Night cough in child: खांसी-जुकाम की समस्या लोगों को किसी भी मौसम में परेशान कर सकती है। मौसम बदलने के साथ तो यह आम हो जाती है और बड़े हों या बच्चे सबको परेशान करती है। अब बात बच्चों की करें तो उनमें कमजोर इम्यूनिटी के कारण खांसी जल्दी होती लेकिन, जल्दी ठीक नहीं होती। खासकर कि रात में तो बच्चों की खांसी और बढ़ जाती है। लगातार उनका खांसना आपको परेशान कर सकता है। साथ ही कई बार समझ नहीं आता कि रात में इस समय ऐसा क्या करें कि बच्चे की खांसी कम हो। ऐसी स्थिति में हम कई घरेलू उपाय जानते हैं और आजमाते हैं। लेकिन, आज हम बच्चों की डॉक्टर Dr. Rashmi BV,MBBS,DNB, MRCPH(UK), SENIOR CONSULTANT, DEPT. Of PEDIATRICS AND NEONATOLOGY, MAZUMDAR SHAW MEDICAL CENTRE, NH Health City से बात की और जाना कि रात में बच्चों को खांसी हो तो क्या करें।
बच्चों में रात को ज्यादा खांसी आने का कारण-Night cough reason
Dr.Rashmi बताती हैं कि खांसना, एक स्वस्थ और महत्वपूर्ण रिफ्लेक्स एक्शन है जो वायुमार्ग की रक्षा करने और गले और छाती को साफ करने में मदद करती है। हालांकि, कई बार बच्चों को लगातार खांसी हो सकती है जो कुछ हफ्तों या उससे ज्यादा समय तक रह सकती है जिससे माता-पिता चिंतित हो जाते हैं। बच्चों में रात के समय खांसी आमतौर पर नाक से पानी बहने या हाल ही में हुए संक्रमण से बची हुई खांसी के कारण होती है। नाक से पानी बहने का मतलब है कि नाक और साइनस से बलगम गले में बह सकता है, खासकर लेटने पर, जिससे गले में जलन होती है और खांसी होती है। यह सर्दी, एलर्जी या साइनस इंफेक्शन से संबंधित हो सकता है।
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धुएं, धूल के कण या अन्य पर्यावरणीय एलर्जी के कारण होने वाली एलर्जी रात में लगातार खांसी का कारण बन सकती है। कई ट्रिगर भी हैं जिनकी वजह से बच्चों को रात में खांसी आ सकती है। जैसे अगरबत्ती या मच्छर भगाने वाले धुएं या यहां तक कि परफ्यूम की तेज गंध। ट्रिगर से बचने से अधिकांश मामलों में लक्षण कम हो जाते हैं। अस्थमा के कारण सूखी, लगातार खांसी हो सकती है, खासकर रात में। कुछ मामलों में, खांसी अस्थमा का एकमात्र लक्षण हो सकता है। इसके अलावा बच्चों में खांसी की वजह एसिड रिफ्लक्स या गैस्ट्रो-एसोफेजियल रिफ्लक्स की समस्या हो सकती है।
रात में बच्चे को बहुत ज्यादा खांसी हो तो क्या करें-How to stop night cough in child in hindi
बच्चों को अगर लगातार रात में खांसी आ रही है तो भाप दिलवाएं क्योंकि यह छाती की सिकाई का सबसे अच्छा तरीका है। इससे इंफेक्शन कम होता है और सूजन में कमी आती है। इसके अलावा भाप लेने से खांसी कम होती है और बच्चा बेहतर महसूस करता है। गर्म पानी के घूंट या गरारे करने से ज्यादातर बच्चों में यह समस्या दूर हो जाती है। इसके अलावा डॉक्टरों द्वारा निर्धारित इनहेलर सहित विशिष्ट दवाएं लक्षणों को कम करने और समस्या को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं।
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ब्रोन्कियल नलियों में लंबे समय तक संक्रमण के कारण ब्रोंकाइटिस नामक लगातार कफ वाली खांसी हो सकती है, ऐसे में इंफेक्शन को शांत करने और खांसी को रोकने के लिए आप बच्चों को शहद दे सकते हैं। इससे बच्चों को आराम मिलता है। इसके अलावा आप बच्चे को शहद में लौंग पकाकर इसका पाउडर बनाकर भी खिला सकते हैं। इससे खांसी में कमी आती है और बच्चे बेहतर महसूस करते हैं। एक असामान्य कारण जो सीधे श्वसन पथ से संबंधित नहीं है, वह है एसिड रिफ्लक्स या गैस्ट्रो-एसोफेजियल रिफ्लक्स जो गले में जलन पैदा कर सकता है और खांसी को ट्रिगर कर सकता है। ऐसे बच्चों को खांसी की दवाओं से कोई लाभ नहीं होता। ऐसे में आपको बच्चे को गैसे की दवा देनी होगी और डॉक्टर की मदद लेनी होगी।
माता-पिता को बच्चे को तत्काल चिकित्सा के लिए कब ले जाना चाहिए?
अचानक खांसी जो हफ्तों या महीनों तक बनी रहती है और कोई अन्य लक्षण नहीं दिखते हैं तो डॉक्टर को दिखाएं। जब खांसी तेज बुखार, सिरदर्द, उल्टी, सांस लेने में कठिनाई या घरघराहट की वजह से हो तो माता-पिता बच्चे को तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। लंबे समय तक खांसी नींद में खलल डाल सकती है। इसलिए संक्षेप में, रात के समय खांसी वाले बच्चों का बाल रोग विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए। माता-पिता को सलाह दी जाती है कि वह कफ सिरप का सहारा न लें क्योंकि यह बच्चे को खांसी रोकने में मदद कर सकते हैं, लेकिन यह खांसी के कारण का इलाज नहीं करते हैं।