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मॉर्निंग सिकनेस से लेकर गैस की समस्या तक, जानें प्रेग्नेंसी में जलजीरा पीने के फायदे

जलजीरा, हमेशा से अपने खट्टे, टैंगी और रिफ्रेशिंग स्वाद के लिए जानी जाती रही है। लोग इसे पेट की समस्याओं में भी खूब पीते हैं। आइए, जानते हैं प्रेग्नेंसी में जलजीरा पीने के क्या फायदे हैं, विस्तार से।
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मॉर्निंग सिकनेस से लेकर गैस की समस्या तक, जानें प्रेग्नेंसी में जलजीरा पीने के फायदे


प्रेग्नेंसी में शरीर में इतने बदलाव आ रहे होते हैं कि महिलाएं इसे लेकर परेशान हो जाती हैं। सबसे ज्यादा प्रग्नेंसी की शुरुआत में हार्मोनल बदलाव के साथ दिक्कत होती है जिसमें मतली, उल्टी, कब्ज, बदहजमी और पेट से जुड़ी समस्याएं बढ़ जाती हैं। ऐसी स्थिति में दवाओं के साथ डाइट में कुछ चीजों को शामिल करना आपको कई समस्याओं से बचा सकता है। जैसे कि इस दौरान कई महिलाएं जलजीरा पसंद करती हैं, लेकिन क्या यह इस दौरान सुरक्षित है। आपको प्रेग्नेंसी में कितना और कब लें। इसके अलावा इसे लेते समय किन बातों का ख्याल रखें। इस बारे में हमने Dr. N Sapna Lulla, Lead Consultant - Obstetrics & Gynaecology, Aster CMI Hospital, Bangalore से बात की।

प्रेग्नेंसी में जलजीरा पी सकते हैं?

डॉ. एन सपना लुल्ला, बताती हैं कि गर्भावस्था के दौरान अगर सीमित मात्रा में लिया जाए तो जलजीरा (Pregnancy me jaljeera) एक मददगार और ताजगी देने वाला पेय पदार्थ हो सकता है। दरअसल, इसका जीरा पाचन में मदद करता है, नींबू विटामिन सी प्रदान करता है, और काला नमक पेट को शांत कर सकता है। कई गर्भवती महिलाओं को यह आरामदायक लगता है, खासकर शुरुआती महीनों में।

मॉर्निंग सिकनेस में फायदेमंद है जलजीरा

प्रेग्नेंसी में जलजीरा पीने के कई फायदे हैं जिनमें सबसे पहला फायदा यही है कि गर्भावस्था के शुरुआती महीनों में यह मॉर्निंग सिकनेस की समस्या को कम करने में मदद करता है। दरअसल, शुरुआती दिनों में हार्मोनल बदलाव की वजह से मतली आदि की दिक्कत ज्यादा होती है। ऐसे में जलजीरा पीना आपको बेहतर महसूस करा सकता है। इसे पीने प्रेग्नेंसी में रिफ्रेशिंग महसूस हो सकता है और मतली और उल्टी जैसी समस्याओं को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है।

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गैस और पेट फूलने पर पिएं जलजीरा

प्रेग्नेंसी में लोगों को गैस और पेट फूलने की समस्या बाकी दिनों की तुलना में ज्यादा परेशान करती है। दरअसल, हार्मोनल बदलाव की वजह से शरीर में पाचन क्रिया प्रभावित रहता है और गैस की समस्या ज्यादा होती है। साथ ही इन दिनों पाचन क्रिया का काम काज भी स्लो रहता है। ऐसे में जीरा, नींबू, काला नमक और पानी से बना यह ड्रिंक गैस, पेट फूलना और बदहजमी जैसी गर्भावस्था की आम समस्याओं को कम कर सकता है।

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प्रेग्नेंसी में कब्ज का इलाज हो सकती है जलजीरा

प्रेग्नेंसी में हार्मोनल बदलाव के साथ जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता जाता है आंते सिकुड़ने लगती हैं और पेट के निचले हिस्से पर प्रेशर पड़ता है, इससे कब्ज की समस्या होती है। इसके अलावा डाइट, नींद और लाइफस्टाइल से जुड़े बदलाव भी कब्ज पैदा करते हैं। ऐसे में मल त्याग को आसान में जलजीरा फायदेमंद हो सकता है। जीरा पाचन क्रिया को तेज करने में मददगार है तो पानी और काला नमक मल को मुलायम बनाने के साथ आंतों को साफ करने में मददगार है। तो इस तरह जब आप प्रेग्नेंसी में जलजीरा पीते हैं तो कब्ज की समस्या में कमी आ सकती है।

प्रेग्नेंसी में कब और कितना पिएं जलजीरा

डॉ. एन सपना लुल्ला बताती हैं कि प्रेग्नेंसी में जलजीरा लें लेकिन कम मात्रा में, जैसे दिन में एक बार आधा गिलास लें, कोशिश करें कि खाली पेट लेने से बचें। इसे घर पर बनाकर ही लें। जलजीरा बनाने के लिए आपको करना यह है कि जीरा को भून लें और कूट लें। इसके बाद इसे पानी में मिलाएं और इसी पानी में काला नमक, नमक, हल्का सी चीनी और नींबू का रस मिलाएं। स्वाद को चेक करके बैलेंस करें और फिर जलजीरा पी लें। बाहर का बना जलजीरा पीने से बचें क्योंकि प्रेग्नेंसी में इसे पीना सुरक्षित नहीं है।

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ध्यान देने वाली बात-

ज्यादा मात्रा में इसे लेने से लें। बहुत अधिक काला नमक, पानी के जमाव या हाई बीपी का कारण बन सकता है। इसके अलावा, अगर आपको एसिडिटी, किडनी की समस्या है या आप कम नमक वाला आहार ले रहे हैं, तो इससे बचना या अपने डॉक्टर से सलाह लेना सबसे अच्छा है। हमेशा साफ, फिल्टर किया हुआ पानी और ताजी सामग्री का ही इस्तेमाल करें। जलजीरा बेहतर महसूस करने का एक प्राकृतिक तरीका हो सकता है, लेकिन हर गर्भावस्था अलग होती है, इसलिए इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करने से पहले अपने डॉक्टर से बात करना बुद्धिमानी है।

FAQ

  • क्या जीरा प्रेगनेंसी के दौरान सेफ है?

    प्रेग्नेंसी के दौरान किसी भी प्रकार के घरेलू उपायों को करने से बचें जब तक कि आपने इसे डॉक्टर से न पूछा हो। इसी प्रकार से आपको जीरा भी नहीं खाना चाहिए। यह गर्भाशय में संकुचन को बढ़ा सकता है जिससे गर्भपात का खतरा हो सकता है। 
  • प्रेगनेंसी में सोडा पी सकते हैं क्या?

    प्रेगनेंसी में सोडा पीना मां और बच्चे दोनों के लिए नुकसानदेह है। इसमें शुगर होता है और कुछ आर्टिफिशियल इंग्रीडिएंट्स होते हैं जो कि मां और बच्चे दोनों की सेहत को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए प्रेग्नेंसी में सोडा पीने से बचें।
  • कौन सा फल प्रारंभिक गर्भावस्था में गर्भपात का कारण बनता है?

    पपीता और अनानास का सेवन प्रारंभिक गर्भावस्था में गर्भपात का कारण बनता है। इनसे निकलने वाले एंजाइम्स गर्भाशय में संकुचन बढ़ा सकते हैं जिससे आपकी दिक्कत बढ़ सकती है और गर्भपात का खतरा भी हो सकता है। 

 

 

 

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