दांत में दर्द एक ऐसी समस्या है जिसका लोगों को अक्सर सामना करना पड़ता है। खानपान में लापरवाह, ठीक से ब्रश न करना और खाने के बाद कुल्ला न करने से दांत संबंधी परेशानियां शुरू होती हैं। लेकिन दुखद ये है कि जब भी हमें दांतों में दर्द होता है हम खुद ही डॉक्टर बन जाते हैं। दांत दर्द को भगाने के लिए घरेलू उपाय अनपाते हैं। ऐसा अक्सर होता है है कि लोगों को जब दांतों में दर्द (Toothache) होता है तो वे ठंडे पानी का इस्तेमाल करते हैं। इस पर मुंबई के गवर्नमेंट डेंटल अस्पताल में काम करने वाले डॉक्टर देशमुख का कहना है कि ठंडापन नसों को अनेस्थेटाइज (सुन्न) कर देता है। इसलिए कुछ समय तक दर्द से आराम मिलता है, लेकिन यह दांत दर्द का सही इलाज नहीं है। उन्होंने कहा कि लोग दांत दर्द से फौरी राहत के लिए घरेलू उपाय जैसे ठंडा पानी आदि का इस्तेमाल करते हैं और समय पर डॉक्टर के पास नहीं आते, जिस वजह से उनके दांत की परेशानी और बढ़ जाती है। डॉक्टर के मुताबिक दांतों में अगर परेशानी हो रही है तो शुरुआती समय में उसका इलाज डॉक्टर से कराएं। यहां डॉ. देशमुख ने दांतों में दर्द के प्रमुख कारण और उनका इलाज बताए हैं। आइए विस्तार से जानते हैं।
दांतों में दर्द के प्रमुख कारण
1.दांतों में सड़न
दांतों में सड़न होने का मतलब है कि दांत में कीड़ा लग गया है। जिस वजह से दांत भीतर से खोखला और ऊपर से काला हो जाता है। इसके बाद दांतों में दर्द होने लगता है। ये सड़न अम्ल पैदा करने वाले बैक्टीरिया में बदल जाती है। अम्ल दातों की परत को नुकसान पहुंचाता है। फिर यह सड़न दांतों की परत के बाद दांतों की नसों को प्रभावित करती है और दांतों में दर्द होता है।
2.सेंसटिविटी
डॉ. के मुताबिक दांतों में दर्द का दूसरा प्रमुख कारण दांतों में सेंसिटिविटी है। इसमें दांत के ऊपर की लेयर पूरी तरह से गिर जाती है तब दांतों में दर्द होता है। इसे अट्रिजन, अप्रेजन, अप्रैक्शन आदि नामों से जाना जाता है। कौन सा दांत गिरा है उसके हिसाब से उसका डॉक्टरी नाम होता है। दांतों के ऊपर का इनेमल हटने से दांतों में झनझनाहट होने लगती है। दांतों का इनेमल सबसे सख्त माना जाता है, लेकिन उसे बार-बार घिसने से इनेमल हट जाता है। फिर सेंसटिविटी शुरू होती है। इनेमाल दांतों को प्रोटेक्ट करता है। इनेमल दांतों को बहुत घिसने से, दांतों के बीच में कोई लकड़ी डालने से या एसिडिक खाना खाने से हटता है।
3.मसूड़ों का बिगड़ा स्वास्थ्य
मसूड़ों की ऊंगली से मसाज करने से उनमें खून का बहाव ठीक होता है। जिससे मसूड़े स्वस्थ रहते हैं। जब ये मसूड़े स्वस्थ नहीं रहते तब मसूड़ों में दर्द शुरू होता है। मसूड़ों के दर्द को ही मरीज दांतों का दर्द कहते हैं। खाने के अंदर विटामिन सी की कमी होने पर मसूड़ों की हालत खराब होने लगती है।
4.कैल्शियम की कमी
दांतों को मजबूती कैल्शियम से मिलती है अगर यह सही रूप में दांतों को नहीं मिलता तो दांतों दर्द होता है।
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दांतों में दर्द का इलाज
1.सड़न से निपटान
डॉ. देशमुख के मुताबिक दांतों में सड़न होने पर दांतों में दर्द होता है उसका इलाज ये होता है कि मशीन से सड़न निकालनी पड़ती है। अगर सड़न ने नस को पकड़ लिया तो उसका रूट कैनाल ट्रीटमेंट करना पड़ता है। लेकिन यह जरूरी नहीं है कि हर बार सड़न नस तक पहुंच जाए, अगर मरीज दांत में दर्द होने के 15 दिन के अंदर हमारे पास चला आता है तो वो सड़न मशीन से निकाली जा सकती है। अगर वह नहीं आता है और सड़न नस तक पहुंच गई है तो रूट कैनाल ट्रीटमेंट करना पड़ता है। पहले दांत में चांदी या सोना भरा जाता था, जिससे वह दांत अलग दिखता था, लेकिन अब दांत के रंग का ही सीमेंट आता है। सड़न निकाल कर सीमेंट भर दिया। हर टाइप की सड़न में ये इलाज किया जा सकता है। अगर हालत बहुत खराब हो गई है तो दांत निकालना पड़ता है।
2.सेंसिटिविटी का इलाज
सेंसिटिविटी को दूर करने के लिए डॉक्टर मरीज को रैपिड रिलिफ का एक पेस्ट लिखकर देते हैं जो मरीज को 15 दिन तक लगाना होता है। ऐसा कोई इलाज नहीं है जो एक बार दांत के ऊपर का इनैमल जाने पर वापस नेचुरल इनैमल दे दे। अगर मरीज को बहुत तकलीफ होती है तो दांत पर कैप लगाया जाता है। हर बार वो पेस्ट लगाकर बैठने से वो पेस्ट मसूड़ों की नसों को सुला देते हैं, जिससे सेंसिटिविटी नहीं होती।
3.स्केलिंग से इलाज
स्केलिंग ट्रीटमेंट से दांतों के ऊपर जमा हुआ कचरे को निकालता है। मसूड़ों के अंदर से फंसी हुई गंदगी को स्केलिंग प्रक्रिया के माध्यम से निकाली जाती है। गंदगी निकालने पर मसूड़े फिर से स्वस्थ बन जाते हैं। उनमें ब्लड सर्कुलशन ठीक रहेगा, मसूड़े स्वस्थ रहेंगे।
4.दांतों की सफाई
हर छह महीने में डॉक्टर से दांतों की सफाई कराएं। इससे दांतों से संबंधित परेशानीयां दूर रहेंगी। इसके अलावा कुल्ला करना और ब्रश करना भी उपचार है।
5. दांतों के लिए ये खाएं
शुगर दांतों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है। फलों का शुगर कम नुकसान करता है। दांतों को स्वस्थ रखने के लिए खूब गाजर खाएं। गाजर के फाइबर दांतों की गंदगी को अंदर ले जाते हैं। इसके अलावा सलाद में पत्ता गोभी, खीरा आदि को शामिल करें। दूध में कैल्शियम होता है लेकिन दूध पीने के बाद कुल्ला जरूर करें।
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इन गलतियों से बढ़ सकता है दांतों का दर्द
-दांत में नुकीली चीजें चुभाना
- दांत के दर्द के लिए मिशरी का प्रयोग करना
- दर्द के कारण उस दांत की सफाई न कराना
- लंबे समय तक दांत के दर्द के लिए दवाई पर निर्भर रहना
- लौंग फंसा कर रखना
- ठंडे पानी का इस्तेमाल करना
चेहरे की खूबसूरती और खूबसूरत व्यक्तित्व के लिए चमकते दांत सभी को चाहिए। इसलिए जरूरी है कि इनका ख्याल रखा जाए। इसके लिए सिर्फ दिन में दो बार ब्रश करने से औऱ कुल्ला करने से दांतों के दर्द से निजात पाया जा सकता है। घरेलू उपायों पर अधिक समय तक निर्भर न रहें।
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