गंध-स्वाद का न मिलना या नाक बहना हो सकता है क्रॉनिक साइनोसाइटिस का लक्षण, एक्सपर्ट से जानें इसके कारण और इलाज

क्रोनिक साइनोसाइटिस, साइनस इंफेक्शन का ही एक स्वरूप है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
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गंध-स्वाद का न मिलना या नाक बहना हो सकता है क्रॉनिक साइनोसाइटिस का लक्षण, एक्सपर्ट से जानें इसके कारण और इलाज

क्रोनिक साइनोसाइटिस (Chronic sinusitis) रोग साइनस का ही एक स्वरूप है। यह किसी व्यक्ति को तब होता है, जब सिर और नाक के अंदर इलाज के बावजूद कुछ महीनों में दोबारा से सूजन और जलन की शिकायत होने लगती है। यानि एक तरह से क्रोनिक साइनोसाइटिस लंबे समय तक शरीर को प्रभावित करने वाला साइनस इंफेक्शन है।  इस बारे में नोएडा स्थित फॉर्टिस हॉस्पिटल के ईएनटी स्पेशलिस्ट (Noida Fortis Hospital, HOD of Orhinolaryngology Department ) डॉक्टर सव्यसाची सक्सेना का कहना है कि हमारे सिर में साइनस का चार पेअर कैविटीज़ (स्पेसेस) हैं। ये सभी स्पेसेस तंग चैनल्स के माध्यम से एक दूसरे से जु़ड़े रहते हैं। यह साइनस पतले बलगम बनाते हैं, जो इन चैनलों के माध्यम से नाक से बाहर निकलती है। यह एक तरह से फिल्ट्रेशन सिस्टम की तरह कार्य करती है, जो हमारे नाक को साफ और जीवाणुओं से मुक्त रखने में हमारी मदद करते हैं। किसी व्यक्ति का साइनस तब इंफेक्टेड होता है, जब सभी चैनल पूरी तरह से ब्ल़ॉक हो जाते हैं। इस समस्या को साइनसाइटिस कहा जाता है। साइोसाइटिस का दो स्वरूप है। एक्यूट साइनोसाइटिस, यह कम समय के उपचार में जल्दी ठीक हो जाता है। वहीं, क्रोनिक साइनोसाइटिस लंबे समय तक बना रहता है, जो बार-बार व्यक्ति को बीमार करता है। कई गंभीर मामलों में सर्जरी करके ही इस बीमारी से छुटकारा पाया जाता है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं क्रोनिक साइनोसाइटिस की पूरी जानकारी- 

किन कारणों से होता है क्रोनिक साइनोसाइटिस (Causes of chronic sinusitis)

कई कारणों से क्रोनिक साइनोसाइटिस (Chronic sinusitis) की समस्या हो सकती है। आइए जानते हैं उन कारणों के बारे में

  • फंगस
  • अस्थमा या एलर्जी होने से भी कुछ लोगों का एयरवेज ब्लॉक हो जाता है।
  • इंफेक्शन (infection)
  • पोलिप्स
  • विपथित नासिका झिल्ली 
  • इम्यून सिस्टम कमजोर होना। 

क्रोनिक साइनोसाइटिस के लक्षण (Symptoms of chronic sinusitis)

  • गंध और स्वाद का अनुभव कम हो जाना
  • नाक में सूजन
  • नाक में रुकावट या जमाव
  • सांस लेने में कठिनाई होना
  • चेहरे पर दबाव महसूस होना।
  • नाक टपकना
  • नाक बहना (नाक से पीले और हरे रंग पदार्थ निकलना
  • नाक भरना
  • सिर में दर्द
  • खांसी रहना।
  • थकान महसूस होना।
  • दांत का दर्द
  • कान में दर्द

कब करें डॉक्टर से सम्पर्क? (When to contact doctor?)

  • यदि आपको बार-बार साइनस इंफेक्शन हो रहा है और घरेलू उपचार के बावजूद कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है, तो तुरंत डॉक्टर्स से संपर्क करें।
  • आंखों की रोशनी में बदलाव नजर आने पर डॉक्टर्स से मिलें।
  • गर्दन अकड़न जाने पर फौरन डॉक्टर से संपर्क करें।
  • डॉक्टर की सलाह पर दवाइयां लें। 
  • बुखार और आंखों के आस-पास सूजन और लाल दिखने पर फौरन डॉक्टर से मिलें। 
  • गंभीर रूप से सिरदर्द होने से डॉक्टर से संपर्क करें।
  • लगातार बेचैनी महसूस होने पर डॉक्टर से मिलें।
  • लगातार 10 दिन से अधिक साइनोसाइटिस के लक्षण दिख रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर्स से संपर्क करें।  

क्रोनिक साइनोसाइटिस के निदान (Diagnosis of chronic sinusitis)

निम्न तरीकों से आप क्रोनिक साइनोसाइटिस की जांच कर सकते हैं। 

इमेजिंग टेस्टस: जांच के लिए डॉक्टर्स सीटी या एमआरआई के माध्ययम से चित्र प्राप्त करते हैं। इसमें साइनस और नसेल क्षेत्र की जांच की जाती है। चित्रों के माध्ययम से  सूजन और अन्य समस्याओं का पता लगाया जाता है। जो एंडोस्कोपी का इस्तेमाल करके पता लगाना मुश्किल हो जाता है।  

एलर्जी टेस्ट: एलर्जी ब्लड टेस्ट के माध्यम से भी क्रोनिक साइनोसाइटिस का पता लगाया जा सकता है। अगर आपके डॉक्टर को ऐसा अनुभव होता है कि ब्लड में एलर्जी की वजह से आपको क्रोनिक साइनोसाइटिस हुआ है, तो वह ब्लड एलर्जी टेस्ट करने की सलाह देते हैं। 

साइनस के अंदर देखना : इस टेस्ट में डॉक्टर एक पतली और लचीली ट्यूब के माध्यम से फाइबर-ऑप्टिक लाइट को आपके नाक के जरिए शरीर में डाला जाता है, इससे आपके शरीर के अंदर देखा जाता है।

साइनस और नाक डिस्चार्ज का सैंपल के जरिए भी डॉक्टर्स क्रोनिक साइनोसाइटिस का निदान करने की कोशिश करते हैं। 

क्रोनिक साइनोसाइटिस के उपचार

क्रोनिक साइनोसाइटिस का डॉक्टर इस तरह से इलाज करते हैं। आइए जानते हैं इन इलाज के बारे में-

नाक के कोर्टिकोस्टेरोइड - यह एक तरह से स्प्रे होता है, जो नाक में होने वाले सूजन को रोकने में आपकी मदद करता है।

सेलाइन नेसल इरीगेशन - यह नेसल स्प्रे या सलूशन होता है, जिसे नाक में डाला जाता है। इससे नाक के ड्रेनेज को कम किया जाता है। इसके साथ ही यह नाक में होने वाली जलन और एलर्जी को दूर करन जलन और एलर्जी को दूर करने में आपकी मदद करता है।

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ओरल या इंजेक्टेड कर्टिकोस्टेरॉइड्स - साइनोसाइटिस के गंभीर मामलों में इन दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। खासकर के अगर आपको नेसल पोलुपस की समस्या है। अधिक समय तक इस दवाई का इस्तेमाल करना हमारे लिए खतरनाक हो सकता है।  ऐसे में गंभीर स्थिति होने पर ही इसका इस्तेमाल किया जाता है।

एस्पिरिन डेसेंसिटिजशन उपचार - अगर आपको एस्पिरिन जैसी दवाओं से एलर्जी है, तो इस तरह की दवाओं का सेवन ना करें। साइनोसाइटिस की समस्या आपको इन्हीं कारणों से भी हो सकती है। 

इम्यूनोथेरेपी - कमजोर इम्यून सिस्टम के कारण अगर आपको साइनोसाइटिस की समस्या हो रही है, तो आपको एलर्जी शॉट्स (इम्यूनोथेरेपी) दिया जाता है। इससे आपके हालत में सुधार की कोशिश की जाती है। 

इसके अलावा एंडोस्कोपी और एंटीबयोटिक दवाओं से भी डॉक्टर्स साइनोसाइटिस का इलाज करते हैं। गंभीर मामलों में कुछ डॉक्टर्स सर्जरी का भी सहारा लेते हैं। 

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