
प्रेग्नेंसी, एक महिला के जीवन का सबसे खास समय होता है। इस दौरान हर मां चाहती है कि वह अपने बच्चे के लिए सबसे अच्छा करे, चाहे बात खानपान की हो, नींद की या फिर हर्बल सप्लीमेंट्स की। आजकल बहुत-सी महिलाएं प्रेग्नेंसी में नेचुरल या आयुर्वेदिक सप्लीमेंट्स लेना पसंद करती हैं, ताकि वे बिना केमिकल्स के अपने शरीर को मजबूत बना सकें लेकिन सवाल यह है कि क्या हर्बल सप्लीमेंट्स प्रेग्नेंसी के दौरान पूरी तरह सुरक्षित हैं? दरअसल, नेचुरल शब्द का मतलब हमेशा सेफ नहीं होता। बहुत-सी हर्बल दवाएं वैज्ञानिक रूप से टेस्ट नहीं की गई हैं और कई में भारी धातुएं या मिलावट भी पाई जाती है। इस लेख में मेवाड़ विश्वविद्यालय में प्रोफेसर एवं प्राकृतिक चिकित्सालय बापू नगर, जयपुर की वरिष्ठ चिकित्सक योग, प्राकृतिक चिकित्सा पोषण और आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. किरण गुप्ता (Dr. Kiran Gupta, Yoga, Naturopathy, Nutrition and Ayurveda Specialist, Professor at Mewar University and Senior Physician at Naturopathy Hospital, Bapunagar, Jaipur) से जानिए, प्रेग्नेंसी में हर्बल सप्लीमेंट्स लेना कितना सुरक्षित है?
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प्रेग्नेंसी में हर्बल सप्लीमेंट्स लेना कितना सुरक्षित है? - Herbal Supplements During Pregnancy
आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. किरण गुप्ता बताती हैं कि हर्बल सप्लीमेंट्स पौधों, जड़ी-बूटियों और प्राकृतिक तत्वों से बने होते हैं। इनमें अश्वगंधा, तुलसी, आंवला, शतावरी, ब्राह्मी जैसी औषधियां शामिल होती हैं। लोग इन्हें इम्यूनिटी बढ़ाने, स्ट्रेस कम करने, नींद सुधारने और डाइजेशन बेहतर करने के लिए लेते हैं। प्रेग्नेंसी में कई महिलाएं सोचती हैं कि चूंकि ये नेचुरल हैं, इसलिए नुकसान नहीं करेंगे लेकिन वास्तविकता यह है कि सभी हर्बल प्रोडक्ट्स प्रेग्नेंट महिलाओं पर टेस्ट नहीं किए गए होते। कई बार इनकी सही खुराक या प्रभाव को लेकर स्पष्ट वैज्ञानिक प्रमाण भी नहीं होते। कोई भी जड़ी-बूटी दवा की तरह ही असर करती है और हर महिला की बॉडी टाइप और प्रेग्नेंसी कंडीशन अलग होती है। इसलिए डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी हर्बल सप्लीमेंट लेना जोखिम भरा हो सकता है।
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आयुर्वेद के अनुसार प्रेग्नेंसी में कौन-सी जड़ी-बूटियां फायदेमंद हैं?
आयुर्वेद में कुछ जड़ी-बूटियों का उल्लेख गर्भावस्था के दौरान फायदेमंद रूप में किया गया है।
शतावरी: गर्भाशय को मजबूत बनाती है और दूध उत्पादन में मदद करती है।
गिलोय: इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक।
आंवला: विटामिन C का अच्छा सोर्स, जो त्वचा और पाचन के लिए फायदेमंद है।
केसर: आयुर्वेद में कहा गया है कि सीमित मात्रा में केसर गर्भवती महिलाओं के लिए लाभकारी हो सकता है।
हालांकि, इनका भी इस्तेमाल योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह से ही किया जाना चाहिए, क्योंकि मात्रा से ज्यादा सेवन शरीर में गर्मी बढ़ाकर नुकसान पहुंचा सकता है।

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डॉक्टर की सलाह
डॉ. किरण गुप्ता का कहना है कि अगर आप प्रेग्नेंसी में अपनी सेहत को नेचुरल तरीके से बेहतर बनाना चाहती हैं, तो डाइट में ताजा फल और सब्जियां ज्यादा से ज्यादा शामिल करें। आंवला, नारियल पानी, दूध और देसी घी का सेवन करें। एक्सपर्ट की सलाह पर योग और प्राणायाम करें यह शरीर और मन दोनों को शांत रखते हैं। इन प्राकृतिक तरीकों से आप बिना किसी हर्बल दवा के भी अपनी और अपने बच्चे की सेहत का ध्यान रख सकती हैं।
निष्कर्ष
प्रेग्नेंसी के दौरान हर्बल सप्लीमेंट्स का उपयोग सिर्फ एक्सपर्ट की सलाह पर ही करना चाहिए। हर जड़ी-बूटी का शरीर पर अलग असर होता है और कुछ हर्बल दवाएं भ्रूण के विकास को भी प्रभावित कर सकती हैं। किसी भी चीज की अति नुकसानदेह होती है इसलिए चाहे वह नेचुरल ही क्यों न हो, संतुलित मात्रा और सही गाइडेंस के बिना हर्बल दवाओं का सेवन खतरनाक साबित हो सकता है।
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FAQ
प्रेग्नेंसी में कौन-सी हर्बल चाय पीना सुरक्षित है?
आप कैमोमाइल या अदरक की हल्की हर्बल चाय पी सकती हैं, लेकिन मात्रा सीमित रखें। बहुत स्ट्रॉन्ग हर्बल चाय से बचें क्योंकि ये शरीर में कैफीन और डिटॉक्स एजेंट्स बढ़ा सकते हैं।क्या प्रेग्नेंसी में त्रिफला पाउडर लेना ठीक है?
त्रिफला हल्की कब्ज में मदद कर सकता है, लेकिन ज्यादा मात्रा में लेने पर पेट दर्द या डिहाइड्रेशन हो सकता है। इसलिए डॉक्टर से पूछकर ही इसका सेवन करें।क्या एलोवेरा जूस गर्भवती महिलाओं के लिए ठीक है?
एलोवेरा जेल त्वचा के लिए सुरक्षित है, लेकिन एलोवेरा जूस गर्भाशय को उत्तेजित कर सकता है और पेट दर्द या कॉन्ट्रैक्शन का कारण बन सकता है।
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Nov 04, 2025 17:55 IST
Published By : Akanksha Tiwari