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किसी तूफान से कम नहीं है शरीर के लिए हार्मोनल बदलाव, सिर से पैर तक महसूस होता है असर

आज की तेज रफ्तार जिंदगी में महिलाओं और पुरुषों दोनों को कई बार ऐसे शारीरिक और मानसिक लक्षणों का सामना करना पड़ता है, जिनका कारण समझ नहीं आता। यहां जानिए, शरीर में हार्मोन बदलने से क्या होता है?
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किसी तूफान से कम नहीं है शरीर के लिए हार्मोनल बदलाव, सिर से पैर तक महसूस होता है असर


आजकल की तेज रफ्तार जिंदगी, असंतुलित खानपान, नींद की कमी और लगातार तनाव जैसी आदतों का असर सीधे हमारी सेहत पर पड़ता है। इन वजहों से शरीर में हार्मोनल असंतुलन की समस्या तेजी से बढ़ रही है। हार्मोन हमारे शरीर में कोशिकाओं और अंगों को सही ढंग से काम करने के संकेत देते हैं। ये शरीर के विकास, मेटाबॉलिज्म, फर्टिलिटी, मूड, नींद, स्किन और एनर्जी लेवल जैसे कई जरूरी कार्यों को कंट्रोल करते हैं। जब शरीर में हार्मोन का लेवल बढ़ता या घटता है तो इसे हार्मोनल इंबैलेंस यानी हार्मोनल बदलाव कहा जाता है। यह बदलाव अस्थायी भी हो सकता है जैसे पीरियड्स, प्रेग्नेंसी या मेनोपॉज के समय और कभी-कभी यह किसी बीमारी या लाइफस्टाइल की खराब आदतों का नतीजा भी हो सकता है। हार्मोनल बदलाव की समस्या महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती है, लेकिन पुरुष भी इससे अछूते नहीं हैं।

इस लेख में हम एनआईटी फरीदाबाद में स्थित संत भगत सिंह महाराज चैरिटेबल हॉस्पिटल के जनरल फिजिशियन डॉ. सुधीर कुमार भारद्वाज (Dr. Sudhir Kumar Bhardwaj, General Physician, Sant Bhagat Singh Maharaj Charitable Hospital, NIT Faridabad) से विस्तार से जानेंगे कि हार्मोनल बदलाव शरीर को कैसे प्रभावित करते हैं और इससे निपटने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं।

हार्मोनल बदलाव आपके शरीर को कैसे प्रभावित करते हैं? - how hormonal changes affect your body

हार्मोन शरीर में मौजूद एंडोक्राइन ग्रंथियों द्वारा स्रावित होते हैं। ये खून के जरिए पूरे शरीर में पहुंचते हैं और अलग-अलग अंगों पर प्रभाव डालते हैं। जैसे इंसुलिन शुगर को कंट्रोल करता है, एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन महिलाओं में फर्टिलिटी (hormones badalne ke lakshan) के लिए जिम्मेदार होते हैं, वहीं टेस्टोस्टेरोन पुरुषों के यौन स्वास्थ्य को कंट्रोल करता है।

1. मूड और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

हार्मोनल बदलाव सीधे हमारे दिमाग को प्रभावित करते हैं। जैसे एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन महिलाओं के मूड में बदलाव ला सकते हैं, जिससे प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) या मेनोपॉज के दौरान डिप्रेशन, चिड़चिड़ापन या चिंता (What happens to the body when hormones change) जैसी समस्याएं हो सकती हैं। पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन की कमी मूड स्विंग्स और थकावट का कारण बन सकती है।

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2. एनर्जी लेवल और थकान

हार्मोनल असंतुलन से शरीर में एनर्जी की कमी हो सकती है। थायराइड हार्मोन का कम या ज्यादा होना भी थकान, कमजोरी, वजन बढ़ना या घटने जैसे लक्षण पैदा करता है।

3. वजन और मेटाबॉलिज्म पर प्रभाव

हार्मोन मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करते हैं। जैसे इंसुलिन हार्मोन ब्लड में शर्करा को कंट्रोल करता है। यदि इंसुलिन का लेवल ठीक से काम न करे तो डायबिटीज जैसी बीमारी हो सकती है। हार्मोनल बदलाव वजन बढ़ने या घटने का कारण भी बन सकते हैं।

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4. स्किन और बालों पर असर

हार्मोनल बदलाव स्किन की चमक को प्रभावित करते हैं। जैसे प्यूबर्टी में हार्मोन की बढ़ोतरी से मुहांसे हो सकते हैं। मेनोपॉज में एस्ट्रोजन की कमी से स्किन पर झुर्रियां जल्दी पड़ सकती हैं और बाल कमजोर हो सकते हैं।

5. फर्टिलिटी पर प्रभाव

महिलाओं में हार्मोन असंतुलन से पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं और गर्भधारण में दिक्कतें आ सकती हैं। पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन की कमी से प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है।

how hormonal changes affect body

हार्मोन्स को बैलेंस रखने के लिए क्या करना चाहिए? - how to balance your hormones

  • बैलेंस डाइट लें जिसमें विटामिन, मिनरल्स और प्रोटीन भरपूर मात्रा में हो।
  • नियमित एक्सरसाइज करें जिससे हार्मोन एक्टिव रहते हैं।
  • तनाव कम करने के उपाय अपनाएं जैसे मेडिटेशन, योग, गहरी सांस लेना।
  • पर्याप्त नींद लें और सोने-जागने का सही समय अपनाएं।
  • डॉक्टर से समय-समय पर चेकअप करवाएं और अगर जरूरत हो तो हार्मोन टेस्ट कराएं।
  • अनुचित दवाइयों और हार्मोन सप्लीमेंट का उपयोग बिना डॉक्टर की सलाह के न करें।

निष्कर्ष

हार्मोन हमारे शरीर की विभिन्न क्रियाओं के लिए बेहद जरूरी होते हैं। छोटे से छोटा बदलाव भी शरीर और मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। इसलिए हार्मोनल संतुलन बनाए रखना स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। सही खानपान, लाइफस्टाइल और समय-समय पर जांच के जरिए हम अपने हार्मोन को कंट्रोल रख सकते हैं। अगर आपको बार-बार मूड स्विंग्स, थकान या अन्य असामान्य लक्षण महसूस हों तो जल्द से जल्द डॉक्टर से सलाह लें।

All Images Credit- Freepik

FAQ

  • क्या हार्मोनल असंतुलन को घरेलू उपायों से ठीक किया जा सकता है?

    कुछ हल्के मामलों में लाइफस्टाइल में बदलाव जैसे नियमित एक्सरसाइज, बैलेंस डाइट, भरपूर नींद और तनाव मैनेजमेंट से हार्मोनल संतुलन बेहतर किया जा सकता है। हालांकि गंभीर मामलों में डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी होता है।
  • हार्मोन चेंज होने का कारण क्या है?

    हार्मोनल बदलाव के पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे अनियमित नींद, ज्यादा तनाव, पोषण की कमी, ज्यादा शुगर या फैट युक्त भोजन, गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन, थायराइड की समस्या, पीसीओएस (PCOS), मेनोपॉज और कुछ विशेष दवाइयां।
  • हार्मोनल इंबैलेंस से स्किन और बालों पर क्या असर पड़ता है?

    हार्मोनल असंतुलन के कारण चेहरे पर एक्ने, ऑयली स्किन, हेयरफॉल, डैंड्रफ, बालों का पतला होना या सफेद होना और स्किन पर पिग्मेंटेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। स्किन और बालों की हेल्थ को बनाए रखने के लिए हार्मोनल बैलेंस जरूरी है।

 

 

 

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