
कनाडा में भारतीय मूल के 44 साल की व्यक्ति की मौत उस वक्त हो गई जब सीने में दर्द की लगातार शिकायत करने के बाद भी उसे समय पर इलाज नहीं मिला। दरअसल, प्रशांत श्रीकुमार लगातार सीने में गंभीर दर्द महसूस कर रहे थे। प्रशांत की पत्नी निहारिका के अनुसार, प्रशांत को 22 दिसंबर के दोपहर के आसपास सीने में तेज दर्द होने लगा और उन्हें दोपहर 12:20 बजे अस्पताल ले जाया गया और वे प्रशांत रात करीब 9 बजे तक फर्स्ट एड रूम में बैठे रहे और लगातार सीने में दर्द की शिकायत करते रहे। इस दौरान उनका बीपी लगातार बढ़ रहा था और अंतिम बार जब उनकी बीपी ली गई थी तो वो 210 के ऊपर था जो कि स्वस्थ वयस्कों के लिए सामान्य सीमा से कहीं अधिक होता है।
इस पेज पर:-
A deeply disturbing video from Edmonton has ignited outrage over Canada’s emergency healthcare response after Indian-origin man Prashant Sreekumar reportedly died following an eight-hour wait in a hospital. Forced to lie on the waiting-room floor, he can be seen pleading for help… pic.twitter.com/NXI4YlmnzP
— The Sentinel (@Sentinel_Assam) December 26, 2025
घर वालों का आरोप अस्पताल ने नजरअंदाज किए कार्डियक अरेस्ट के लक्षण
श्रीकुमार के परिवार का कहना है कि उनके पति को केवल टाइलेनॉल दिया गया और कोई अन्य ट्रीटमेंट नहीं दी गई जबकि वे लगातार सीने में दर्द महसूस कर रहे थे। हमने बार-बार कहा लेकिन उन्होंने हमसे कहा कि सीने में दर्द को आपातकालीन स्थिति नहीं माना जाता और उन्हें हृदय संबंधी समस्या का कोई संदेह नहीं है। आठ घंटे से अधिक समय बीतने के बाद, प्रशांत को अंततः इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया जहां वे कुछ देर बाद ही बेहोश हो गए। मैंने नर्स को यह कहते सुना कि उन्हें नब्ज़ महसूस नहीं हो रही है। हॉस्पिटल स्टाफ उन्हें होश में लाने का प्रयास किया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका उन्हें हृदय गति रुकने के कारण मृत घोषित कर दिया गया।

इसे भी पढ़ें: सीने में दर्द होने के क्या कारण हो सकते हैं? डॉक्टर से जानें
नजरअंदाज न करें कार्डियक अरेस्ट से पहले शरीर के ये संकेत
American Heart Association के अनुसार शरीर कार्डियक अरेस्ट से पहले कई संकेत देता है जिसे समय पर पहचान लिया जाए तो मरीज की जान बचाई जा सकती है। जैसा कि प्रशांत के साथ हुआ उनके केस में पहला संकेत था सीने में होने वाला तेज दर्द जो लंबे समय तक बना रहता है। इसके अलावा व्यक्ति के शरीर से अचानक कोई रिएक्शन आना बंद हो जाए तब भी ये कार्डियक अरेस्ट का लक्षण हो सकता है। ऐसे में व्यक्ति कोई प्रतिक्रिया नहीं देता, चाहे आप उसके कंधे पर जोर से थपथपाएं या जोर से पूछें कि क्या वह ठीक है। इतना ही नहीं
- -व्यक्ति हिलता-डुलता नहीं और बोलने में उसे दिक्कत होती है।
- -व्यक्ति पलकें नहीं झपकाता और न ही कोई अन्य प्रतिक्रिया देता है।
- -सांस लेने में तकलीफ के साथ चलने में हांफ रहा होता है।
लखनऊ के पल्स हॉर्ट सेंटर के कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ अभिषेक शुक्ला बताते हैं कि कार्डियक अरेस्ट, हृदय गति का अचानक रुकना है जब विद्युत संबंधी खराबी के कारण हृदय अचानक धड़कना बंद कर देता है, जिससे मस्तिष्क और शरीर में ब्लड सर्कुलेशन रुक जाता है, जिसके परिणामस्वरूप अचानक बेहोशी, प्रतिक्रियाहीनता और असामान्य श्वास लेने की समस्या हो सकती है। यह एक जानलेवा आपात स्थिति है जिसमें मरीज को तत्काल सीपीआर और डिफिब्रिलेशन की जरूरत होती है।
इसे भी पढ़ें: सीने में अचानक दर्द हो तो क्या करें? जानें तुरंत राहत पाने के तरीके
ध्यान देने वाली बात ये है कि कार्डिएक अरेस्ट अक्सर कोरोनरी धमनी रोग या दिल के दौरे जैसी हृदय संबंधी स्थितियों के कारण होता है जिसके लक्षणों को नजरअंदाज करना आप पर हर तरह से भारी पड़ सकता है। इसलिए अचानक आए कार्डियक अरेस्ट से बचने के लिए नियमित रूप से हार्ट की जांच करवाते रहे। स्ट्रेस कम लें, बीपी बैलेंस रखें, डाइट सही रखें और एरोबिक एक्सरसाइज करें जो कि दिल की सेहत के लिए फायदेमंद माने जाते हैं।
यह विडियो भी देखें
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version
Dec 26, 2025 18:05 IST
Published By : Pallavi Kumari
