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क्या एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट के कारण पड़ सकता है दिल का दौरा? जानें क्या कहते हैं स्किन और हार्ट के डॉक्टर्स

शुक्रवार को मुंबई में कांटा लगा गर्म शेफाली जरीवाला की कार्डियक अरेस्ट से मौत के बाद कई मीडिया रिपोर्ट्स में उनकी मौत का कारण एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट की दवाइ का साइड इफेक्ट बताया जा रहा है। लेकिन, क्या सच में एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट से दिल का दौड़ा पड़ सकता है, आइए जानते हैं-
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क्या एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट के कारण पड़ सकता है दिल का दौरा? जानें क्या कहते हैं स्किन और हार्ट के डॉक्टर्स


एक्ट्रेस और कांटा लगा गर्ल शेफाली जरीवाला का शुक्रवार को 42 साल की उम्र में कार्डियक अरेस्ट आने के कारण निधन हो गया। इतनी कम उम्र में शेफाली जरीवाला की मौत की खबर ने सभी लोगों को हिलाकर रख दिया है। वहीं, अब कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शेफाली जरीवाला कई सालों से एंटी-एजिंग दवाइयां ले रही थीं, जिसे उनकी मौत से जोड़ा जा रहा है। बताया जा रहा है कि शेफाली ने शुक्रवार को व्रत रखा था, जिसके दौरान बिना कुछ खाएं उन्होने एंटी-एजिंग इंजेक्शन लगवाया और उसका असर उनके दिल पर पड़ा। लेकिन, क्या सच में एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट्स का सीधा असर हार्ट हेल्थ पर पड़ सकता है या नहीं।

FDA के अनुसार, "जब उपभोक्ता उत्पाद लेबलिंग के अनुसार या जिस तरह से प्रोडक्ट का इस्तेमाल किया जाता है तो वे सुरक्षित होने चाहिए। लेकिन कानून के अनुसार कॉस्मेटिक्स को बाजार में आने से पहले FDA द्वारा एप्रूव होना जरूरी नहीं है। हालांकि, दवाओं को बाजार में आने से पहले सुरक्षा और प्रभावशीलता दोनों के लिए FDA की मंजूरी लेनी चाहिए। इसी तरह, मेडिकल डिवाइस को FDA की मंजूरी प्रक्रिया से गुजरना चाहिए।"

एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट और दिल से जुड़े जोखिम पर कार्डियोलॉजिस्ट की राय

गुरुग्राम के नारायण सुपरस्पेशलिटी अस्पताल के एमबीबीएस, एमडी (मेडिसिन), डीएम (कार्डियोलॉजी) कंसल्टेंट डॉ. सर्वेश कुमार प्रजापति (Dr Sarvesh Kumar Prajapati, MBBS, MD (Medicine), DM (Cardiology) Consultant, Narayana Superspeciality Hospital, Gurugram) के अनुसार एंटी-एजिंद ट्रीटमेंट का सीधा असर आपके हार्ट हेल्थ पर पड़ सकता है। जैसे- 

हार्मोन थेरेपी से हार्ट पर बढ़ता प्रेशर

कई एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट्स में टेस्टोस्टेरोन या ग्रोथ हार्मोन इंजेक्ट किए जाते हैं, ताकि शरीर की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया धीमी की जा सके। लेकिन, इन हार्मोन थेरेपी के कारण शरीर में हार्मोनल असंतुलन हो सकता है, जो सीधे तौर पर दिल की धड़कनों को तेज कर सकता है, ब्लड प्रेशर बढ़ा सकता है और कोलेस्ट्रॉल के लेवल को बिगड़ने का कारण बन सकता है। ये सारे बदलाव सीधे दिल पर दबाव डालते हैं और दिल से जुड़ी बीमारियों के जोखिम को बढ़ा देते हैं।

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ब्लड क्लॉट और स्ट्रोक का जोखिम

कुछ हार्मोन और एंटी-एजिंग सप्लीमेंट्स शरीर में खून के थक्के बनने की संभावना को बढ़ा सकते हैं। अगर ये थक्के दिमाग या दिल की ओर चले जाएं, तो इससे व्यक्ति को हार्ट स्ट्रोक या अटैक आने का जोखिम बढ़ सकता है। यह खासकर उन लोगों के लिए ज्यादा खतरनाक होता है, जिनकी लाइफस्टाइल पहले से खराब हो या जिनकी फैमिली हिस्ट्री में हार्ट से जुड़ी बीमारियां शामिल हो।

पहले से मौजूद दिल की बीमारियों का बढ़ता खतरा

अगर किसी व्यक्ति को पहले से हाई ब्लड प्रेशर, कोरोनरी आर्टरी डिजीज या दिल से जुड़ी कोई समस्या है, तो एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट लेने से उनकी स्थिति और ज्यादा बिगड़ सकती है। इसलिए, बिना कार्डियोलॉजिकल जांच के सीधे ट्रीटमेंट शुरू करना जानलेवा साबित हो सकता है। इसलिए हार्ट हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह लिए बिना कोई भी हार्मोन बेस्ड या ड्रग बेस्ड एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट नहीं लेना चाहिए।

Dr Sarvesh Kumar Prajapati

एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट और दिल से जुड़े जोखिम पर डर्मेटोलॉजिस्ट की राय

मुंबई के फोर्टिस अस्पताल की कॉस्मेटिक डर्मेटोलॉजिस्ट और लाइफस्टाइल मेडिसिन फिजिशियन, कंसल्टेंट डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. स्मृति नासवा सिंह (Dr. Smriti Nasava Singh, Consultant Dermatologist, Cosmetic Dermatologist and Lifestyle Medicine Physician, Fortis Hospital, Mumbai) के अनुसार, एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट के कारण कार्डियक अरेस्ट होने की संभावना इस बात पर निर्भर करती है कि आप किस प्रकार का एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट ले रहे हैं। सभी ट्रीटमेंट्स एक जैसा असर नहीं करते हैं और ज्यादातर ट्रीटमेंटस सही तरीके से ट्रेंड डॉक्टर द्वारा करवाया जाएं तो ये कार्डियक अरेस्ट जैसी गंभीर स्थिति नहीं पैदा करते हैं। आइए जानते हैं अलग-अलग स्किन एंजिंग ट्रीटमेंट्स के साइड इफेक्ट्स के बारे में-

1. एंटी-एजिंग सीरम

एंटी एजिंग सीरम जैसे रेटिनॉल, विटामिन C आदि बाजार में आसानी से मिल जाते हैं और स्किन की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करने में मदद करते हैं। इन सीरम में में रेटिनॉल, बकुचियोल, विटामिन C, एंटीऑक्सीडेंट्स आदि चीजें पाई जाती हैं, जिन्हें आमतौर पर प्रेग्नेंसी, ब्रेस्टफीडिंग और बच्चों के लिए इस्तेमाल न करने की सलाह दी जाती है। इन सीरम का उपयोग करने से स्किन पर ड्राईनेस, रेडनेस, जलन या स्किन छिलने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। कार्डियक अरेस्ट का इससे कोई सीधा संबंध नहीं है, लेकिन अगर व्यक्ति को किसी एक्टिव से एलर्जी है तो इसका असर उसके स्वास्थ्य पर पड़ सकता है।

2. केमिकल पील्स

केमिकल पील्स स्किन पर लगाए जाने वाला एक सोल्यूशन है, जो स्किन की ऊपरी परत को हटाकर नई परत को उभारकर दिखाता है। यह ट्रीटमेंट त्वचा एक्सपर्ट के पास जाकर ही कराना चाहिए। कुछ लोगों को इस ट्रीटमेंट के बाद स्किन में जलन, ड्राईनेस, रेडनेस और स्किन पीलिंग की समस्या हो सकती है। अगर इस ट्रीटमेंट को गलत तरीके से किया जाए तो स्किन पर जलन का कारण बन सकता है। लेकिन, आपको बता दें कि इस ट्रीटमेंट का हार्ट से जुड़ी समस्याओं से सीधा कनेक्शन नहीं है, लेकिन अगर कोई व्यक्ति पहले से हार्ट पेशेंट है तो उसे कुछ खास सावधानी बरतने की जरूरत होती है।

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3. लेजर ट्रीटमेंट

इसमें फ्रैक्शनल CO2 लेजर, ग्लास लेजर, हायफू (HIFU) जैसे ट्रीटमेंट आते हैं, जो स्किन को अंदर से टाइट करने का काम करते हैं और स्किन में कोलेजन प्रोडक्शन को बढ़ाते हैं। इस ट्रीटमेंट के बाद स्किन में थोड़ी रेडननेस या सूजन हो सकती है। अगर ये ट्रीटमेंट ट्रेंड डॉक्टर से कराया जाए तो सुरक्षित होता है। इस ट्रीटमेंट में भी कार्डियक अरेस्ट की संभावना बहुत कम या न के बराबर होती है, जब तक कि गलत तरीके से न किया जाए या कोई एलर्जिक रिएक्शन न हो।

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4. इंजेक्टेबल्स स्किन ट्रीटमेंट्स

इंजेक्टेबल्स स्किन ट्रीटमेंट्स जिसमें बोटॉक्स, फिलर्स, डर्मल थ्रेड लिफ्ट्स शामिल है, ये शरीर में इंजेक्ट किए जाते हैं। बोटॉक्स एक मसल-पैरालाइटिक एजेंट होता है, जिसका असर कुछ महीनों में शरीर खुद की खत्म कर देता है। फिलर्स जैसे हायलूरोनिक एसिड चेहरे को फुला हुआ दिखाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। अगर इसे गलत जगह इंजेक्शन लगाया जाए तो आंख के पास, नाक के पास किया जाए तो इससे आंखों से जुड़ी समस्या, यहां तक कि स्ट्रोक आने का जोखिम हो सकता है।

निष्कर्ष

कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. सर्वेश कुमार प्रजापति के अनुसार एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट्स के दौरान स्टोस्टेरोन या ग्रोथ हार्मोन इंजेक्ट करने के कारण कई लोगों में हार्मोनल असंतुलन की समस्या हो सकती है, जो हार्ट से जुड़ी समस्याओं को बढ़ा सकते हैं। जबकि कॉस्मेटिक डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. स्मृति नासवा सिंह का कहना है कि अगर ट्रेंड स्किन एक्सपर्ट से सही तरीके से स्किन केयर ट्रीटमेंट्स कराया जाए तो इसका कोई बड़ा साइड इफेक्ट नहीं होता है, लेकिन गलत तरीके से किए गए ट्रीटमेंट के कारण सेहत पर गलत असर पड़ सकता है।

FAQ

  • एंटी-एजिंग सीरम के क्या नुकसान हैं?

    एंटी-एजिंग सीरम का इस्तेमाल करने से कुछ लोगों की स्किन पर ड्राईनेस, रेडनेस, जलन और स्किन छिलने जैसी समस्याएं नजर आ सकती हैं।
  • प्रेग्नेंसी में कौन सी स्किन केयर से बचना चाहिए?

    प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ स्किन केयर प्रोडक्ट्स और स्किन केयर ट्रीटमेंट से बचना चाहिए, क्योंकि ये मां और बच्चे दोनों की सेहत के लिए हानिकारक बो सकते हैं। इन ट्रीटमेंट्स में बोटॉक्स, लेजर ट्रीटमेंट और कुछ एसेंशियल ऑयल शामिल हैं।
  • एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट के साइड इफेक्ट्स क्या हैं?

    एंटी-एजिंग दवा कुछ हद तक आपकी स्किन के लिए फायदेमंद हो सकती है, लेकिन इसके कुछ हेल्थ साइड इफेक्ट्स भी हैं, जिसमें कैंसर और इंफेक्शन का खतरा ज्यादा है।

 

 

 

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