साइनसाइटिस, साइनस की सूजन है। यह बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होता है। कभी-कभी, वायरस और फफूंदी इसके कारण बनते हैं। साइनस आपके सिर में चार रिक्त स्थान होते हैं जो संकरे मार्ग से जुड़े होते हैं। साइनस बलगम बनाते हैं जो आपकी नाक के मार्ग से बाहर निकलता है। यह जल निकासी आपकी नाक को साफ और बैक्टीरिया और एलर्जी से मुक्त रखने में मदद करती है। लेकिन, इम्यूनिटी वाले लोगों में जीवाणु या फंगल साइनस संक्रमण होने की संभावना अधिक होती है। आमतौर पर साइनस संक्रमण तीन से आठ सप्ताह तक रहता है और कई बार गड़बड़ी यह होती जाती है कि पता भी नहीं चलता और साइनस इंफेक्शन ब्रेन तक पहुंच जाता है। ऐसी स्थिति में आपको उन लक्षणों के बारे में जानना चाहिए और समय रहते हैं डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। तो क्या हैं ये लक्षण जानते हैं डॉ. ए. पी. सिंह, सीनियर कंसल्टेंट ईएनटी, हेड एंड नेक सर्जरी, अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल कानपुर से।
साइनस संक्रमण मस्तिष्क तक कैसे पहुंच सकता है?
साइनस संक्रमण मस्तिष्क तक कई कारणों से फैल सकता है। जैसे कि नॉर्मली साइनस संक्रमण सीधे लसीका तंत्र और हड्डी से ब्रेन तक पहुंच सकता है। उसके अलावा साइनस संक्रमण आपके ब्लड वेसेल्स के जरिए भी ब्रेन तक पहुंच सकता है और कई बार ये स्थिति ऐसी आ जाती है कि इंफेक्शन ब्रेन की परतों में पहुंचकर मेनिन्जाइटिस जैसी बीमारी की वजह बन सकता है।
साइनस संक्रमण जब ब्रेन में पहुंचता है तो क्या दिक्कत होती है?
साइनस संक्रमण जब ब्रेन तक पहुंचता है तो सबसे पहले मस्तिष्क की झिल्लियों में सूजन पैदा करता है। इसके अलावा ये पूरे ब्रेन में फैलने लगता है और जिससे ब्रेन सेल्स पर प्रेशर बढ़ता है जिससे न्यूरोलॉजिकल दिक्कत होती है और कई बार व्यक्ति गंभीर रूप से बीमार पड़ जाता है।
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कैसे पता चलेगा कि साइनस संक्रमण मस्तिष्क में फैल गया है
डॉ. ए. पी. सिंह, बताते हैं कि जब साइनस संक्रमण मस्तिष्क तक फैल जाता है, तो यह एक गंभीर स्थिति होती है जिसे तुरंत पहचानना और इलाज कराना जरूरी है। सामान्य साइनस संक्रमण के मुकाबले इसमें कई अलग लक्षण (Sinus infection to brain symptoms in hindi) दिखाई देते हैं। सबसे आम संकेतों में तेज सिरदर्द जो लगातार बना रहे, बुखार का ज्यादा बढ़ना, मतली या उल्टी, और दृष्टि सम्बन्धी समस्याएं शामिल हैं। लेकिन इसके अलावा मरीजों को कई अन्य लक्षण भी महसूस हो सकते हैं। जैसे कि
-मरीज को भ्रम हो सकता है
-चक्कर आ सकते हैं
-सोचने-समझने में दिक्कत
-कभी-कभी बेहोशी भी हो सकती है।
-इसके अलावा गर्दन का सख्त होना और गर्दन में दर्द भी इस स्थिति के लक्षण हो सकते हैं।
किन लोगों में साइनस संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा होता है?
साइनस संक्रमण फैलने का खतरा उन लोगों में ज्यादा होता है जो कि कमजोर इम्यूनिटी वाले होते हैं। इसके अलावा जिन लोगों को डायबिटीज की समस्या है उनमें भी साइनस संक्रमण तेजी से फैल सकता है।
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जल्दी इलाज है बेहद जरूरी
डॉ. ए. पी. सिंह, बताते हैं कि अगर साइनस संक्रमण के साथ ये लक्षण दिखें, तो तुरंत मेडिकल इमरजेंसी समझें और अस्पताल जाकर जांच कराएं। सीटी स्कैन या एमआरआई जैसे इमेजिंग टेस्ट से संक्रमण के फैलाव का पता चलता है। जल्द इलाज न मिलने पर मस्तिष्क की सूजन या दिमागी टिशू को नुकसान पहुंच सकता है, जो जानलेवा भी हो सकता है। इसलिए, साइनस संक्रमण का सामान्य इलाज करते समय सतर्क रहना और डॉक्टर से नियमित फॉलो-अप करना जरूरी है। सही समय पर उपचार से इस गंभीर समस्या से बचाव संभव है और मरीज स्वास्थ्य लाभ ले सकता है।
FAQ
साइनस को हमेशा के लिए कैसे ठीक करें?
साइनस कभी भी हमेशा के लिए ठीक नहीं हो सकता। इसमें एंटीबायोटिक्स की मदद लेना कारगर तरीके से मददगार हो सकता है। कई बार ये इंफेक्शन गंभीर रूप ले लेता है, ऐसे में व्यक्ति को साइनस सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है।साइनस संक्रमण में कौन से घरेलू उपाय काम करते हैं?
साइनस संक्रमण में कुछ घरेलू उपाय कारगर तरीके से काम कर सकते हैं जैसे कि भाप लेना, पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ लेना और नमक के पानी से नाक धोना लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। हालांकिन, जरूरी है कि आप डॉक्टर को दिखाएं।साइनस में क्या परहेज करें?
साइनस में कुछ चीजों से परहेज करना आपके लिए काफी मददगार हो सकता है। जैसे कि उन चीजों से बचें जो कि बलगम बनाने का कारण बन सकते हैं और जिनकी वजह से साइनस संक्रमण के लक्षण ट्रिगर कर सकते हैं। जैसे कि दूध बनी चीजें,चावल, ठंडी चीजें, फ्राइड फूड्स और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स पीना।