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प्रेग्नेंसी में नींद की कमी से हो सकती है एंग्‍जाइटी, जानें अच्छी नींद कैसे दूर करती है च‍िंता और तनाव

प्रेग्नेंसी में अक्‍सर मांओं को एंग्‍जाइटी होती है। नए मेहमान की च‍िंता, उन्‍हें हर समय परेशान करती है। ऐसे में नींद से ही च‍िंता दूर की जा सकती है।
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प्रेग्नेंसी में नींद की कमी से हो सकती है एंग्‍जाइटी, जानें अच्छी नींद कैसे दूर करती है च‍िंता और तनाव


Importance of Sleep To Manage Pregnancy Anxiety: प्रेग्नेंसी के दौरान एंग्जाइटी एक सामान्य अनुभव है, खासकर पहली बार गर्भधारण करने वाली महिलाओं में एंग्‍जाइटी के लक्षण देखे जाते हैं। पहली बार प्रेग्नेंसी प्‍लान करने के दौरान, ऐसी कई चुनौत‍ियों का सामना करना पड़ता है ज‍िसकी जानकारी मह‍िलाओं को नहीं होती। इस वजह से तनाव महसूस होता है। नए मेहमान की च‍िंता में, मह‍िलाओं को तनाव महसूस होता है और वे अक्‍सर इस सोच में रहती हैं क‍ि सुरक्ष‍ित प्रसव कैसे संभव होगा और उनके श‍िशु की सेहत कैसी रहेगी। प्रेग्नेंसी में शरीर और मन में कई बड़े बदलाव आते हैं, जो च‍िंता और तनाव का कारण बनते हैं। एंग्जाइटी से निपटने के लिए पर्याप्त नींद लेना जरूरी है। अच्छी नींद न सिर्फ शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी गर्भवती महिला को स्वस्थ रखने में मदद करती है। प्रेग्नेंसी में हार्मोनल बदलाव, शरीर में होने वाले शारीरिक बदलाव और भविष्य को लेकर चिंता, एंग्जाइटी का कारण बनते हैं। इसके अलावा, स्वास्थ्य संबंधी चिंता, परिवार में नए सदस्य के आने की तैयारी और प्रसव की प्रक्रिया के बारे में डर भी एंग्जाइटी को बढ़ा सकता है।

प्रेग्नेंसी के दौरान एंग्जाइटी की स्‍थ‍ित‍ि में नींद की अहम‍ियत बढ़ जाती है। अगर आप पर्याप्‍त नींद लेंगी, तो मानस‍िक और शारीर‍िक स्‍वास्‍थ्‍य बेहतर रहेगा। गर्भवती महिलाओं को 7-9 घंटे की नींद लेने की सलाह दी जाती है। नींद की कमी से तनाव और चिंता बढ़ सकती है। इस वजह से शरीर में स्‍ट्रेस हार्मोन (कोर्टिसोल) का स्तर बढ़ जाता है। इससे एंग्जाइटी बढ़ने की संभावना होती है, जिससे गर्भावस्था में समस्याएं बढ़ सकती हैं। इस लेख में हम जानेंगे क‍ि प्रेग्नेंसी में अच्छी नींद, च‍िंता और तनाव को कैसे दूर कर सकती है। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के झलकारीबाई हॉस्‍प‍िटल की गाइनोकॉलोज‍िस्‍ट डॉ दीपा शर्मा से बात की।

प्रेग्नेंसी में एंग्‍जाइटी दूर करने के ल‍िए नींद की क्‍या भूम‍िका है?

importance of sleep during amxiety

नींद के दौरान, शरीर खुद को र‍िपेयर करता है। प्रेग्नेंसी में शारीरिक थकान और दर्द से राहत पाने के लिए नींद जरूरी है, क्योंकि गर्भवती महिला का शरीर अतिरिक्त भार उठाता है। जानें प्रेग्नेंसी के दौरान एंग्जाइटी को कम करने के ल‍िए क‍िन ट‍िप्‍स की मदद ले सकते हैं- 

  • नींद दि‍माग के लिए भी जरूरी है। गर्भावस्था के दौरान, तनाव और चिंता को कम करने में अच्छी नींद फायदेमंद होती है। नींद पूरी करके मानसिक थकान कम हो जाएगी और आप बेहतर महसूस करेंगी। 
  • प्रेग्नेंसी के दौरान प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन जैसे हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है। नींद हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद करती है। अगर नींद पूरी नहीं होती, तो इन हार्मोनल बदलावों का मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है।
  • नींद इम्यून सिस्टम को मजबूत करती है। पर्याप्त नींद के कारण शरीर की इम्‍यून‍िटी बेहतर तरीके से काम करती है। इससे गर्भवती महिला संक्रमण और बीमारियों से सुरक्षित रहती है।
  • नींद पूरी होने से मूड में सुधार आता है। गर्भवती महिलाएं जो पर्याप्त नींद लेती हैं, वे ज्‍यादा पॉज‍िट‍िव सोच रखती हैं और उनके मूड स्विंग्स कम होते हैं। इसके साथ ही वे एंग्जाइटी का बेहतर तरीके से सामना कर पाती हैं।

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अच्‍छी नींद के ल‍िए इन ट‍िप्‍स को फॉलो करें- Tips For Better Sleep

  • रोज एक ही समय पर सोने और उठने का समय तय करना चाहिए। 
  • सोने के ल‍िए कमरे में शांत‍ि, ठंडक और अंधेरा होना चाहिए।
  • इसके साथ ही, अच्छी क्‍वॉल‍िटी वाले गद्दे और तकिया का इस्‍तेमाल करना चाह‍िए, ताक‍ि बेहतर नींद आए। 
  • हल्की एक्सरसाइज या योग करने से नींद की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है। इससे शरीर और मन दोनों को आराम मिलता है।
  • सोने से पहले कैफीन या चीनी युक्त चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए। ये चीजें नींद में बाधा डाल सकती हैं और एंग्जाइटी बढ़ा सकती हैं।
  • सोने से पहले डीप ब्रीदिंग या मेडिटेशन जैसी तकनीकें एंग्जाइटी को कम करने और अच्छी नींद लाने में मदद करती हैं।

प्रेग्नेंसी के दौरान एंग्जाइटी से निपटने में अच्छी नींद एक असरदार उपाय है। इसलिए महिलाओं को नींद पर विशेष ध्यान देना चाहिए ताकि वे खुद को मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रख सकें।

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