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ज्यादा घंटे करते हैं ऑफिस में काम? बढ़ सकता है स्ट्रोक का जोखिम, जानें क्या है कनेक्शन

लंबे समय तक काम करने से स्‍ट्रेस, हाई बीपी जैसी समस्‍याएं बढ़ती है, जिससे स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। संतुलित जीवनशैली से इसे रोका जा सकता है।
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ज्यादा घंटे करते हैं ऑफिस में काम? बढ़ सकता है स्ट्रोक का जोखिम, जानें क्या है कनेक्शन


Link Between Long Work Hours and Stroke Risk: ऑफिस में लंबे समय तक काम करना कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है, जिनमें से एक मुख्‍य खतरा है स्ट्रोक। स्ट्रोक तब होता है जब द‍िमाग के किसी हिस्से में ब्‍लड फ्लो रुक जाता है, जिससे उस हिस्से की कोशिकाओं को ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिल पाते। यह स्थिति द‍िमाग की कार्यक्षमता पर भारी असर डाल सकती है और कभी-कभी जानलेवा भी साबित हो सकती है। शोध में यह पाया गया है कि लंबे समय तक ऑफिस में काम करने और स्ट्रोक के बीच गहरा संबंध है। ऑफिस में लगातार ज्‍यादा घंटे काम करने से तनाव, हाई बीपी, फ‍िज‍िकल रूप से एक्‍ट‍िव रहने की कमी और नींद की कमी जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं, जो स्ट्रोक के जोखिम को कई गुना बढ़ा देती हैं। आइए, जानते हैं कैसे लंबे समय तक काम करने से स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है और इससे बचने के उपाय। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के केयर इंस्‍टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फ‍िजिश‍ियन डॉ सीमा यादव से बात की।

ऑफिस की लंबी शिफ्ट से स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है?- Long Work Hours Cause Stroke

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विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से विभिन्न स्वतंत्र अध्ययनों को म‍िलाकर हुई स्‍टडी के मुताब‍िक, अगर कोई व्‍यक्‍त‍ि लंबे समय तक ऑफ‍िस का काम करता है, तो उसके शरीर में स्‍ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है-

लंबी श‍िफ्ट से स्‍ट्रेस बढ़ता है

लंबे समय तक काम करने से स्‍ट्रेस के लक्षण बढ़ते हैं। जब शरीर स्‍ट्रेस में होता है, तो हॉर्मोनल बदलाव होते हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है। हाई बीपी, स्ट्रोक के सबसे बड़े कारणों में से एक है। लगातार हाई बीपी रहने से धमनियों में दबाव बढ़ता है, जिससे ब्‍लड सर्कुलेशन में रुकावट या थक्का बनने की संभावना बढ़ती है।

शरीर का एक्‍ट‍िव न रहना

लंबे समय तक बैठे रहना या बहुत ज्‍यादा स्क्रीन के सामने काम करना भी स्ट्रोक का कारण बन सकता है। ऑफिस में लंबे समय तक काम करने वाले लोगों में फ‍िज‍िकल एक्‍ट‍िव‍िटी की कमी होती है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन धीमा हो जाता है। इससे खून के थक्के बनने की संभावना बढ़ती है, जो स्ट्रोक का मुख्य कारण है।

नींद की कमी

ज्यादा घंटे काम करने वाले लोगों में नींद की कमी आम समस्या होती है। नींद की कमी से शरीर में स्ट्रेस हॉर्मोन बढ़ता है, जो हार्ट और द‍िमाग के लिए नुकसानदायक हो सकता है। साथ ही, नींद की कमी से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है, जो स्ट्रोक का जोखिम बढ़ा सकता है।

अनहेल्‍दी खाना

लंबे समय तक काम करने की वजह से कई लोग अनियमित और अस्वस्थ खाना खाने लगते हैं, जैसे कि जंक फूड, कैफीन या मीठी चीजें। इससे वजन बढ़ता है और कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है, जो स्ट्रोक का खतरा बढ़ाने वाले मुख्य कारणों में से एक हैं।

इसे भी पढ़ें- स्ट्रोक का खतरा किन-किन चीजों से बढ़ सकता है? डॉक्टर से जानें

स्ट्रोक के जोखिम से कैसे बचें?- Stroke Risk Prevention Tips

  • काम को बेहतर तरीके से प्लान करें ताकि आपको ओवरटाइम करने की जरूरत न पड़े। काम के दौरान ब्रेक लें, हर 1-2 घंटे में खड़े होकर थोड़ा टहलें।
  • ऑफिस के बाद नियमित रूप से एक्सरसाइज करें, जैसे योग, चलना या हल्‍की कसरत। इससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और स्ट्रोक का खतरा कम होता है।
  • दिनभर में पौष्टिक आहार लें। जंक फूड और ज्‍यादा कैफीन से दूर रहें। साथ ही डाइट में ताजे फल, सब्जियां और कम फैट वाले प्रोटीन को शाम‍िल करें।
  • ध्यान और मेडिटेशन जैसे तरीकों से स्ट्रेस कम करने की कोशिश करें। काम के बीच में रिलैक्सेशन तकनीक अपनाएं और अपनी मानसिक स्थिति का ध्यान रखें।
  • 7-8 घंटे की नींद लें। नींद से शरीर और द‍िमाग दोनों को आराम मिलता है, जिससे स्ट्रोक का जोखिम कम होता है।

काम के दौरान स्‍ट्रेस, हाई बीपी, एक ही जगह पर बैठना और अन्‍य अनहेल्‍दी आदतें, स्‍ट्रोक के खतरे को बढ़ा देती हैं। इसलिए काम के घंटे निर्धारित करके, स्वस्थ आदतों को अपनाएं।

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Study Link: https://www.sciencedirect.com/science/article/pii/S0160412019332118

Study Source: sciencedirect

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