दांत दर्द से लेकर भूख बढ़ाने तक, जानें बच्चों के लिए जावित्री के 8 फायदे

जावित्री बच्चे के दिमाग के साथ उनके हाजमे को भी तेज करने में मदद करती है। जानते हैं बच्चों को ये कैसे दें और सेहत के लिए इनके खास फायदे।
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दांत दर्द से लेकर भूख बढ़ाने तक, जानें बच्चों के लिए जावित्री के 8 फायदे


जावित्री (javitri benefits) को भारतीय खाने में एक मसाले की तरह इस्तेमाल किया जाता है। जावित्री एक लाल रंग की कवरिंग जैसी होती है जो कि जायफल को ढकती है। यह स्वाद में तीखी होती है, कुछ हद तक काली मिर्च और दालचीनी के जैसा तेज सुगंध देती है। गरम मसाले को बनाने के लिए हमेशा जावित्री का इस्तेमाल किया जाता है। इसकी तासीर गर्म होती है और इसलिए कफ से जुड़ी बीमारियों (javitri for cough) में इसे लेने से कहा जाता है। ये एंटी बैक्टीरियल, एंटी वायरल,  एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी डायबिटीज गुणों से भरपूर है। साथ ही इसमें विटामिन ए, सी, बी 1, बी 2 जैसे कई विटामिन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, मैंगनीज और जिंक जैसे खनिज भी अच्छी मात्रा में मौजूद होते हैं। पर आज हम बड़ों के लिए जावित्री खाने के फायदे की बात नहीं करेंगे। बल्कि हम छोटे बच्चों के लिए जावित्री खाने के फायदे (Javitri benefits for children) की करेंगे। इसी बारे में हमने लखनऊ आयुर्वेदा क्लीनिक की आयुर्वेदिक डॉक्टर डॉ. वीणा चंद्रा से भी बात की, जिन्होंने इसके फायदे के साथ इसे इस्तेमाल करने का तरीका भी। 

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बच्चों के लिए जावित्री के फायदे- Javitri benefits for children

1. सर्दी-जुकाम का रामबाण इलाज है जावित्री

बच्चों को जब सर्दी-जुकाम हो तो घी में जावित्री पका कर उन्हें देने से उन्हें  सर्दी-जुकाम से राहत मिलती है। दरअसल, जावित्री की तासीर गर्म होती है और सर्दी-जुकाम में इसे खाना बेहद फायदेमंद माना जाता है। ये एंटी बैक्टीरियल और एंटी वायरल गुणों से भरपूर है जो कि फ्लू और वायरल रोगों से बचाती है और आपके बच्चे के शरीर को मौसमी बीमारियों से सुरक्षित रखती है। इसके उपयोग से आप अपने बच्चे के लिए कफ सिरप और कोल्ड रब तैयार करने कर सकते हैं। 

2. बच्चे का दिमाग तेज करती

आयुर्वेद में जावित्री को ब्रेन बूस्टर जड़ी बूटी के रूप में देखा जाता है। माना जाता है कि इसे लेने से ब्रेन की एक्टिविटी तेज हो जाती है और  दिमाग तेजी से काम करता है। इसलिए बच्चों के मस्तिष्क की कार्यक्षमता को उत्तेजित करने के लिए आपको जावित्री लेना चाहिए। इसके मेसेलिग्नन और मिरिस्टिसिन जैसे घटकों से मिलकर, तंत्रिका मार्गों को उत्तेजित करती है और संज्ञानात्मक कार्य में सुधार करती है।  साथ ही ये उन बच्चों के लिए भी फायदेमंद है जिनकी एकाग्रता अच्छी नहीं है। उन्हें दूध में जावित्री मिला कर देने से उनकी एकाग्रता बढ़ती है और स्मृति में सुधार भी होता है। इससे वे पढ़ाई लिखाई में बेहतर हो सकते हैं। 

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3. बच्चे के पाचन तंत्र को स्वस्थ रखती है

जावित्री को शहद में मिला कर बच्चे को चटाने से या नाभि पर लगाने से पेट दर्द की समस्या में आराम मिलता है। ये बच्चे में कब्ज की समस्या, सूजन और गैस संबंधी समस्याओं को कम करने में मदद कर सकती है। इतना ही नहीं, ये मसाला मल त्याग को नियंत्रित करने के लिए अच्छा होता है। इससे बच्चे का पेट साफ किया जा सकता है और उनमें जी मिचलाना को ठीक किया जा सकता है। साथ बच्चे को दस्त होने या पेट फूलने पर भी आप जावित्री को गर्म करके उसे खिला सकते हैं। 

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4. भूख बढ़ाती है

अगर आपको लगता है कि आपके बच्चे को भूख नहीं लगती या कम लगती है और वे खाना नहीं खाना चाहता है तो आप अपने बच्चे को जावित्री दे सकते हैं।  दरअसल, ये आपके बच्चे की खाने की आदतों को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। सबसे पहले तो ये मेटाबोलिज्म को तेज करती है और पेट साफ ना होने पर पेट साफ करती है या फिर बच्चों में एसिडिटी की समस्या को दूर करती है। इस तरह ये बच्चे के पेट के काम काज को तेज करके भूख बढ़ाने में मदद करती है। 

5. दांत दर्द में फायदेमंद

जावित्री बच्चों में होने वाले दांत दर्द को कम कर सकती है। दरअसल, इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो दाद निकलने पर होने वाले दर्द या मसूडों के सूजन को करती है। साथ ही इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण भी है जो कि दातों में सड़न के कारण होने वाले दर्द को कम करती है। बच्चों में दांतों की ये तीनों ही समस्याएं आम हैं और जावित्री इन सबमें फायदेमंद है। तो जब बच्चों को दांतों में दर्द हो तो सरसों के तेल में जावित्री को पकाएं और इसे उनके दांतों पर लगाएं। ये दर्द को कम करने में मदद करेगा। साथ ही आप इसे पीस कर बच्चों के कीड़े लगे दांतों पर भी लगा सकते हैं। ये कीड़ों के असर को बेअसर करने में मददगार होगा। 

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6. इम्यूनिटी बूस्टर है

जावित्री इम्यूनिटी बूस्टर हर्ब है। ये एंटीइंफ्लेमेटीर होने के साथ कुछ एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भी भरपूर है जो कि इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए जरूरी है। जावित्री को रेगुलर अपने खाने में शामिल करने से ये शरीर का ताप बढ़ाता है, मेटाबोलिज्म को ठीक रखता है, कफ बनने से रोकता है और मौसमी बीमारियों से बचाव में मदद करता है। साथ ही इसका विटामिन सी भी इम्यूनिटी बूस्ट करने में मददगार है। 

7. वात-कफ दोष को संतुलित करती है

वात का अर्थ वायु से ह जो पाचन और उत्सर्जन में सहायता करता है। आयुर्वेद के तीनों दोषों में वात को प्रमुख दोष माना जाता है क्योंकि यह अन्य दो दोषों को नियंत्रित भी करता है। तो वहीं जब शरीर के अंदर कफ बहुत अधिक बढ़ जाता है तो सर्दी-जुकाम आदि भी होता है। साथ ही वात दोषों के कारण मानसिक और हर्मोनल हेल्थ पर भी प्रभाव पड़ता है। ऐसे में बच्चो को मानसिक, शारीरिक और हार्मोनल रूप से स्वस्थ रखने के लिए बीच-बीच में जावित्री पीस कर घी या शहद के साथ खिलाना चाहिए। 

8. अस्थमा में भी है फायदेमंद 

यह अस्थमा से पीड़ित बच्चों के लिए एक रामबाण इलाज है। ये सीने में जगड़न को कम करने में मदद करती है। साथ ही ये सांस की समस्या को भी कम करने में मदद करती है और बच्चों में अस्थमा के लक्षणों में सुधार लाती है। ऐसे में आप अस्थमा होने पर जावित्री की चाय या काढ़ा बना कर अपने बच्चों को दे सकते हैं।

सर्दियों के मौसम में जावित्री लेना हमेशा से ही फायदेमंद है। ये एंटी-फंगल गुणों से भरपूर है। साथ ही एंटीडिप्रेसेंट है, जिसका रेगुलर सेवन करने से बच्चे हर तरह से स्वस्थ हैं। ये जोड़ों के दर्द और अन्य सूजन संबंधी स्थितियों का इलाज करती है।

all images credit: freepik

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