
आज की तेज रफ्तार जिंदगी में हम में से कई लोग पाचन और गट हेल्थ सुधारने के लिए पैकेट वाले खाने पर लिखा 'हाई-फाइबर' टैग देखकर उसे चुन लेते हैं, लेकिन सावधान रहें। मार्केट में अब नकली फाइबर (Fake Fiber) भी आ गया है, जो सेहत के नाम पर आपसे पैसा वसूलता है और सेहत को खराब करता है। Dr. A. Swetha, MSC RD, Registered Dietitian, Deputy Chief Dietitian Of Yashoda Hospitals, Hyderabad ने बताया कि कई लोगों को नकली फाइबर का सेवन करने से कई लोगों को गैस, सूजन, पेट दर्द और बिना वजह ब्लोटिंग की शिकायत हुई और इसकी जड़ सिंथेटिक फाइबर निकला।
इस पेज पर:-
फूड पैकेट की इंग्रीडिएंट लिस्ट पढ़ें

अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड जो खुद को फाइबर-रिच बताते हैं, असल में हेल्दी नहीं होते। लंबे समय तक इनका सेवन गट डिस्बायोसिस पैदा करता है, जिससे सूजन बढ़ती है और यही कई पाचन समस्याओं की जड़ बनती है। इसलिए न्यूट्रिशन फैक्ट्स को समझना जरूरी है। प्रोसेस्ड और रिफाइंड फूड कम करें और किसी भी पैक्ड फूड का इंग्रीडिएंट लिस्ट ध्यान से पढ़ें, ताकि फाइबर का असली स्रोत पता चल सके।
यह भी पढ़ें- लंबी लाइफ का फार्मूला है डाइटरी फाइबर, एक्सपर्ट ने बताया इसका सेवन बढ़ाना क्यों है फायदेमंद?
असली और नकली फाइबर में अंतर- Difference Between Real And Fake Fiber
नेचुरल फाइबर और नकली फाइबर में बड़ा अंतर है। नकली फाइबर को एडड या आइसोलेटेड फाइबर (Isolated Fiber) भी कहा जाता है, जैसे पॉलीडेक्सट्रोज (Polydextrose), चिकोरी रूट जड़ (Chicory Root Extract) या इनुलिन (Inulin)। Dr. A. Swetha ने बताया कि कंपनियां इन्हें कम लागत में मिलाकर लेबल पर फाइबर की मात्रा बढ़ा देती हैं, लेकिन पोषण नहीं बढ़ता। जहां सेब या ओट्स का सॉल्यूबल फाइबर धीरे-धीरे पचकर अच्छे गट बैक्टीरिया को सपोर्ट करता है, वहीं नकली फाइबर बड़ी आंत में जल्दी फर्मेंट होकर ज्यादा गैस और सूजन पैदा करता है।
यह भी पढ़ें- फाइबर सप्लीमेंट लेने से हो सकती है ये 5 स्वास्थ्य समस्याएं, जानें इसके नेचुरल सोर्स
असली और नकली फाइबर के इंग्रीडिएंट्स में अंतर
नकली फाइबर पहचानना मुश्किल नहीं है, बस थोड़ा सतर्क रहना होगा। अगर इंग्रीडिएंट लिस्ट में ओलिगोफ्रुक्टोज (Oligofructose), सॉल्यूबल कार्न फाइबर, रेजिस्टेंट माल्टोडेक्सट्रिन (Resistant Maltodextrin) जैसे शब्द दिखें, तो अलर्ट हो जाएं। Dr. A. Swetha ने बताया कि असली और भरोसेमंद प्रोडक्ट्स में ओट्स, जौ, दालें, फल और सब्जियां जैसे पूरे खाद्य स्रोत होते हैं। रोजाना करीब 30 ग्राम फाइबर पाने के लिए साबुत अनाज, दालें और तरह-तरह के फल-सब्जियों को शामिल करें।
यह भी पढ़ें- आप भी अपना वजन कम करना चाहते हैं, तो अपनी डाइट में शामिल कर लीजिए ये 6 हाई फाइबर फूड्स
नकली फाइबर से पेट की समस्याएं हो सकती हैं- Fake Fiber Cause Digestion Problems
इसका असर धीरे-धीरे हो सकता है। शुरुआत में पेट फूलना और दर्द होता है, जिससे लोग पेट में 'गुब्बारा' जैसा महसूस बताते हैं। लंबे समय तक रहने वाली सूजन आईएस, लीकी गट और यहां तक कि इंसुलिन रेजिस्टेंस जैसी मेटाबॉलिक प्रॉब्लम्स का जोखिम बढ़ा सकती है। डायबिटीज या ऑटोइम्यून बीमारी वाले लोगों में इसके लक्षण ज्यादा बिगड़ सकते हैं जैसे जोड़ों में दर्द, थकान और पेट साफ न होना। रिसर्च के अनुसार, ज्यादा मात्रा में इन फाइबर का सेवन करने वाले लगभग 20% लोगों में पेट से जुड़ी परेशानी देखी गई है।
फेक फाइबर से कैसे बचें?- How To Prevent Fake Fiber
खुद को सुरक्षित रखने के लिए फोर्टिफाइड स्नैक्स (Fortified Snacks) की जगह नेचरल फूड्स (Natural Foods) चुनें। फाइबर की मात्रा धीरे-धीरे बढ़ाएं और पर्याप्त पानी पिएं। अगर फिर भी दिक्कत बनी रहे, तो गट माइक्रोबायोटा एनालिसिस जैसे टेस्ट के लिए विशेषज्ञ से सलाह लें। याद रखें कि अच्छी सेहत फैक्ट्री में नहीं, प्रकृति में बनती है। स्मार्ट चुनाव करें, ताकि आपका डाइजेशन अच्छा रहे।
निष्कर्ष:
फाइबर सेहत के लिए जरूरी है, लेकिन हर फाइबर फायदेमंद नहीं होता। पैकेट वाले खाने में मौजूद नकली या एडड फाइबर पाचन बिगाड़ सकता है और लंबे समय में गट हेल्थ को नुकसान पहुंचा सकता है। सही सेहत के लिए प्राकृतिक फाइबर स्रोत जैसे साबुत अनाज, दालें, फल और सब्जियों को प्राथमिकता दें।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। इस लेख को शेयर करना न भूलें।
यह विडियो भी देखें
FAQ
फेक फाइबर क्या होता है?
फेक फाइबर पैकेट फूड में मिलाया गया सिंथेटिक या अलग किया गया फाइबर होता है, जो लेबल पर मात्रा बढ़ाता है लेकिन सेहत के लिए अच्छा नहीं होता।होल फूड्स क्या होते हैं?
होल फूड्स प्राकृतिक, कम प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ होते हैं जैसे साबुत अनाज, दालें, फल और सब्जियां, जिनमें फाइबर और पोषक तत्व प्राकृतिक रूप से मौजूद रहते हैं।नकली फाइबर को कैसे पहचानें?
इंग्रीडिएंट लिस्ट में पॉलीडेक्सट्रोज, इनुलिन, सॉल्यूबर कार्न फाइबर जैसे नाम दिखें तो सतर्क हो जाएं।
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version
Dec 18, 2025 09:07 IST
Published By : Yashaswi Mathur