Doctor Verified

किन लोगों को साइनस इंफेक्शन का जोखिम ज्यादा होता है? जानें डॉक्टर से

Who Is More Prone To Sinus Infections In Hindi: कमजोर इम्यूनिटी, रेस्पिरेटी सिस्टम में दिक्कत जैसे लोगों में साइनस इंफेक्शन का रिस्क बहुत ज्यादा रहता है। जानें, इस बारे में विस्तार से-
  • SHARE
  • FOLLOW
किन लोगों को साइनस इंफेक्शन का जोखिम ज्यादा होता है? जानें डॉक्टर से

What Makes You Prone To Sinus Infections In Hindi: बदलते मौसम में अक्सर लोगों को सर्दी-जुकाम होने की दिक्कत हो जाती है। कभी-कभी ऐसा साइनसे की वजह से भी होता है। साइनस, जिसे हम साइनसाइटिस भी कहा जाता है। विशेषज्ञों की मानें, तो बैक्टीरियल, वायरल और फंगल इंफेक्शन के कारण साइनस में सूजन आ जाती है, जिससे साइनस की दिक्कत होने लगती है। कई बार एलर्जी भी साइनस होने का कारण बनती है। साइन होने पर चेहरे पर दर्द, नाक बंद होना, नाक बहना जैसी कई समस्याएं होने लगती हैं। आमतौर पर जब मौसम में बदलाव होता है, कई लोगों में ऐसी समस्या दिखती है। मगर सवाल ये उठता है कि आखिर किन लोगों को साइनस होने का जोखिम अधिक बना रहता है? ऐसा क्यों होता है और इससे कैसे बचा जा सकता है? आइए, जानते हैं इस बारे में डॉ दीपिका रुस्तगी सीनियर कंसल्टैंट क्या कहती हैं।

किन लोगों को साइनस इंफेक्शन का जोखिम ज्यादा होता है?- Who Is Most At Risk For Sinusitis?

who is more prone to sinus infections 01 (3)

कमजोर इम्यूनिटी

जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होती है, उन्हें कई तरह की बीमारियों का जोखिम बना रहता है। इनमें से एक साइनस भी है। सवाल है, किन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होती है। असल में, जो एचआईवी, एसटीआई, कैंसर या जो लंबे समय से किसी तरह की मेडिसिन पर निर्भर हैं, उनकी इम्यूनिटी बहुत ज्यादा कमजोर होती है। इस तरह के लोगों में साइनस ही नहीं, बल्कि किसी भी तरह की मौसमी बीमारियां होने का जोखिम बना रहता है।

इसे भी पढ़ें: जल्दी हो जाते हैं साइनस इंफेक्शन का शिकार? डॉक्टर से जानें कैसे कम करें क्रॉनिक साइनस का जोखिम

एलर्जी

एलर्जी किसी भी तरह के एलर्जेन के प्रति शरीर का ओवर रिएक्शन होता है। एलर्जी किसी भी चीज से और किसी को भी हो सकती है। जैसे किसी को धूल-मिट्टी से एलर्जी होती है, किसी कपड़े के फैब्रिक से एलर्जी हो सकती है या बदलते मौसम से एलर्जी हो सकती है। एलर्जी होने पर नैजल पैसेज में सूजन आ जाती है। ऐसी स्थिति में साइनस होने का जोखिम बढ़ जाता है। हालांकि, यह स्थिति ज्यादा गंभीर नहीं होती है। फिर भी जिन लोगों को एलर्जी होती है, उन्हें एलर्जेन (ऐसा सब्सटेंस, जो एलर्जिक रिएक्शन को ट्रिगर करता है) के बारे में पता होना चाहिए।

अस्थमा

अस्थमा क्रॉनिक लंग डिजीज है। इसकी वजह से एयरवेज में सूजन आ जाती है, जिससे उसमें संकुचन आने लगता है। इस स्थिति में अस्थमा के मरीज को सांस लेने से संबंधित समस्या होने लगती है। आपने अक्सर देखा होगा कि बदलते मौसम में अस्थमा के मरीजों को चेस्ट कंजेशन, नाक बंद, सीने में दर्द, सीने में जकड़न, जुकाम और सर्दी जैसी समस्याएं होती रहती हैं। इसी तरह, अस्थमा के मरीजों में साइनस होने का रिस्क भी बना रहता है। ऐसा संक्रमण की वजह से भी हो सकता है।

इसे भी पढ़ें: गंध-स्वाद का न मिलना या नाक बहना हो सकता है क्रॉनिक साइनोसाइटिस का लक्षण, एक्सपर्ट से जानें इसके कारण और इलाज

सिस्टिक फाइब्रोसिस

सिस्टिक फाइब्रोसिस एक तरह का जेनेटिक डिसऑर्डर है। यह बीमारी होने पर मरीज के लंग्स, डाइजेस्टिव ट्रैक्ट और अन्य ऑर्गन्स में म्यूकस यानी बलगम जमने लगता है। ऐसी स्थिति में मरीज को ब्रीदिंग प्रॉब्लम शुरू हो जाती है। अगर समय रहते इस स्थिति को कंट्रोल न किया जाए, तो मरीज के शरीर के अन्य ऑर्गन क्षतिग्रस्त भी हो सकते हैं। सिस्टिक फाइब्रोसिस के मरीजों में साइनस को जोखिम भी बना रहता है।

रेस्पिरेटरी इंफेक्शन

जिन लोगों को रेस्पिरेटरी इंफेक्शन होता है, उन्हें सर्दी-जुकाम की परेशानी से बार-बार जूझना पड़ता है। रेस्पिरेटरी इंफेक्शन की वजह से रेस्पिरेटरी सिस्टम में सूजन आ जाती है। ऐसा साइनस के साथ भी होता है। साइनस इंफेक्शन होने पर रेस्पिरेटरी इंफेक्शन के मरीजों को इसकी अनदेखी नहीं करनी चाहिए। वैसे भी ऐसे लोगों की हीलिंग पॉवर कमजोर होती है। इसलिए, आवश्यक है कि आप बिना देरी किए डॉक्टर के पास जाएं।

All Image Credit: Freepik

Read Next

हर्निया को लेकर 7 ऐसे मिथक जिन्हें लोग मानते हैं सही, डॉक्टर से जानें इसकी सच्चाई

Disclaimer