
आज के समय में, जब प्रेग्नेंट महिलाएं फिटनेस और वेलनेस को लेकर पहले से ज्यादा जागरूक हैं, प्रीनेटल योगा तेजी से फेमस हो रहा है। हॉस्पिटल, मैटरनिटी क्लीनिक और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर इसकी विशेष क्लासेज मिलती हैं। योगा एक्सपर्ट मानते हैं कि यह सिर्फ एक एक्सरसाइज नहीं, बल्कि एक ऐसा अभ्यास है जो मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य पर गहरा असर डाल सकता है। यह शरीर को लचीला बनाता है, तनाव को कम करता है, नींद में सुधार लाता है और डिलीवरी के लिए शरीर को बेहतर तरीके से तैयार करता है। कई महिलाओं के मन में सवाल आता है कि प्रेग्नेंसी में प्रीनेटल योगा कब शुरू करें? इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने जयपुर के दिवा अस्पताल और आईवीएफ केंद्र की प्रसूति एवं स्त्री रोग की विशेषज्ञ, लेप्रोस्कोपिक सर्जन और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शिखा गुप्ता (Dr. shikha gupta, Laparoscopic surgeon and IVF specialist, DIVA hospital and IVF centre) और दिल्ली के उत्तम नगर में स्थित योग जंक्शन के योग थेरेपिस्ट प्रवीण गौतम (Praveen Gautam, Yoga Therapist at Yoga Junction, Uttam Nagar) से बात की-
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प्रेग्नेंसी में प्रीनेटल योगा कब शुरू करें? - When To Start Prenatal Yoga
डॉ. शिखा गुप्ता के अनुसार, अगर प्रेग्नेंसी सामान्य है और कोई जटिलता नहीं है तो प्रीनेटल योग दूसरी तिमाही (13-14 सप्ताह) से शुरू करना सुरक्षित माना जाता है। पहली तिमाही में गर्भ में बदलाव तेज होते हैं और गर्भपात का जोखिम भी ज्यादा होता है, इसलिए इस समय ज्यादा मेहनत वाले योगासन नहीं करने चाहिए। दूसरी तिमाही से शरीर स्थिर होना शुरू हो जाता है, उल्टी-मतली कम होती है और एनर्जी का लेवल बढ़ता है। यही कारण है कि डॉक्टर भी इस समय हल्का योग शुरू करने की सलाह देते हैं। हालांकि, अगर आप पहले से योग करती रही हैं और प्रेग्नेंसी सामान्य है, तो डॉक्टर की अनुमति के बाद आप कुछ हल्के आसन पहले भी कर सकती हैं।
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प्रीनेटल योगा के फायदे - Benefits Of Prenatal Yoga
योग थेरेपिस्ट प्रवीण गौतम बताते हैं कि प्रीनेटल योगा के फायदे इतने ज्यादा हैं कि आज यह दुनिया भर में डॉक्टरों और फिटनेस एक्सपर्ट्स द्वारा सलाह दिया जाता है।

- प्रेग्नेंसी में पीठ दर्द बहुत आम है। योग मांसपेशियों को मजबूत और लचीला बनाकर दर्द को कम करता है।
- गहरी सांसों और ध्यान (Meditation) से तनाव हार्मोन कम होते हैं और मन शांत रहता है।
- योग से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है, जिससे अनिद्रा और बेचैनी कम होती है।
- पेल्विक मांसपेशियों को मजबूत बनाता है, जो नॉर्मल डिलीवरी में सहायक हो सकता है।
- हल्के स्ट्रेच और योगासन शरीर को एक्टिव रखते हैं, जिससे अनचाहा वजन तेजी से नहीं बढ़ता।
- प्राणायाम फेफड़ों की क्षमता बढ़ाते हैं और प्रसव के दौरान सांस कंट्रोल करने में मदद करते हैं।
- योग से ब्लड फ्लो बढ़ता है, जिससे बच्चे को भी पर्याप्त पोषण और ऑक्सीजन मिलती है।
- योग शरीर में सेरोटोनिन बढ़ाता है, जिससे मूड पॉजिटिव रहता है।
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निष्कर्ष
प्रीनेटल योगा प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद है, लेकिन इसे सही समय पर और योगा एक्सपर्ट की देखरेख में शुरू करना जरूरी है। दूसरे ट्राइमेस्टर से शुरू किया गया योग शरीर, मन और प्रसव, तीनों के लिए बहुत लाभकारी होता है। यह न केवल प्रेग्नेंसी को सहज बनाता है बल्कि प्रसव को भी सरल कर सकता है। यदि आप भी योग शुरू करने की सोच रही हैं, तो पहले डॉक्टर से सलाह लें।
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Nov 16, 2025 10:07 IST
Published By : Akanksha Tiwari