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प्रेग्नेंसी में बीपी हाई होने पर कभी न करें ये 5 गलति‍यां, सेहत को हो सकता है नुकसान

Gestational Hypertension: प्रेग्नेंसी में हाई बीपी को जेस्‍टेशनल हाइपरटेंशन भी कहते हैं। इस दौरान सेहत से संबंध‍ित गलत‍ियां, बीपी को बढ़ा सकती हैं।   
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प्रेग्नेंसी में बीपी हाई होने पर कभी न करें ये 5 गलति‍यां, सेहत को हो सकता है नुकसान

Gestational Hypertension in Hindi: जेस्‍टेशनल हाइपरटेंशन की समस्‍या, प्रेग्नेंसी के करीब 20 हफ्तों के बाद होती है। जेस्‍टेशनल हाइपरटेंशन के कारण प्रीक्लेम्पसिया की समस्‍या होती है। यह रक्‍तचाप की एक गंभीर समस्‍या है, जो प्रेग्नेंसी के दौरान व‍िकस‍ित होती है। प्रीक्लेम्पसिया क कारण क‍िडनी, ल‍िवर, ब्‍लड सर्कुलेशन और ब्रेन पर बुरा असर पड़ सकता है। कई वजह से प्रेग्नेंसी के दौरान हाई बीपी की समस्‍या हो सकती है। उदाहरण के ल‍िए- प्रेग्नेंसी में वजन ज्‍यादा होने के कारण हाइपरटेंशन की समस्‍या हो सकती है। अगर प्रेग्नेंसी में क‍िडनी की समस्‍या है, तो भी रक्‍तचाप बढ़ सकता है। प्रेग्नेंसी में हार्मोनल बदलाव के कारण भी ब्‍लड प्रेशर में बदलाव आ सकता है। इसके अलावा मह‍िलाएं सेहत से संबंध‍ित कुछ गलत‍ियां भी करती हैं, ज‍िसके कारण जेस्‍टेशनल हाइपरटेंशन की समस्‍या हो सकती है। लेख में हम जानेंगे सेहत से जुड़ी ऐसी ही 5 गलत‍ियों के बारे में। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के झलकारीबाई हॉस्‍प‍िटल की गाइनोकॉलोज‍िस्‍ट डॉ दीपा शर्मा से बात की।

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1. प्रीनेटल जांच न करवाना- Avoiding Prenatal Checkup

प्रीनेटल जांच न करवाने के कारण ब्‍लड प्रेशर बढ़ सकता है। अगर आप समय-समय पर जांच नहीं करवाएंगी, तो हाइपरटेंशन की समस्‍या बढ़ सकती है। अगर आपको हाइपरटेंशन की समस्‍या रहती है, तो डॉक्‍टर को बताएं और इसका इलाज करवाएं। गर्भावस्‍था में उच्‍च रक्‍तचाप अच्‍छी स्‍थ‍ित‍ि नहीं है, इससे ड‍िलीवरी के दौरान जोख‍िम कई गुना बढ़ जाता है।

2. हेल्‍दी डाइट न लेना- Avoiding Healthy Diet in Pregnancy

हाइपरटेंशन से बचने के ल‍िए हेल्‍दी डाइट की अहम भूम‍िका होती है। डाइट में नमक को शाम‍िल न करें, प्रोसेस्‍ड फूड्स को शाम‍िल न करें और सैचुरेटेड फैट्स का सेवन न करें। डाइट में फल, सब्‍ज‍ियां, होल ग्रेन्‍स और लीन प्रोटीन को शाम‍िल करें।जेस्‍टेशनल हाइपरटेंशन होने पर स्‍मोक‍िंग और एल्‍कोहल का सेवन न करें। इससे होने वाले श‍िशु की जान खतरे में पड़ सकती है।  

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3. एक्‍सरसाइज न करना- Avoiding Exercise in Pregnancy

एक्‍सरसाइज करने से ब्‍लड प्रेशर कंट्रोल रहता है और प्रेग्नेंसी के दौरान सेहतमंद रहने में मदद म‍िलती है। हालांक‍ि प्रेग्नेंसी में हैवी वर्कआउट से बचना चाह‍िए। लेक‍िन आप वॉक कर सकती हैं, योग कर सकती हैं और मेड‍िटेशन को भी रूटीन में शाम‍िल कर सकती हैं। डॉक्‍टर की सलाह पर प्रेग्नेंसी में सेफ स्‍ट्रेच‍िंग एक्‍सरसाइज भी कर सकती हैं। 

4. हाइपरटेंशन के लक्षणों को नजरअंदाज करना- Avoiding Hypertension Symptoms

प्रेग्नेंसी में हर एक असामान्‍य लक्षण पर गौर करना चाह‍िए। असामान्‍य लक्षणों को नजरअंदाज करने के कारण हाइपरटेंशन की समस्‍या होती है। अगर आपको स‍िर में दर्द, पेट में दर्द, हाथों में सूजन या देखने में परेशानी हो रही है, तो डॉक्‍टर से सलाह लें। जेस्‍टेशनल हाइपरटेंशन में कोई भी दवा का सेवन खुद से न करें। डॉक्‍टर की सलाह के बगैर दवा या सप्‍लीमेंट्स न खाएं।    

5. तनाव भरी लाइफस्‍टाइल जीना- Leading Stressful Life 

अगर आप ज्‍यादा स्‍ट्रेस में रहती हैं, तो हाइपरटेंशन का श‍िकार हो सकती हैं। यह स्‍थ‍ित‍ि आपके ल‍िए और होने वाले श‍िशु के ल‍िए अच्‍छी नहीं है। तनाव को कम करने के ल‍िए डीप ब्रीद‍िंग एक्‍सरसाइज करें, मेड‍िटेशन करें और योग को अपनाएं। जेस्‍टेशनल हाइपरटेंशन को खुद को स्‍वस्‍थ रखने के ल‍िए वही करें, जैसे डॉक्‍टर बताएं। डॉक्‍टर के बताए ट‍िप्‍स और दवाओं पर फोकस करें।

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