अक्सर मौसम में बदलाव या तेज एसी के आगे बैठने से लोगों को सर्दी जुकाम, नाक बहने, सिरदर्द और थकान आदि लक्षण दिखाई देने लगते हैं। शुरुआती दौर में इन लक्षणों को मौसम में आए अचानक बदलाव का असर मान लिया जाता है। लेकिन, यदि यह लक्षण लंबे समय तक शरीर में बने रहें तो यह साइनस की समस्या का कारण बन सकते हैं। लेकिन, कई बार व्यक्ति साइनस (sinusitis) और सर्दी जुकाम (cold) के लक्षणों में अंतर को नहीं समझ पाता है। ऐसे में एक्सपर्ट्स बताते हैं कि इन दोनों समस्याओं के पीछे कारण और इलाज में बड़ा फर्क होता है। सही पहचान न होने पर गलत इलाज हो सकता है, जिससे समस्या बढ़ सकती है। इस लेख में यशोदा अस्पताल के इंटनरल मेडिसिन सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर ए पी सिंह से जानते हैं कि सर्दी और साइनस इंफेक्शन के बीच मुख्य अंतर, लक्षण, कारण और उपचार की विस्तार से जानकारी देंगे।
सर्दी और साइनस में अंतर कैसे पहचानें? - Difference Between Sinus Infection And Cold In Hindi
- डॉक्टर्स बताते हैं कि सामान्य सर्दी जुकाम वायरस के कारण हो सकता है। जबकि, साइनस इंफेक्शन वायरस, बैक्टीरिया और एलर्जी के कारण होता है।
- सामान्य सर्दी होने पर व्यक्ति को नाक में बलगम की समस्या हो सकती है। ऐसे में बलगम का रंग साफ या हल्का पीला हो सकता है। जबकि, साइनस की समस्या में बलगम का रंग गाढ़ा पीला दिखाई दे सकता है।
- सर्दी में व्यक्ति को बुखार हो ऐसा जरूरी नहीं है। लेकिन, कुछ मामलों में व्यक्ति को हल्का बुखार महसूस हो सकता है। जबकि, साइनस इंफेक्शन में व्यक्ति के कुछ मामलों में तेज बुखार के लक्षण भी महसूस हो सकते हैं।
- व्यक्ति को सर्दी होने पर चेहरे पर दबाव महसूस होता है। वहीं, साइनस की समस्या में व्यक्ति को आंखों, माथे और गालों में दर्द महसूस होता है।
- सर्दी के लक्षण व्यक्ति में पांच से सात दिनों तक रह सकते हैं। वहीं साइन्स संक्रमण के लक्षण दस दिनों तक बने रह सकते हैं।
- सर्दी होने पर व्यकित को हल्की खांसी भी होने लगती है। जबकि, साइनस में कुछ लोगों को ज्यादा खांसी महसूस होती है, जो रात के समय बढ़ जाती है।
सर्दी और साइनस के क्या कारण होते हैं? - Causes Of Sinus Infection And Cold In Hindi
सर्दी एक वायरल संक्रमण है, जो नाक और गले को प्रभावित करता है। यह आमतौर पर हल्का होता है और कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है। सर्दी की समस्या लगभग 200 से ज्यादा वायरसों के कारण हो सकती है, जिनमें सबसे आम राइनोवायरस (Rhinovirus) माना जाता है। यह संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या संपर्क में आने से फैलता है। जबकि, साइनस सिर की हड्डियों में मौजूद खाली कैविटीज होती हैं, जो हवा से भरी होती हैं। जब इनमें सूजन या संक्रमण हो जाता है, तो उसे साइनोसाइटिस कहा जाता है। यह बैक्टीरियल, वायरल या एलर्जिक कारणों से हो सकता है।
साइनस और सर्दी से बचाव कैसे करें? - Prevention Tips Of Sinus And Cold In Hindi
- बाहर से आने के बाद और खाना खाने से पहले हाथ अवश्य धोएं।
- संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें।
- हर साल फ्लू वैक्सीन लें।
- ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें।
- धूल और एलर्जी से बचें।
- अच्छी नींद लें और डाइट संतुलित रखें, आदि।
इसे भी पढ़ें: सर्दी-जुकाम के लक्षणों से ही मिलते जुलते हैं इन 3 बीमारियां के लक्षण, जानें क्या हैं ये और इनके लक्षण
सर्दी और साइनस इंफेक्शन के लक्षण मिलते-जुलते जरूर हैं, लेकिन उनके कारण, गंभीरता और इलाज में बड़ा फर्क होता है। सर्दी हल्का और सामान्य संक्रमण है, जबकि साइनस इंफेक्शन अधिक गंभीर हो सकता है और लंबा चल सकता है। अगर लक्षण लंबे समय तक बने रहें या दर्द और असहजता बढ़ती जाए, तो स्वयं दवा न लेकर किसी ENT या जनरल फिजीशियन से सलाह जरूर लें।
FAQ
सर्दी जुकाम तुरंत कैसे ठीक करें?
अदरक और शहद, तुलसी और काली मिर्च, नीम का काढ़ा, हल्दी और दूध, इसके अलावा सहजन की पत्तियों का काढ़ा पीने से सर्दी जुकाम को कैसे दूर हो सकती है।बहती नाक और छींक को तेजी से कैसे रोकें?
बहती नाक और छींक आने पर भाप लेना, नेति पॉट (योग क्रिया), और पर्याप्त तरल पदार्थ पीने से आपको इस समस्या में राहत मिलती है।साइनस के बचाव के लिए क्या करना चाहिए?
साइनस से बचाव के लिए आप एलर्जी को ट्रिगर करने वाले कारकों से बचाव करें। इसके अलावा, नेचल स्प्रे लेना शुरु करें।