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प्रेग्नेंसी के दौरान मॉर्निंग सिकनेस से राहत के लिए कौन-सी जड़ी बूटियां फायदेमंद है? डॉक्टर से जानें

प्रेग्नेंसी के दौरान मॉर्निंग सिकनेस होना कई महिलाओं में काफी आम है। इस समस्या से राहत पाने के लिए आप अपनी डाइट में इन जड़ी-बूटियों को शामिल कर सकते हैं-
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प्रेग्नेंसी के दौरान मॉर्निंग सिकनेस से राहत के लिए कौन-सी जड़ी बूटियां फायदेमंद है? डॉक्टर से जानें

प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के शारीरिक और मानसिक बदलाव होते हैं। हार्मोनल बदलाव के कारण चक्कर, उल्टी,  सिरदर्द आदि समस्याएं होना काफी आम है। प्रेग्नेंसी के शुरुआती महीनों में मॉर्निंग सिकनेस या उल्टी-मतली की समस्या बहुत आम होती है। कई महिलाओं को सुबह उठते ही उल्टी, चक्कर, भूख न लगना और पेट खराब होने जैसी समस्याएं महसूस होती हैं। आयुर्वेद में कुछ जड़ी-बूटियां और नेचुरल उपाय ऐसे बताए गए हैं, जो मॉर्निंग सिकनेस की समस्या से राहत दिलाने में मदद करते हैं। आइए इस लेख में हम हरियाणा के सिरसा में स्थित रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉ. श्रेय शर्मा से जानते हैं कि प्रेग्नेंसी में मॉर्निंग सिकनेस से राहत के लिए कौन-सी जड़ी-बूटियां फायदेमंद होती हैं?


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प्रेग्नेंसी में मॉर्निंग सिकनेस से राहत के लिए जड़ी-बूटियां

आयुर्वेदिक डॉ. श्रेय शर्मा के अनुसार, प्रेग्नेंसी में मॉर्निंग सिकनेस से राहत पाने के लिए आप इन जड़ी-बूटियों का सेवन कर सकते हैं-

1. छोटी इलायची

प्रेग्नेंसी के दौरान मॉर्निंग सिकनेस से राहत पाने के लिए आप छोटी इलायची का सेवन कर सकते हैं। ये मतली को कम करने में ज्यादा फायदेमंद होता है। इसका स्वाद, खुशबू, पाचन तंत्र के अनुकूल होता है। इसका सेवन पाचन को हल्का रखता है, ज्यादा एसिडिटी को शांत करता है, मुंह में जमी कड़वाहट या खराब स्वाद को दूर करता है और उल्टी जैसा लगने की समस्या को कम करता है। प्रेग्नेंट महिलाएं इसे थोड़ी-मात्रा में या तो चबाकर या फिर हल्का-सा कूटकर पानी में मिलाकर ले सकती हैं।

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2. प्रवाल

आयुर्वेद में प्रवाल को ठंडा, पित्त-शामक और पाचन में फायदेमंद माना जाता है। आयुर्वेद में मतली, ज्यादा एसिडिटी और पेट की गर्मी को शांत करने के लिए प्रवाल का इस्तेमाल किया जाता है। प्रेग्नेंसी में मतली कम करने के लिए प्रवाल को हल्के रूप में देते हैं, लेकिन जरूरी है कि आप इसका इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह पर ही करें।

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3. गन्ने का रस

गन्ना, जिसे आयुर्वेद में शिशिर यानी ठंडा माना गया है, मतली और चक्कर आने जैसी समस्याओं में आराम देने वाला माना जाता है। इसमें नेचुरल शुगर होती है, जो शरीर को एनर्जी देता है और ब्लड शुगर लेवल कम हो के कारण होने वाली उल्टी या मतली की समस्या से राहत दिलाता है। गन्ने का रस कई महिलाओं के लिए सुबह की सिकनेस और उल्टी दोनों ही समस्याओं में उपयोगी माना जाता है। लेकिन, इसका इस्तेमाल सीमित मात्रा में करना प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए जरूरी है।

4. पुदीना

पुदीना की तासीर ठंडी होती है और इसकी खुशबू उल्टी या शरीर के भारीपन को कम करने में मदद करता है। मॉर्निंग सिकनेस को कम करने के लिए आप पुदीना की चाय, ताजी पुदीना की पत्तियां, या पुदीना के पानी का सेवन कर सकते हैं। सीमित मात्रा में पुदीना का सेवन प्रेग्नेंसी में सुरक्षित विकल्प माना जाता है।

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निष्कर्ष

प्रेग्नेंसी के दौरान मॉर्निंग सिकनेस होना आम समस्या है, जिसे कम करने के लिए आप छोटी इलायची, पुदीना, प्रवाल और गन्ने का सेवन कर सकते हैं। हालांकि, ध्यान रखें कि इन जड़ी-बूटियों का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए और हमेशा डॉक्टर से सलाह लेकर ही इसका सेवन करें।
Image Credit: Freepik

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FAQ

  • प्रेग्नेंसी में सुबह-सुबह उल्टी क्यों होती है?

    प्रेग्नेंसी के दौरान सुबह-सुबह उल्टी होना आमतौर पर हार्मोनल बदलाव, पाचन तंत्र का धीमा होना, थकान और तनाव जैसे कारणों से हो सकता है।
  • गर्भावस्था में मॉर्निंग सिकनेस के क्या लक्षण होते हैं?

    प्रेग्नेंसी में मॉर्निंग सिकनेस के मुख्य लक्षण मतली और उल्टी हैं, जो दिन के किसी भी समय हो सकती है। इसके अन्य लक्षणों में सिरदर्द भी शामिल है।
  • प्रेग्नेंसी में चिड़चिड़ापन क्यों होता है?

    प्रेग्नेंसी में चिड़चिड़ापन मुख्य रूप से हार्मोनल बदलाव, शारीरिक थकान, नींद में कमी और तनाव जैसे कारण शामिल हैं। एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन के उतार-चढ़ाव के कारण भी मूड प्रभावित हो सकता है। 

 

 

 

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  • Current Version

  • Nov 16, 2025 15:38 IST

    Published By : Katyayani Tiwari

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