
How to control BP During Pregnancy : प्रेगनेंसी में महिलाओं को हर माह में कई तरह के लक्षण महसूस होते हैं। इस समय महिलाओं को बीपी की समस्या होना आम बात है। दरअसल प्रेगनेंसी में महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव तेजी से होते हैं। ऐसे में उनको चक्कर आना, घबराहट होना, उल्टी, व पैरों में दर्द होने की समस्या होती है। इस समय महिलाएं कुछ घरेलू उपायों को अपनाकर अपनी समस्या को काफी हद तक कम कर सकती हैं। आज हम आपको इस लेख में प्रेगनेंसी में बीपी की समस्या के कारण, लक्षण और उसे कंट्रोल करने के कुछ मुख्य उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं। इन उपायों को अपनाकर महिलाएं बीपी की समस्या को कम कर सकती हैं।
प्रेगनेंसी में बीपी की समस्या के कारण
प्रेनगेंसी में महिलाओं को हाई बीपी की समस्या होने के कई कारण होते हैं। डॉक्टर इसमें महिलाओं का वजन अधिक होना यानी मोटापा, शारीरिक गतिविधि कम करना, शराब व धूम्रपान, पहली बार प्रेगनेंट होना, महिला की आयु 35 से अधिक होना व डायबिटीज आदि को शामिल करते हैं। लेकिन समय रहते इसके कारणों के प्रभावों को कम किया जा सकता है।
इसे भी पढ़ें : प्रेगनेंसी में घबराहट क्यों होती है? जानें इसे दूर करने के उपाय
प्रेगनेंसी में हाईबीपी में महिलाओं को क्या लक्षण महसूस होते हैं?
प्रेगनेंसी में हाई बीपी की समस्या होने पर महिलाओं को कई तरह के लक्षण महसूस होते हैं। डॉक्टर कुछ लक्षणों को आगे बताते हैं।
- सिर दर्द होना
- धुंधला दिखाई देना
- सीने में दर्द
- सांस लेने में परेशानी व अन्य।
प्रेगनेंसी में बीपी की समस्या को कैसे करें कंट्रोल - pregnancy me high bp kaise control kare
प्रेगनेंसी में यदि महिलाओं को हाई बीपी की समस्या हो तो वह आगे बताए गए उपायों को दिनचर्या में शामिल कर सकती हैं।
मोटापा के करें कम
प्रेगनेंसी में मोटापा होने की समस्या अधिकतर महिलाओं को होती है। मोटापे की वजह से भी कुछ महिलाओं को हाई बीपी की प्रॉब्लम होने लगती है। ऐसे में महिलाओं को संतुलित आहार लेने की सलाह दी जाती है।
नियमित एक्सरसाइज करें
प्रेगनेंसी में महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव तेजी से होते हैं। ऐसे में महिलाओं को हार्मोन का स्तर सामान्य रखने के लिए रोजाना एक्सरसाइज करनी चाहिए। लेकिन डॉक्टर की सलाह के बाद ही महिलाओं को एक्सरसाइज का चुनाव करना चाहिए। अपनी मर्जी से किसी भी एक्सरसाइज को करने से आपको कुछ अन्य समस्याओं का जोखिम हो सकता है।
टेंशन ना लें
प्रेगनेंसी में महिलाओं को बच्चे की डिलीवरी को लेकर कई तरह के विचार आने लगते हैं। इन विचारों की वजह से महिलाओं को हाई बीपी व अन्य रोगों का जोखिम बढ़ जाता है। इस समय होने वाले तनाव व टेंशन को कम करने के लिए महिलाओं को घर के बुजुर्गों के साथ प्रेगनेंसी से जुड़े नकारात्मक विचार को शेयर करना चाहिए।
शराब व धूम्रपान न करना
प्रेगनेंसी में शराब व धूम्रपान करना महिला व होने वाले बच्चे के लिए खतरनाक होता है। इससे महिलाओं को कई तरह के रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही गर्भ में पलने वाले बच्चे को भी जन्म से ही कई विकार होने का खतरा बना रहता है।
इसे भी पढ़ें : प्रेगनेंसी में एसिडिटी होने पर अपनाएं ये घरेलू उपाय, मिलेगा आराम
इसके अलावा अन्य टिप्स को अपनाना चाहिए
महिलाओं को प्रेगनेंसी में नमक का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए। अधिक नमक खाने से बीपी की समस्या हो सकती है।
- पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। प्रेगनेंसी में पानी की कमी होने से महिलाओं को बीपी व अन्य समस्या का खतरा बढ़ जाता है।
- डाइट में अलसी, अखरोट, सोयबीन व ज्यादा से ज्यादा हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें।
- खाने में लहसुन का प्रयोग करें। इससे हार्ट संबंधी रोग होने की संभावना कम होती है।
- इस समय तनाव को कम करने के लिए संगीत सुनें व मेडिटेशन करें।