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बिना चीनी के भी मिल सकता है मीठा स्वाद, जानें 5 हेल्दी नेचुरल स्वीटनर

आपने कुछ लोगों को अक्सर कहते सुना होगा कि कुछ मीठा खाने का मन हो रहा है ऐसे में कई बार लोग ज्यादा शुगर से बनी चीजें खाना शुरू कर देते हैं। यहां जानिए, बिना चीनी के नेचुरल स्वीटनर कौन से होते हैं?
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बिना चीनी के भी मिल सकता है मीठा स्वाद, जानें 5 हेल्दी नेचुरल स्वीटनर


आज की तेज रफ्तार जिंदगी में लोगों की लाइफस्टाइल और खानपान काफी असंतुलित हो गया है। ऑफिस वर्क, स्ट्रेस और फिजिकल एक्टिविटी की कमी के साथ-साथ बाजार में उपलब्ध प्रोसेस्ड और हाई-शुगर फूड्स ने हेल्थ पर बुरा असर डाला है। ऐसे में डायबिटीज, मोटापा, ब्लड प्रेशर और दिल से जुड़ी बीमारियां आम होती जा रही हैं। आपने कई बार लोगों को ये कहते सुना होगा कि कुछ मीठा खाने का मन कर रहा है। ऐसे में लोग केक, मिठाई, चॉकलेट या शुगर से भरी चीजें खा लेते हैं, लेकिन इन्हें बार-बार खाने से शरीर पर बुरा असर पड़ सकता है।

रोजाना ज्यादा मात्रा में रिफाइन्ड चीनी का सेवन न केवल ब्लड शुगर लेवल बढ़ाता है, बल्कि यह लिवर और किडनी को भी नुकसान पहुंचा सकता है। यही वजह है कि अब लोग हेल्दी विकल्पों की तरफ रुख कर रहे हैं, खासकर वे लोग जो अपनी फिटनेस और वजन को लेकर सजग हैं या फिर पहले से डायबिटीज जैसी किसी बीमारी से जूझ रहे हैं। ऐसे में एक बड़ा सवाल उठता है कि क्या बिना चीनी के भी मीठे का स्वाद लिया जा सकता है? इस लेख में डाइटिशियन गीतांजलि सिंह (M.sc Food and Nutrition) से जानिए, हेल्दी नेचुरल स्वीटनर कौन से हैं?

हेल्दी नेचुरल स्वीटनर - Healthy Sweeteners Instead Of Sugar

डाइटिशियन गीतांजलि सिंह बताती हैं कि प्रकृति ने हमें ऐसे कई विकल्प दिए हैं जो न केवल मीठा स्वाद देते हैं, बल्कि पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। इन हेल्दी नेचुरल स्वीटनर्स को आप सफेद चीनी की जगह इस्तेमाल कर सकते हैं।

1. शहद

शहद सदियों से भारतीय रसोई में उपयोग किया जा रहा है। यह न सिर्फ मीठा स्वाद देता है बल्कि इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं। शहद में विटामिन्स के साथ-साथ आयरन, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व भी होते हैं। आप शहद को चाय, दूध, ओट्स, टोस्ट, शेक्स या सलाद ड्रेसिंग में मिला सकते हैं। यह गले की खराश, खांसी और पाचन के लिए भी फायदेमंद है। डायबिटीज मरीज शहद का सेवन डॉक्टर की सलाह से ही करें, क्योंकि इसमें नेचुरल शुगर होती है।

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2. खजूर

खजूर एक नेचुरल एनर्जी देने वाला फल है जिसमें मिठास भरपूर होती है। इसमें नेचुरल शुगर जैसे ग्लूकोज, फ्रुक्टोज और सुक्रोज होते हैं, जो शरीर को तुरंत एनर्जी देते हैं। इसके अलावा खजूर में फाइबर, आयरन, पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट्स भी पाए जाते हैं। खजूर को आप शेक, स्मूदी, मिठाई या बेकिंग में चीनी के विकल्प के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। इसे पीसकर पेस्ट बनाकर मिठाइयों और होममेड बार्स में इस्तेमाल करना भी एक बढ़िया विकल्प है। खजूर न सिर्फ मिठास देता है बल्कि कब्ज से राहत, एनर्जी बूस्ट और आयरन की कमी दूर करने में भी सहायक होता है।

3. गुड़

गुड़ भारतीय घरों में खाने के बाद और सर्दियों में विशेष रूप से खाया जाता है। यह गन्ने के रस से बनता है और यह रिफाइन्ड चीनी से कहीं बेहतर और सेहतमंद होता है। गुड़ में आयरन, मैग्नीशियम, पोटैशियम और फाइबर होता है, जो शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है। आप गुड़ को चाय, खीर, हलवा, लड्डू और कई पारंपरिक रेसिपीज में चीनी की जगह प्रयोग कर सकते हैं। यह सर्दियों में शरीर को गर्म रखने, पाचन सुधारने और खून की सफाई में भी उपयोगी है। गुड़ में कैलोरी अधिक होती है, इसलिए सीमित मात्रा में सेवन करें, विशेषकर डायबिटीज के मरीज।

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4. स्टेविया

स्टेविया एक नेचुरल स्वीटनर है जो एक विशेष पौधे की पत्तियों से बनता है। इसमें कैलोरी न के बराबर होती है और यह सामान्य चीनी से 100 गुना अधिक मीठा होता है, लेकिन ब्लड शुगर लेवल को नहीं बढ़ाता। इसलिए यह डायबिटीज मरीजों और वजन कम करने वालों के लिए बेहद लाभदायक विकल्प है। स्टेविया पाउडर, टैबलेट या लिक्विड फॉर्म में बाजार में उपलब्ध है और इसे चाय, कॉफी, बेकिंग या कुकिंग में इस्तेमाल किया जा सकता है।

5. नारियल शुगर

नारियल शुगर या कोकोनट शुगर में ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) कम होता है, जिससे ब्लड शुगर तेजी से नहीं बढ़ता। यह सफेद चीनी के मुकाबले ज्यादा नेचुरल और कम प्रोसेस्ड होता है। नारियल शुगर में आयरन, जिंक, कैल्शियम और फाइबर भी पाया जाता है जो आंतों के लिए फायदेमंद है। आप इसे चाय, कॉफी, बेकिंग और अन्य मिठाइयों में इस्तेमाल कर सकते हैं।

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निष्कर्ष

यदि आप मिठास के शौकीन हैं लेकिन अपनी सेहत को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते, तो अब आपको रिफाइन्ड चीनी पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं। ऊपर बताए गए नेचुरल स्वीटनर्स न सिर्फ आपके खाने में स्वाद बनाए रखेंगे, बल्कि पोषक तत्व भी देंगे। हालांकि, ध्यान रखें कि कोई भी मीठी चीज अत्यधिक मात्रा में नुकसानदायक हो सकती है, चाहे वह नेचुरल ही क्यों न हो। यदि आपको डायबिटीज या कोई अन्य स्वास्थ्य समस्या है, तो डॉक्टर या न्यूट्रिशनिस्ट की सलाह से ही नेचुरल स्वीटनर का चयन करें।

All Images Credit- Freepik

FAQ

  • ज्यादा मीठा खाने से शरीर में क्या होता है?

    ज्यादा मीठा खाने से शरीर पर कई गलत प्रभाव पड़ते हैं। सबसे पहले, यह ब्लड शुगर लेवल को तेजी से बढ़ाता है जिससे टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। ज्यादा चीनी के सेवन से मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारियों का जोखिम भी बढ़ता है। साथ ही, यह लिवर पर अतिरिक्त दबाव डालता है और फैटी लिवर जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है। मीठा दांतों की सेहत भी खराब करता है, जिससे कैविटी और दांतों में दर्द हो सकता है। ज्यादा चीनी मानसिक थकान, मूड स्विंग और फोकस की कमी जैसी समस्याएं भी पैदा कर सकती है।
  • मीठा कब नहीं खाना चाहिए?

    मीठा खाने से परहेज उन समयों पर करना चाहिए जब शरीर का मेटाबॉलिज्म धीमा होता है, जैसे रात में सोने से पहले। इस समय मीठा खाने से यह फैट के रूप में जमा हो सकता है और वजन बढ़ाने का कारण बनता है। खाली पेट या सुबह-सुबह मीठा खाना भी ब्लड शुगर लेवल को अचानक बढ़ा सकता है। डायबिटीज, मोटापा, इंसुलिन रेसिस्टेंस या हार्मोनल असंतुलन से जूझ रहे लोगों को भी मीठा कम और सावधानी से खाना चाहिए।
  • चीनी खाना छोड़ने के क्या फायदे हैं?

    चीनी खाना छोड़ने से शरीर को कई अहम फायदे मिलते हैं। सबसे पहले, ब्लड शुगर लेवल संतुलित रहता है जिससे डायबिटीज का खतरा कम होता है। वजन कंट्रोल रहता है क्योंकि अतिरिक्त कैलोरी और फैट जमा नहीं होता। स्किन हेल्दी और ग्लोइंग बनती है क्योंकि शुगर स्किन की उम्र बढ़ाने वाले तत्वों को बढ़ाता है। एनर्जी लेवल बेहतर रहता है, थकावट और मूड स्विंग कम होते हैं। साथ ही, दिमाग की फोकस क्षमता बढ़ती है और नींद की क्वालिटी सुधरती है।

 

 

 

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