
Dry Cough in Kids: जैसे ही मौसम में बदलाव होता है, तो छोटे बच्चों में खांसी होना आम है क्योंकि मौसम बदलने से इंफेक्शन का रिस्क बढ़ जाता है। अगर हम एक साल के बच्चे की बात करें, तो वह उसी दौरान चलना सीखता है। कई बार वह नंगे पांव चलता है, इसलिए भी खांसी-जुकाम होना बहुत ही कॉमन समस्या है। अगर एक साल के बच्चे को सूखी खांसी होती है, तो पैरेंट्स को बहुत चिंता होती है कि इसे कैसे ठीक करें। इस बारे में हमने मुंबई के क्लाउडनाइन ग्रुप हॉस्पिटल्स के बालरोग विशेषज्ञ और नियोनेटोलॉजिस्ट विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. पीयूष शाह (Dr. Piyush Shah, Senior Consultant - Pediatrician & Neonatologist, Cloudnine Group of Hospitals, Mumbai) से बात की। उन्होंने बताया कि सूखी खांसी क्यों हो रही है और एक साल के बच्चों को क्या देना सेफ है?
सूखी खांसी क्या होती है?
डॉ. पीयूष शाह कहते हैं, “सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि सूखी खांसी में बलगम नहीं निकलता। यह गले में जलन, एलर्जी, या वायरल इंफेक्शन की वजह से होती है। एक साल के बच्चे में यह अक्सर रात के समय बढ़ जाती है, जिससे बच्चे को नींद में तकलीफ और बेचैनी होती है। दरअसल, एक साल के बच्चों का इम्यून सिस्टम पूरी तरह से ग्रो नहीं होता, इसलिए वे मौसम और इंफेक्शन के बदलाव के प्रति जल्दी सेंसिटिव होते हैं। आमतौर पर शुरुआत में सूखी खांसी होने पर पैरेंट्स बच्चों को सिरप देना शुरू कर देते हैं, जो छोटे बच्चों के लिए रिस्की हो सकती है। इसलिए छोटे बच्चों को किसी भी तरह का कोई भी सिरप या दवाई बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं देना चाहिए।”

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सूखी खांसी के कारण
डॉ. पीयूष कहते हैं कि जब गले या ऊपरी सांस की नली में सूजन हो जाती है, तो बच्चे को बार-बार खांसी आती है, लेकिन बलगम न होने के कारण उसे राहत नहीं मिलती। पैरेंट्स को सूखी खांसी के कारणों पर ध्यान देना चाहिए।
- वायरल इंफेक्शन - सर्दी-जुकाम या फ्लू जैसे इंफेक्शन से गले में जलन और खांसी हो सकती है।
- एलर्जी- धूल, धुआं, परफ्यूम, या पालतू जानवरों से एलर्जी छोटे बच्चों में सूखी खांसी का कारण बन सकती है।
- सूखी हवा- ठंडे या एसी वाले कमरे की सूखी हवा गले की झिल्ली को सुखा देती है, जिससे जलन हो सकती है।
- ठंडी चीजें लेना - बच्चे का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, इसलिए थोड़ी ठंडक भी उनकी खांसी को बढ़ी देती हैं।
एक साल के बच्चे को सूखी खांसी में क्या दें?
डॉ. पीयूष कहते हैं, “मैं बार-बार पैरेंट्स को सलाह देता हूं कि एक साल के बच्चे को कभी किसी भी तरह का सिरप या दवाई डॉक्टर की सलाह के बिना न दें। घर में ही कुछ तरीकों से बच्चे की सूखी खांसी को कम करने की कोशिश की जा सकती है।
गर्म पानी या सूप दें
एक साल के बच्चे को थोड़ा गुनगुना पानी दिया जा सकता है या सब्जियों का सूप बनाकर भी दिया जा सकता है। इससे गले को आराम मिलता है और सूजन कम होती है। इससे बच्चे का शरीर हाइड्रेट रहता है और गले की खराश कम होती है।
शहद सावधानी से दें
वैसे एक साल या इससे कम उम्र के बच्चों को शहद कभी न दें क्योंकि इससे infant botulism का रिस्क रहता है। अगर बच्चा दो साल या इससे ऊपर है, तो पैरेंट्स बच्चे को आधा चम्मच शहद दे सकते हैं। इससे गले की खराश कम होती है। बच्चे को थोड़ा आराम मिलता है।
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कमरे की नमी बनाकर रखें
अगर बच्चे को सूखी खांसी होती है, तो कमरे की हवा को चेक करें। कमरे की सूखी हवा को कम करने के लिए ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर कमरे में पानी का बर्तन रख सकते हैं। इससे हवा में नमी बनी रहती है और बच्चे को खांसी से राहत मिलती है।
खाने का ध्यान दें
बच्चों को गर्म दलिया, खिचड़ी या सूप जैसा हल्का खाना दें ताकि गला शांत रहे। इस बात का खास ध्यान रखें कि एक साल के बच्चों को बिल्कुल भी ठंडी या तली-भुनी चीजें न दें।
भाप दें
भाप देने से गले और नाक में नमी बनी रहती है। जब भी एक साल के बच्चे को भाप दें, तो पैरेंट्स ध्यान दें कि भाप वाला बर्तन कमरे में रख दें ताकि कमरे में नमी बने रहे। अगर सीधे भाप देना चाहते हैं, तो बच्चे को ध्यान से अपनी गोद में रखें और दूर से ही भाप दिलाएं।
सूखी खांसी में पैरेंट्स को क्या नहीं करना चाहिए?
डॉ. पीयूष ने कहा है कि एक साल के बच्चों को सूखी खांसी होने पर पैरेंट्स को कमरे में या घर में अगरबत्ती जलाना या स्मोकिंग नहीं करनी चाहिए। बच्चों को परफ्यूम, धूल और धुएं से दूर रखें और अगर बच्चा खांस रहा हो, तो उसे जबरदस्ती खिलाने की कोशिश न करें। अगर खांसी 7 दिनों से ज्यादा हो रही हो, साथ ही बच्चे को सांस लेने में तकलीफ हो, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। अगर बच्चे की खांसी लंबी चल रही हो या सांस लेते समय घरघराहट हो रही है, तो यह ब्रोंकाइटिस या अस्थमा का संकेत भी हो सकता है। ऐसे में विशेषज्ञ से तुरंत जांच करवाना जरूरी है।”
निष्कर्ष
डॉ. पीयूष कहते हैं कि पैरेंट्स को एक साल के बच्चे की खांसी को हल्के में नहीं लेना चाहिए, लेकिन पैरेंट्स को घबराने की भी ज्यादा जरूरत नहीं होती। वैसे तो ज्यादातर मामलों में यह हल्की इंफेक्शन या एलर्जी के कारण भी हो सकती है। इसलिए बच्चों को गुनगुनी तरल चीजें ही दें, हवा में नमी बनाकर रखें और आराम करने दें। अगर ज्यादा समस्या हो, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
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Nov 03, 2025 15:15 IST
Modified By : Aneesh RawatNov 03, 2025 15:15 IST
Published By : Aneesh Rawat