
Does Pregnancy Increase The Risk Of High Blood Pressure In Hindi: प्रेग्नेंसी के दौरान हर तरह की सावधानी बरतनी जरूरी है। ऐसा इसलिए, कयेंकि प्रेग्नेंसी में महिला की इम्यूनिटी बहुत कमजोर हो जाती है। अगर उन्हांने अपना पूरा ध्यान न रखा, तो इसका बुरा प्रभाव उनके गर्भ में पल रहे शिशु पर भी पड़ता है। उसका विकास बाधित हो सकता है। जाहिर है, ऐसा होना सही नहीं है। बहरहाल, आप यह भी जानते होंगे कि इन दिनों महिलाओं को कई तरह के बीमारियों का जोखिम रहता है, इसमें जेस्टेशनल डायबिटीज आदि शामिल है। ऐसा न हो, इसके लिए हेल्दी डाइट और लाइफस्टाइल फॉलो करना पड़ता है। इसके बावजूद, देखने में आता है कि कई महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान हाई ब्लड प्रेशर की दिक्कत हो जाती है। तो क्या प्रेग्नेंसी में हाई प्रेशर का जोखिम बढ़ जाता है? क्या वाकई यह सच है? आइए, जानते हैं वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता का क्या कहना है।
क्या प्रेग्नेंसी में हाई ब्लड प्रेशर का जोखिम बढ़ जाता है?- Can Pregnancy Increase The Risk Of High Blood Pressure In Hindi
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हाई ब्लड प्रेशर, जिसे हम हाइपरटेंशन भी कहते हैं। यह ब्लड प्रेशर से संबंधित बीमारी है। प्रेग्नेंसी में अपना सही तरह से ख्याल न रखा जाए, पहले से किसी तरह की क्रॉनिक बीमारी रही है या पिछली प्रेग्नेंसी जटिलताओं से भरपूर रही हो। इस तरह की कंडीशन में प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अब सवाल ये है कि क्या वाकई प्रेग्नेंसी में हाई ब्लड प्रेशर का जोखिम बढ़ता है? इस बारे में डॉक्टर का कहना है, "प्रेग्नेंसी में हाई ब्लड प्रेशर का रिस्क रहता है। यह पूरी तरह सच है। हाई ब्लड प्रेशर भी कई तरह की कंडीशंस के साथ होते हैं, जैसे जेस्टेशनल हाइपरटेंशन, प्रीक्लेंप्सिया। ये दोनों ही स्थितियां गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे शिशु को नुकसान पहुंचा सकती हैं। अगर किसी महिला को जेस्टेशनल हाइपरटेंशन या प्रीक्लेंप्सिया का जोखिम है, तो उन्हें प्रेग्नेंसी प्लान करने से पहले से ही अपनी सेहत पर पूरा ध्यान रखना चाहिए। ऐसा करके वे प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लड प्रेशर से संबंधित बीमारियों से बची रह सकती हैं और प्रसव में भी कोई समस्या नहीं आती है।"
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प्रेग्नेंसी में होने वाली ब्लड प्रेशर से संबंधित समस्याएं
जेस्टेशनल हाइपरटेंशनः प्रेग्नेंसी के 20 सप्ताह के बाद जब महिला को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होने लगती है, तब उसे जेस्टेशनल डायबिटीज के नाम से जाना जाता है। वैसे तो जेस्टेशनल हाइपरटेंशन होने पर महिला को किसी तरह के लक्षण नजर भी आ सकते हैं और नहीं भी आ सकते हैं। यही कारण है कि प्रेग्नेंसी के दौरान नियमित रूप से ब्लड प्रेशर की जांच करवानी चाहिए। ऐसा करने पर डिलीवरी के दौरान कई जटिलताएं हो सकती हैं। हालांकि, यह स्थिति मैनेज की जा सकती है। डिलीवरी के बाद जेस्टेशनल डायबिटीज की दिक्कत अपने आप ठीक हो जाती है। लेकिन, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि जिन महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान हाइपरटेंशन की दिक्कत हो जाती है, उन्हें भविष्य में भी ब्लड प्रेशर से संबंधित परेशानी का रिस्क रहता है।
प्रीक्लेंप्सियाः यह बीमारी भी हाई ब्लड प्रेशर से समस्या है। लेकिन, यह इससे भी ज्यादा जटिल है। ऐसा इसलिए, क्योंकि प्रीक्लेंप्सिया होने पर शरीर के अन्य ऑर्गन भी प्रभावित हो सकते हैं, खासकर, किडनी। यह समस्या भी गर्भावस्था के 20वें सप्ताह के बाद नजर आने लगती है। विशेषकर, तीसरी तिमाही में गर्भवती महिलाओं को प्रीक्लेंप्सिया की दिक्कत हो सकती है।
क्रॉनिक हाइपरटेंशनः अगर किसी महिला को कंसीव करने से पहले से ही हाइपरटेंशन की दिक्कत है और प्रेग्नेंसी के दौरान यह कंडीशन बनी रहती है, तो उनकी स्वास्थ्य की स्थिति बहुत ज्यादा बिगड़ सकती है।
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जेस्टेशनल हाइपरटेंशन को कैसे मैनेज करें- How To Prevent High Blood Pressure During Pregnancy In Hindi
गर्भस्थ शिशु का स्वास्थ्य सही रहे और डिलीवरी के बाद भी कोई दिक्कत नहो, तो इसके लिए जरूरी है कि आप जेस्टेशनल हाइपरटेंशन को मैनेज करें। इसके लिए यहां बताए गए टिप्स अपनाएं-
- नियमित रूप से ब्लड प्रेशर की जांच करवाएं।
- डॉक्टर के पास रेगुलर विजिट करें।
- लाइफस्टाइल को हेल्दी रखें, ताकि ब्लड प्रेशर की दिक्कत बढ़े नहीं।
- प्रेग्नेंसी में एक्सरसाइज करना भी फायदेमंद होता है।
- गर्भावस्था के दौरान किसी भी तरह की बुरी आदतें न अपनाएं।
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Nov 02, 2025 18:57 IST
Published By : Meera Tagore