आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी, खराब खानपान, अनियमित नींद और फिजिकल एक्टिविटी की कमी के कारण डायबिटीज जैसी लाइफस्टाइल बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। एक बार यह बीमारी हो जाए तो जीवनभर इसको मैनेज करने की जरूरत होती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इसका सीधा असर शरीर की कई अंगों पर पड़ता है, जैसे किडनी, हार्ट, आंखें और नसें। इसलिए डायबिटीज को कंट्रोल में रखने के लिए खानपान, दवाओं और लाइफस्टाइल का संतुलन बनाए रखना बेहद जरूरी है। इन दिनों मानसून का मौसम में तो ऐसे में हरियाली, ठंडी हवाएं और हल्की-हल्की फुहारें घूमने का मन बना देती हैं। बहुत से लोग इस मौसम में ट्रैवलिंग प्लान करते हैं, चाहे वो हिल स्टेशन जाना हो या प्रकृति के करीब समय बिताना। लेकिन डायबिटीज से पीड़ित लोगों को मानसून ट्रैवल के दौरान कुछ खास सावधानियां भी बरतनी चाहिए।
बारिश के मौसम में नमी, सफाई की कमी, इंफेक्शन और मौसम में अचानक बदलाव जैसी समस्याएं डायबिटिक मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं। ऐसे में सवाल उठता है डायबिटीज के मरीजों को मानसून में सफर करते समय क्या-क्या सावधानी रखनी चाहिए? कैसे अपने ब्लड शुगर को कंट्रोल रखें (blood sugar ko kaise control kare) और इंफेक्शन से बचें? इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने एनआईटी फरीदाबाद में स्थित संत भगत सिंह महाराज चैरिटेबल हॉस्पिटल के जनरल फिजिशियन डॉ. सुधीर कुमार भारद्वाज (Dr. Sudhir Kumar Bhardwaj, General Physician, Sant Bhagat Singh Maharaj Charitable Hospital, NIT Faridabad) से बात की-
डायबिटीज मरीजों के लिए मानसून ट्रैवलिंग टिप्स - How to manage diabetes when travelling
1. ट्रैवल से पहले कराएं हेल्थ चेकअप कराएं
अगर आप डायबिटिक हैं और ट्रैवल का प्लान बना रहे हैं, तो सबसे पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें। HbA1c टेस्ट करवाएं और यह सुनिश्चित करें कि आपका शुगर लेवल कंट्रोल (diabetes ko kaise kam kare) है। यदि शुगर लेवल पहले से ही हाई है, तो ट्रैवल को कुछ समय के लिए टालना समझदारी होगी। साथ ही, यदि आपको किसी अन्य समस्या जैसे हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट डिजीज या किडनी की तकलीफ है, तो उसका भी ध्यान (What do I need to travel with diabetes) रखें।
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2. जरूरी दवाएं, इंसुलिन किट
ट्रैवल पर निकलने से पहले एक मेडिकल किट तैयार करें जिसमें आपकी सभी जरूरी दवाएं, अगर आप इंसुलिन लेते हैं तो, सिरिंज, ग्लूकोमीटर, अल्कोहल स्वैब्स, कॉटन और शुगर टैबलेट्स या ग्लूकोज जरूर रखें। मानसून के मौसम में नमी के कारण दवाएं खराब हो सकती हैं, इसलिए इन्हें एयरटाइट बॉक्स में रखें। कोशिश करें कि इंसुलिन को ठंडी और सूखी जगह में स्टोर करें।
3. हेल्दी स्नैक्स
डायबिटिक मरीजों को सफर के दौरान भूखा नहीं रहना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि इससे हाइपोग्लाइसीमिया यानी ब्लड शुगर अचानक गिरने की समस्या हो सकती है। मानसून ट्रैवल के दौरान बाहरी खानपान से भी बचना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि इस मौसम में बैक्टीरिया और फंगस तेजी से पनपते हैं। घर से निकलते समय साथ में रोस्टेड चना, मिक्स नट्स, फल, ओट्स कुकीज या खाखरा जैसे हेल्दी स्नैक्स जरूर रखें।
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4. साफ पानी
बारिश के मौसम में पानी से होने वाले इंफेक्शन बहुत आम हो जाते हैं, खासकर डायरिया और टायफाइड जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। डायबिटिक मरीजों के लिए इन बीमारियों का जोखिम कई गुना ज्यादा होता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इनका इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है। कोशिश करें कि यात्रा के दौरान सिर्फ बोतलबंद पानी पिएं या अपने साथ फिल्टर वाली बोतल रखें।
5. पैरों की सफाई
डायबिटीज के मरीजों को पैरों की खास देखभाल करनी चाहिए, खासकर मानसून में। गीले जूते या मोजे पहनने से फंगल इंफेक्शन, घाव या अल्सर हो सकते हैं। ऐसे में ट्रैवल के दौरान आरामदायक, वाटरप्रूफ और एंटी-स्किड सैंडल या शूज पहनें। दिन में कम से कम एक बार पैरों को धोकर सुखाएं और सूखे मोजे पहनें। चोट या कट लगने पर लापरवाही न करें और जरूरत हो तो डॉक्टर से संपर्क करें।
6. तनाव और थकान से बचें
मानसून ट्रैवल में बारिश और देरी जैसी समस्याएं तनाव बढ़ा सकती हैं। डायबिटीज मरीजों के लिए यह तनाव ब्लड शुगर लेवल बढ़ाने का काम कर सकता है। इसलिए ट्रैवल का प्लान आराम से बनाएं, समय का कुशन रखें और शरीर को थकने न दें। नींद पूरी न होना भी शुगर लेवल को बिगाड़ सकता है, इसलिए पर्याप्त नींद लें और हर दिन कुछ देर आराम जरूर करें।
7. ब्लड शुगर लेवल देखते रहें
ट्रैवल के दौरान थकान, खानपान और समय की अनियमितता के कारण ब्लड शुगर लेवल में कम या ज्यादा हो सकता है। इसलिए समय पर शुगर लेवल चेक करें, खासकर अगर लंबा ट्रैवल हो रहा हो या मौसम में अचानक बदलाव महसूस हो।
निष्कर्ष
मानसून ट्रैवल डायबिटीज मरीजों के लिए मुश्किल जरूर हो सकता है, लेकिन सही प्लान और थोड़ी सी सावधानी से यह अनुभव अच्छा बनाया जा सकता है। समय पर दवा, बैलेंस डाइट, सफाई और ब्लड शुगर चेक से समस्याओं से बचा (How do you handle diabetes while traveling) जा सकता है। यदि आप पहले से तैयारी करें और डॉक्टर की सलाह अनुसार कदम उठाएं, तो मानसून में ट्रैवल का मजा ले सकते हैं।
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FAQ
डायबिटीज से शरीर में क्या होता है?
डायबिटीज की समस्या तब होती है जब शरीर पर्याप्त इंसुलिन नहीं बनाता या इंसुलिन का सही उपयोग नहीं कर पाता। इसके कारण थकान, ज्यादा प्यास लगना, बार-बार पेशाब आना और वजन घटना जैसे लक्षण हो सकते हैं। लंबे समय तक कंट्रोल न रहने पर यह हार्ट, किडनी, आंखें और नसों को नुकसान पहुंचा सकता है। डायबिटीज टाइप 1, टाइप 2 और गर्भकालीन (जेस्टेशनल) हो सकती है। हेल्दी लाइफस्टाइल, बैलेंस डाइट और नियमित एक्सरसाइज से इसे कंट्रोल किया जा सकता है।शुगर बढ़ने पर क्या महसूस होता है?
जब शुगर बढ़ती है, तो शरीर में कई लक्षण महसूस होते हैं। व्यक्ति को बार-बार पेशाब आ सकती है और मुंह सूखने लगता है। थकान, चक्कर आना और धुंधला दिखना भी डायबिटीज के आम लक्षण हैं। स्किन ड्राई हो जाती है और घाव भरने में समय लगता है। हाथ-पैर में झुनझुनी या सुन्नपन भी हो सकता है। अगर शुगर लंबे समय तक ज्यादा बनी रहे, तो यह हार्ट, किडनी और आंखों पर प्रभाव डाल सकती है। ऐसे लक्षण दिखें तो तुरंत जांच करवा कर इलाज जरूरी होता है।क्या चलने से मधुमेह ठीक हो जाता है?
चलने से मधुमेह पूरी तरह ठीक नहीं होता, लेकिन यह उसे कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है। रोजाना तेज चलना ब्लड शुगर लेवल को कम करने, इंसुलिन की कार्यक्षमता बढ़ाने और वजन कंट्रोल करने में सहायक होता है। खासकर टाइप 2 मधुमेह के मरीजों के लिए नियमित पैदल चलना एक प्रभावी उपाय है।