गर्मियों का मौसम जहां एक ओर सुस्ती, डिहाइड्रेशन और थकावट लेकर आता है, वहीं गर्भवती महिलाओं के लिए यह समय ज्यादा मुश्किल होता है क्योंकि इस दौरान इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। वर्ल्ड हेल्थ डे (World Health Day 2025) के मौके पर इस साल सभी महिलाओं को यह समझाने की जरूरत है कि स्वस्थ रहना उनका अधिकार है, विशेष रूप से वे महिलाएं जो मां बनने वाली हैं। गर्भावस्था के दौरान महिला का शरीर कई बदलावों से गुजरता है, जिससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता सामान्य से कम हो जाती है। इस कारण गर्मियों में बैक्टीरियल, वायरल और फंगल इंफेक्शन्स का खतरा और भी ज्यादा बढ़ जाता है।
अक्सर गर्भवती महिलाएं गर्मी के मौसम में उल्टी, यूरिन इन्फेक्शन, स्किन रैशेज या डायरिया को हल्के में ले लेती हैं, लेकिन यह लापरवाही गर्भस्थ शिशु के विकास को भी प्रभावित कर सकती है। इस लेख में हम बताएंगे 5 ऐसे आम इंफेक्शन जो गर्भावस्था के दौरान गर्मियों में देखने को मिलते हैं, उनके लक्षण क्या हैं और कैसे उनसे बचा जा सकता है। मगर इससे पहले समझना जरूरी है कि इंफेक्शन को पहचानना जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी है समय पर उसका इलाज करना। इसलिए इस जानकारी को ध्यान से समझें। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के झलकारीबाई हॉस्पिटल की गाइनोकॉलोजिस्ट डॉ दीपा शर्मा से बात की।
1. यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन- Urinary Tract Infection
गर्मियों में शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जिससे यूरिन कंसन्ट्रेट होता है और बैक्टीरिया को पनपने का मौका मिलता है। प्रेग्नेंसी में हार्मोनल बदलाव के कारण ब्लैडर और यूरिनरी ट्रैक्ट कमजोर हो जाते हैं, जिससे इंफेक्शन जल्दी फैलता है। अगर समय पर इलाज न हो, तो यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन किडनी तक पहुंच सकता है और गर्भस्थ शिशु के लिए खतरा बन सकता है। इससे बचाव के लिए सफाई का ध्यान रखें।
लक्षण:
- पेशाब करते समय जलन या दर्द
- बार-बार पेशाब आना
- यूरिन का गाढ़ा या दुर्गंध वाला होना
- पेट के निचले हिस्से में हल्का दर्द या दबाव
- बुखार
बचाव:
- दिनभर में 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं।
- पेशाब रोककर न रखें।
- साफ-सफाई का खास ध्यान रखें।
- अंडरगारमेंट्स सूती व ढीले पहनें।
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2. इंटेस्टाइन इंफेक्शन या फूड पॉइजनिंग- Intestinal Infection or Food Poisoning
गर्मियों में बैक्टीरिया और वायरस तेजी से पनपते हैं, खासकर खराब हो चुके भोजन और दूषित पानी में। गर्भवती महिला की पाचन क्रिया पहले से सेंसिटिव होती है, जिससे उन्हें उल्टी-दस्त जल्दी हो जाते हैं। इससे शरीर में पानी और पोषक तत्वों की कमी हो सकती है, जो गर्भस्थ शिशु की ग्रोथ को प्रभावित कर सकती है।
लक्षण:
- मतली या उल्टी
- पतला दस्त (डायरिया)
- पेट में ऐंठन या मरोड़
- कमजोरी और थकान
- हल्का बुखार
बचाव:
- ताजा और घर का बना खाना ही खाएं।
- बासी, कटे-फटे फल और सलाद खाने से बचें।
- उबला या फिल्टर्ड पानी ही पिएं।
3. फंगल इंफेक्शन- Fungal Infection
गर्मियों में शरीर से पसीना ज्यादा निकलता है, जिससे त्वचा की सिलवटों और गीली जगहों पर फंगल ग्रोथ बढ़ जाती है। प्रेग्नेंसी में स्किन सेंसिटिविटी बढ़ जाती है, जिससे फंगल इंंफेक्शन जल्दी होता है। लगातार खुजली, जलन और चकत्तों से नींद व आराम प्रभावित होते हैं, जिससे स्ट्रेस और असहजता बढ़ती है।
लक्षण:
- शरीर के गर्म और नम हिस्सों में खुजली (जैसे बगल या जांघों में)
- रेडनेस या चकत्ते
- त्वचा पर पपड़ी या पीलापन
- बार-बार खुजली के कारण जलन
- बदबूदार पसीना
बचाव:
- शरीर को पसीने से बचाकर रखें।
- सूती और ढीले कपड़े पहनें।
- रोज नहाएं और त्वचा को सूखा रखें।
4. यीस्ट इंफेक्शन- Yeast Infection
गर्मी में शरीर में पसीना और नमी ज्यादा होती है, जिससे यीस्ट फंगस (कैंडिडा) तेजी से बढ़ सकता है। प्रेग्नेंसी में एस्ट्रोजन हार्मोन के कारण योनि क्षेत्र में यीस्ट की ग्रोथ बढ़ जाती है। इससे खुजली, जलन और सफेद डिस्चार्ज होता है। इसे अनदेखा करने पर यह इंफेक्शन बच्चे के जन्म के समय समस्या पैदा कर सकता है।
लक्षण:
- योनि क्षेत्र में तेज खुजली
- सफेद, गाढ़ा व चिपचिपा डिस्चार्ज
- जलन या सूजन
- पेशाब करते समय हल्की जलन
बचाव:
- प्राइवेट पार्ट्स की सफाई माइल्ड वॉश से करें।
- नमी वाले कपड़े तुरंत बदलें।
- चीनी और प्रोसेस्ड फूड कम खाएं।
5. हेपेटाइटिस ए इंफेक्शन- Hepatitis A Infection
गर्मियों में दूषित पानी और खुला खाना हेपेटाइटिस-ए वायरस के फैलने के बड़े कारण हैं। यह वायरस लिवर पर असर डालता है और प्रेग्नेंसी के दौरान लिवर पहले ही अतिरिक्त काम कर रहा होता है। इंफेक्टेड महिला को पीलिया, कमजोरी और अपच जैसी समस्याएं हो सकती हैं, जो शिशु के पोषण और विकास में रुकावट पैदा कर सकती हैं।
लक्षण:
- थकान और कमजोरी
- भूख न लगना
- हल्का बुखार
- पेट दर्द, खासकर दाईं तरफ
- आंखों और त्वचा में पीलापन (पीलिया)
बचाव:
- बाहर की खुली बोतलों से पानी पीने से बचें।
- खाने से पहले और टॉयलेट के बाद हाथों को अच्छी तरह से साफ करें।
- सब्जियों और फलों को खाने से पहले पानी में भिगोकर अच्छे से धोएं।
World Health Day 2025 हमें यह याद दिलाता है कि स्वस्थ रहना हर महिला का अधिकार है, खासकर गर्भवती महिलाओं का। गर्मियों में इंफेक्शन का खतरा ज्यादा होता है, लेकिन थोड़ी सी सावधानी, स्वच्छता और पोषण से इनसे आसानी से बचा जा सकता है।
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