूरी है फिजियोथेरेपी (Why Physiotherapy Is Necessary)
- फीजियोथेरेपी दर्द से निजात पाने का एक आसान तरीका है।
- अगर आप बिना दवा, इंजेक्शन और बिना ऑपरेशन के दर्द से निजात पाना चाहते हैं तो फीजियोथेरेपी या एक्सरसाइज आपकी समस्या का एकमात्र विकल्प है।
- फीजियोथेरेपिस्ट से सीखने के बाद इसे आप घर में भी आसानी से कर सकते हैं। आपको बार-बार हॉस्पिटल जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
- इससे आपको असहनीय दर्द में भी कुछ ही क्षणों में आराम मिल सकता है।
- बच्चे, बुजुर्ग और स्वस्थ व्यक्ति भी इसे कर सकते हैं।
ज्यादा दर्द होने पर नहीं करें फीजियोथेरेपी (Avoid Physiotherapy in Severe Pain)
डॉ. शिवांगी बोरकर ने बताया कि अगर मरीज में साइटिका या फिर लोअर बैक पेन अधिक हो रहा है तो ऐसे में फीजियोथेरेपी करने से बचें। अधिक दर्द का मतलब है कि आपका शरीर आपको फीजियोथेरेपी नहीं करने का सिगनल दे रहा है। ज्यादा दर्द होने पर आराम करें। ऐसे में आप आइस पैक भी लगा सकते हैं। कमर में दर्द होने पर आप अपने पैरों के नीचे तकिया रखकर लेटे। वहीं करवट बदलते समय भी दोनों पैरों के बीच तकिया लगाएं। इससे बैक की मसल्स को काफी आराम पहुंचता है।
अगल-अलग तरह के होते है लोअर बैक पेन (Diffrent Types of Lower Back Pain)
लोअर बैक पेन को लेकर डॉ. रिबेका पिंटो बताती हैं कि लोअर बैक पेन एक प्रकार का नहीं होता बल्कि यह कई तरीके से होता है। इसलिए हर प्रकार के दर्द में यह कहना थोड़ा मुश्किल है कि फीजियोथेरेपी की मदद से लोअर बैक पेन पूरी तरह से ठीक हो सकता है। इसके लिए यह पता लगाना बेहद जरूरी है कि आपको किस प्रकार का और किस ग्रेड का लोअर बैक पेन है। इसके आधार पर ही फीजियोथेरेपी शुरू की जाती है। कुछ मामलों में जैसे मेजर ग्रेड स्लिप डिस्क की समस्या में अगर डिस्क बाहर आकर आपकी नसों को फाड चुकी है तो ऐसे मामलों में फीजियोथेरेपी थोड़ी विफल साबित हो सकती है। इसके लिए आपको ऑपरेशन ही करवाना पड़ता है।
अगर आप भी लोअर बैक पेन, सायटिका, स्रपांडिलाइटिस या फिर किसी प्रकार की स्लिप डिस्क की समस्या से जूझ रहे हैं तो इसके ले आप फीजियोथेरेपी कर सकते हैं। इससे आपको आराम मिलेगा। अगर आप किसी गंभीर बीमारी या दर्द से ग्रस्त हैं तो इसे करने से पहले चिकित्सक की सलाह जरूर लें।
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