पल्मोनरी फाइब्रोसिस फेफड़ों से जुड़ी एक स्थिति है जिसमें फेफड़ों के टिश्यू (ऊतक) थोड़े मोटे और सख्त हो जाते हैं। मैक्स हॉस्पिटल शालीमार बाग में पल्मनोलॉजी एंड स्लीप मेडिसिन के वरिष्ठ निदेशक डॉक्टर इंद्रमोहन चुघ बताते हैं कि इन टिशूज के मोटे होकर सख्त हो जाने से फेफड़ों को उचित मात्रा में ब्लड और ऑक्सीजन नहीं मिल पाता। इस कारण सांस लेने में दिक्कत आने लगती है। लो-ऑक्सीजन फ्लो के कारण केवल आपके फेफड़े ही नहीं बल्कि बाकी मुख्य अंग भी प्रभावित होते हैं। इसलिए इस स्थिति को ठीक करना काफी जरूरी होता है। कई बार यह स्थिति पहचान में नहीं आती है और इस वजह से इसका इलाज शुरू नहीं हो पाता है जिसके कारण यह जानलेवा हो सकती है। आइए जानते हैं पल्मोनरी फाइब्रोसिस से जुड़े लक्षण, इसके कारण और इलाज के बारे में।
क्या है पल्मोनरी फाइब्रोसिस (What Is Pulmonary Fibrosis)
यह एक मेडिकल स्थिति होती है जिसमें फेफड़े प्रभावित होते हैं। ऐसा लंग टिश्यू में होने वाले डैमेज के कारण होता है। इस स्थिति में फेफड़े अपना काम ढंग से नहीं कर पाते। आप को सांस लेने में भी कठिनाई देखने को मिल सकती है। अगर इसका सही कारण पता चल जाता है तो इसे पल्मोनरी फाइब्रोसिस कहा जाता है। अगर कारण का पता नहीं लग पाता है तो इस स्थिति को इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस कहा जाता है।
पल्मोनरी फाइब्रोसिस के लक्षण (Symptoms Of Pulmonary Fibrosis)
सांस कम आना या डिस्पेनीया
थकान या बहुत कमजोरी महसूस होना
सूखी खांसी होना
बिना किसी कारण वजन कम होना
मसल्स और जोड़ों में दर्द होना
हाथों और पैरों की उंगलियों का कांपना
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पल्मोनरी फाइब्रोसिस का कारण (Causes For Pulmonary Fibrosis)
वातावरण से जुड़े फैक्टर्स
जब आपके फेफड़े अधिक समय तक पॉल्यूटेंट या टॉक्सिन्स जैसे- सिलिका डस्ट, मेटल डस्ट, कोल डस्ट, पशुओं और पक्षियों के मल आदि। इनके कारण फेफड़ों के टिश्यू को नुकसान पहुंच सकता है।
रेडिएशन ट्रीटमेंट
अगर आप किसी ऐसे इलाज में हैं जिसमें रेडिएशन या कीमो थेरेपी का प्रयोग हो रहा है जैसे कैंसर का इलाज, तो इस कारण भी आपके फेफड़ों को काफी नुकसान पहुंच सकता है।
कुछ दवाइयों का सेवन करना
कुछ दवाइयों जैसे कीमो थेरेपी ड्रग्स, एंटी बायोटिक्स, एंटी इन्फ्लेमेटरी ड्रग्स या फिर दिल की बीमारियों से जुड़ी दवाइयों का सेवन करने से भी फेफड़ों को नुकसान पहुंच सकता है और तब पल्मोनरी फाइब्रोसिस होने का खतरा बढ़ जाता है।
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कुछ मेडिकल स्थिति
कई बार कुछ शारीरिक स्थितियों के कारण भी आपको पल्मोनरी फाइब्रोसिस हो सकता है और यह स्थिति हैं स्क्लेरोडर्मा, न्यूमोनिया, अर्थराइटिस आदि।
पल्मोनरी फाइब्रोसिस का इलाज (Treatment For Pulmonary Fibrosis)
एसेंशियल ऑयल का प्रयोग
तीन से चार बूंद लेवेंडर ऑयल की लें और उसे थोड़े से पानी के साथ मिला कर एक डिफ्यूजर में डाल दें।
अब इस डिफ्यूजर को दिन में एक से दो बार सूंघें।
इस एसेंशियल ऑयल में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण होते है जो फेफड़ों के टिश्यू की सूजन को कम करने में सहायक होते हैं।
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विटामिन डी का प्रयोग
45 से 80 mcg की विटामिन डी की मात्रा का रोजाना सेवन करें। आप चाहें तो डाइट में विटामिन डी को शामिल करके यह मात्रा बढ़ा भी सकते हैं। डाइट में डेयरी उत्पाद, अंडे, चीज़, मशरूम आदि जरूर शामिल करें।
बेकिंग सोडा
एक गिलास पानी में एक छोटी चम्मच बेकिंग सोडा की मिला लें और उसे पी जाएं। बेकिंग सोडे की एल्कलाइन प्रकृति पौष्टिक तत्व अब्जॉर्ब करने में मदद करती है और टॉक्सिंस को शरीर से बाहर निकालती है। इससे एसिडिटी भी कम होती है और पाचन भी सही से होता है।
कॉड लीवर ऑयल
कॉड लीवर ऑयल सप्लीमेंट लें। इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से जरूर पूछें। इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड होते हैं जो फेफड़ों की सेहत के लिए लाभदायक हैं।
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