Can Asthma Cause Pulmonary Fibrosis In Hindi: अस्थमा एक क्रॉनिक लंग डिजीज है। आमतौर पर मौसम बदलने, धूल-मिट्टी के आसपास रहने या गंदगी में अधिक समय बिताने के कारा अस्थमा ट्रिगर हो जाता है। ऐसे में अस्थमा के मरीज के लिए सांस लेना मुश्किल हो हाता है, उन्हें लंबे समय खांसी होने लगती है और सीना भी भारी हो जाता है। खासकर, बदलते मौसम और पल्यूशन के कारण अस्थमा के मरीजों की दिक्कतें बढ़ जाती हैं। यही कारण है कि विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि अस्थमा के मरीज अपनी सेहत का ध्यान रखें और गंदगी से दूर रहें। बहरहाल, माना जाता है कि अगर अस्थमा के मरीज अपनी सेहत का सही तरह से ध्यान नहीं रखते हैं, तो इसकी वजह से पल्मोनरी फाइब्रोसिस हो सकता है। सवाल है, क्या वाकई ऐसा होता है? आखिर इन दोनों बीमारियों का आपस में क्या कनेक्शन है? आइए, जानते हैं विस्तार से।आइए, जानते हैं इस बारे में नोएडा एक्सटेंशन स्थित यथार्थ अस्पताल में इंटरवेंशन पल्मोनोलॉजी और स्लीप मेडिसिन के प्रमुख - पल्मोनोलॉजी डॉ.पुनीत गुप्ता से।
क्या अस्थमा के कारण पल्मोनरी फाइब्रोसिस हो सकता है- Connection Between Asthma And Pulmonary Fibrosis In Hindi
जैसा कि हमने पहले ही जिक्र किया है कि अस्थमा लंग्स से जुड़ी बीमारी है। इसी तरह, पल्मोनरी फाइब्रोसिस भी लंग्स की गंभीर समस्या को ओर संकेत करता है। लेकिन, सवाल यह है कि क्या वाकई अस्थमन के कारण पल्मोनरी फाइब्रोसिस हो सकता है? क्या इनका आपस में कोई कनेक्शन है? इस बारे में डॉक्टर का कहना है, "अस्थमा और पल्मोनरी फाइब्रोसिस, दोनों ही लंग्स से जुड़ी समस्या है। लेकिन, दोनों का आपस में गहरा कनेक्शन भी कहा जा सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि अस्थमा के मरीजों में मूल रूप से सांस नली में दिक्कत होती है। उनकी सांस नली सिकुड़ जाती है और पतली हो जाती है। इसका मतलब है कि अस्थमा के मरीजों की एयरवेज में स्ट्रक्चर में बदलाव हो जाता है। यही स्थिति लंग्स में गहरे और कठोर निशान बनाने के लिए जिम्मेदार हो सकती हैं।" डॉक्टर का आगे कहना है, "जब लंग्स में कोई गहरा दाग या निशान हो जाता है, तो उसे हम पल्मोनरी फाइब्रोसिस के नाम से जानते हैं। पल्मोनरी फाइब्रोसिस होने पर मरीज के लंग्स के टिश्यू भी डैमेज होने लगते हैं।"
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अस्थमा के मरीजों में पल्मोनरी फाइब्रोसिस होने के कारण
हमने कुछ देर पहले ही अस्थमा और पल्मोनरी फाइब्रोसिस के बीच कनेक्शन के बारे में जाना है। हालांकि, कई अन्य कारण भी जिम्मेदार हैं, जो अस्थमा को पल्मोनरी फाइब्रोसिस में बदल सकते हैं, जैसे-
लंग फाइब्रोसिस
अस्थमा के मरीजों की सांस नली के आकार में बदलाव होने लगता है या वह सिकुड़ जाता है। यह समस्या अस्थमा के मरीजों में मूल रूप से दिखता है। वहीं, कई बार सांस नली में सूजन और अन्य बदलाव होने लगते हैं। हालांकि, शुरुआती दिनों में ही इस स्थिति का पता चल जाता है। लेकिन, किसी वजह से सही ट्रीटमेंट न मिले, तो यह दिनों गंभीर रूप ले सकता है।
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जेनेटिकल फैक्टर
अगर अस्थमा से पीड़ित मरीजों में पल्मोनरी फाइब्रोसिस की फैमिली हिस्ट्री रही है, तो उन्हें भी भविष्य में यह बीमारी होने का जोखिम बढ़ जाता है। इससे बचा नहीं जा सकता है। हां, कुछ बचाव के उपाय या तरीके इसमें कागर तरीके से काम कर सकते हैं। इसके बावजूद, अस्थमा के मरीजों को लापरवाही नहीं करनी चाहिए, क्योंकि उन्हें पल्मोनरी फाइब्रोसिस के होने का जोखिम अन्य लोगों की तुलना में अधिक होता है।