
Protein Ki Kami Ke Liye Kaun Sa Test Hota Hai: प्रोटीन शरीर का एक अहम पोषक तत्व है, जो मसल्स बिल्डिंग से लेकर हार्मोन बैलेंस, स्किन और बालों की सेहत तक, हर प्रक्रिया के लिए जरूरी है। लेकिन जब डाइट में पर्याप्त प्रोटीन नहीं मिलता, तो शरीर कई तरह के संकेत देने लगता है, जिन्हें अक्सर लोग नजरअंदाज कर देते हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार, प्रोटीन की कमी (Protein Deficiency) न सिर्फ थकान और कमजोरी का कारण बनती है, बल्कि इम्यूनिटी को भी कमजोर करती है, जिससे बार-बार बीमार पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। इस कमी की पहचान समय रहते करना जरूरी है, क्योंकि लंबे समय तक प्रोटीन की कमी मसल्स लॉस, हेयर फॉल और स्किन प्रॉब्लम्स जैसी समस्याओं को जन्म देती है। आइए जानते हैं कि प्रोटीन की कमी का पता कैसे लगाया जा सकता है और इसके प्रमुख लक्षण क्या हैं। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
लगातार थकान और कमजोरी होना प्रोटीन की कमी का लक्षण है- Persistent Fatigue And Weakness Is Sign Of Protein Deficiency
जब डाइट में पर्याप्त प्रोटीन नहीं मिलता, तो शरीर की मसल्स रिपेयर और एनर्जी लेवल पर बुरा असर होता है। इससे व्यक्ति को हल्के काम पर भी थकान महसूस होती है, मसल्स वीक हो जाते हैं और स्टेमिना घटने लगता है।
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बाल, त्वचा और नाखूनों का खराब होना- Hair, Skin and Nail Problems
प्रोटीन की कमी बालों के पतले होने, टूटने और हेयर फॉल का कारण बन सकती है। स्किन में ड्राईनेस, रैशेज और हीलिंग में देरी जैसे लक्षण दिख सकते हैं। नाखून भी कमजोर होकर जल्दी टूटने लगते हैं। यह सब संकेत हैं कि शरीर को पर्याप्त अमीनो एसिड नहीं मिल रहे हैं।
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बार-बार बीमार पड़ना और धीमी रिकवरी- Frequent Illness and Slow Recovery
प्रोटीन इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाता है। इसकी कमी से शरीर में एंटीबॉडीज का निर्माण कम हो जाता है, जिससे इंफेक्शन जल्दी पकड़ लेता है और चोट या बीमारी के बाद ठीक होने में ज्यादा समय लगता है।
सूजन और मसल्स लॉस- Swelling and Muscle Loss
लो-प्रोटीन डाइट से ब्लड प्रोटीन एल्ब्यूमिन का लेवल गिर सकता है, जिससे पैरों और टखनों में सूजन आ जाती है। इसके अलावा शरीर मसल्स टिशूज को तोड़कर एनर्जी के रूप में इस्तेमाल करने लगता है, जिससे मसल्स मास कम होता है और वजन अनहेल्दी तरीके से घटने लगता है।
प्रोटीन की कमी का पता लगाने के लिए मेडिकल टेस्ट- Medical Tests to Detect Protein Deficiency
- अगर लक्षणों के आधार पर प्रोटीन की कमी का संदेह हो, तो डॉक्टर कुछ खास ब्लड और यूरिन टेस्ट की सलाह देते हैं। सबसे अहम सीरम एल्ब्यूमिन टेस्ट (Serum Albumin Test) है, जो खून में एल्ब्यूमिन नामक प्रोटीन का लेवल बताता है।
- सामान्य लेवल 3.4 से 5.4 g/dL के बीच होना चाहिए, इससे कम होने पर प्रोटीन की कमी का संकेत मिलता है।
- इसके अलावा टोटल प्रोटीन टेस्ट (Total Protein Test) और प्रिअल्ब्यूमिन टेस्ट (Prealbumin Test) भी किए जाते हैं, जो शरीर में कुल प्रोटीन और हाल के पोषण स्तर का आंकलन करते हैं।
- कुछ मामलों में 24-घंटे का यूरिन प्रोटीन टेस्ट (24-hour Urine Protein Test) किया जाता है, जिससे यह पता चलता है कि शरीर से असामान्य रूप से प्रोटीन, तो नहीं निकल रहा है।
- इन सभी जांचों के आधार पर डॉक्टर सही डाइट या सप्लीमेंट की सलाह देते हैं ताकि समय रहते प्रोटीन की कमी पूरी की जा सके।
निष्कर्ष:
ऊपर बताए गए लक्षण दिखने पर तुरंत चेकअप कराएं ताकि सही समय पर प्रोटीन की कमी की पहचान और इलाज हो सके।
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