lower back pain reason: आजकल हमारी लाइफस्टाइल इतनी खराब हो गई कि कमर दर्द आम समस्या बनती जा रही है। लोग सुबह उठते ही कमर में दर्द की शिकायत करते हैं। तो कभी ऑफिस में अचानक से इस दर्द को महसूस करते हैं। लेकिन, कभी आपने सोचा है कि कमर के निचले में हिस्से में दर्द क्यों होता है? ऐसी कौन सी चीज है या फिर क्या कारण है जो इसे ट्रिगर करते हैं। इसी बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने Dr. Rituja Ugalmugle, Internal Medicine, Wockhardt Hospitals, Mumbai Central से बात की। साथ ही जानेंगे कि हम किन छोटे-छोटे बदलावों की मदद से इस समस्या से बच सकते हैं।
कमर के निचले हिस्से में दर्द होने का कारण-Why Does Lower Back Pain Occur?
Dr. Rituja Ugalmugle, बताती हैं कि पीठ के निचले हिस्से में दर्द एक आम स्थिति है जो हर उम्र के लोगों को प्रभावित करती है। यह हल्के दर्द से लेकर गंभीर असुविधा तक हो सकती है, जो दैनिक गतिविधियों और जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करती है। यह दर्द आमतौर पर मांसपेशियों, नसों, लिगामेंट्स या रीढ़ से संबंधित समस्याओं से उत्पन्न होता है। पीठ के निचले हिस्से में दर्द की शुरुआत में कई कारक योगदान करते हैं, जिसमें खराब मुद्रा, चोट, जीवनशैली की आदतें और अंतर्निहित चिकित्सा स्थितियां शामिल हैं। पर कुछ कारण हैं जो कि कमर के निचले हिस्से में दर्द का सबसे बड़ा कारण हैं (lower back pain reason in hindi), जैसे कि
-पीठ के निचले हिस्से में दर्द के प्राथमिक कारणों में से एक मांसपेशियों में खिंचाव या लिगामेंट मोच है। यह अक्सर अचानक हरकत करने, भारी वस्तुओं को गलत तरीके से उठाने या लंबे समय तक खराब पोस्चर बनाए रखने के कारण होता है। इन चोटों से सूजन, अकड़न और बेचैनी हो सकती है।
-डिस्क रोग, कमर के निचने हिस्से में दर्द का कारण है। जैसे-जैसे लोग बूढ़े होते हैं, रीढ़ की हड्डी की डिस्क अपनी कुशनिंग खो देती है, जिससे दर्द और गतिशीलता कम हो जाती है। इससे कमर के निचले हिस्से में दर्द ज्यादा रहता है।
-इसके अतिरिक्त, हर्नियेटेड डिस्क जहां डिस्क का आंतरिक जेल जैसा पदार्थ बाहरी परत से बाहर निकलता है, आस-पास की नसों को परेशान कर सकता है, जिसके परिणामस्वरूप कमर के निचले हिस्से में तेज दर्द और तंत्रिका संबंधी लक्षण महसूस होते हैं।
-खराब पोस्चर की वजह से सबसे ज्यादा लोगों को पीठ के निचले हिस्से में दर्द महसूस होता।
-बिना उचित बैक सपोर्ट के लंबे समय तक बैठे रहना, खड़े होने पर झुकना या बिना सहारे वाले गद्दे पर सोना आपके निचले हिस्से में पीठ दर्द की वजह से बन सकता है।
-मोटापा, रीढ़ की हड्डी पर तनाव बढ़ाकर इस समस्या को और बढ़ा देता है।
-एक गतिहीन जीवनशैली यानी इनएक्टिव लाइफस्टाइल, पीठ के निचले हिस्से में दर्द की वजह हो सकता है। यह कोर मांसपेशियों को कमजोर कर देती है, जिससे पीठ के निचले हिस्से पर प्रेशर पड़ता है और दर्द होता है।
-एक और अनदेखा कारक डिहाइड्रेशन (Dehydration and lower back pain) है। दरअसल, रीढ़ की हड्डी की डिस्क को अपनी संरचना और कार्य को बनाए रखने के लिए पर्याप्त हाइड्रेशन की जरूरत होती है। शरीर में अपर्याप्त पानी का सेवन डिस्क के लचीलेपन को कम कर सकता है, जिससे रीढ़ की हड्डी में चोट लगने का खतरा बढ़ जाता है। इससे पीठ के निचल हिस्स में दर्द हो सकता है।

इन बीमारियों में होती है कमर के निचले हिस्से में दर्द-Diseases cause lower back pain reason
कुछ चिकित्सा स्थितियां भी पीठ के निचले हिस्से में दर्द से जुड़ी होती हैं। जैसे
- -गठिया (Arthritis) जोड़ों में सूजन पैदा कर सकता है, जिससे अकड़न और पुराना दर्द हो सकता है।
- -ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) हड्डियों को कमजोर करता है, जिससे वे फ्रैक्चर के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाती है।
- -साइटिका (sciatica), साइटिका तंत्रिका के संपीड़न के कारण होने वाली स्थिति जो पीठ के निचले हिस्से से पैरों तक तेज दर्द पैदा कर सकती है।
- -किडनी की समस्या (kidney problems) जैसी अन्य स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं भी पीठ के निचले हिस्से में दर्द के रूप में प्रकट हो सकती हैं।
- - तनाव और चिंता (stress and anxiety) जैसे मनोवैज्ञानिक कारक मांसपेशियों में तनाव पैदा कर सकते हैं, जिससे असुविधा और बढ़ सकती है।
पीठ के निचले हिस्से में दर्द से कैसे बचें-Preventing and managing lower back pain
Dr. Rituja बताती हैं कि पीठ के निचले हिस्से में दर्द को रोकने और प्रबंधित करने के लिए कुछ जरूरी बदलाव करना चाहिए। जैसे कि
- - रीढ़ की हड्डी के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए इन्हें हाइड्रेटेड रहना जरूरी है।
- -अच्छे पोस्चर को फॉलो करना और एर्गोनोमिक सपोर्ट का उपयोग करना पीठ के निचले हिस्से पर अनावश्यक तनाव को कम कर सकता है।
- -नियमित व्यायाम, विशेष रूप से कोर की मांसपेशियों को मजबूत करना, रीढ़ को आवश्यक सहारा प्रदान करने में मदद करता है।
- -वेट बैलेंस करने से पीठ के निचले हिस्से पर दबाव भी कम होता है। इसलिए मोटापे से बचें वेट बैलेंस करें।
अगर दर्द बना रहता है या बढ़ जाता है, तो किसी भी अंतर्निहित स्थिति की पहचान करने और उसका समाधान करने के लिए चिकित्सा सलाह लेना जरूरी है। स्वस्थ जीवनशैली की आदतें अपनाकर और संभावित कारणों का समाधान करके, व्यक्ति पीठ के निचले हिस्से में दर्द होने के जोखिम को प्रभावी ढंग से कम कर सकते हैं और अपनी रीढ़ की हड्डी के समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।