गर्भावस्था एक ऐसा दौर होता है जब हर महिला अपने और अपने गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य को लेकर ज्यादा सावधान रहती हैं। गर्भावस्था के दौरान खानपान में शामिल हर चीज का असर मां और बच्चे दोनों पर पड़ता है। यही कारण है गर्भावस्था में आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों और देसी पत्तों के सेवन को लेकर कई तरह के सवाल उठते हैं। इन्हीं पत्तियों में से एक है- कुलेखरा (Kulekhara)।
कुलेखरा मुख्य रूप से बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा और असम जैसे राज्यों में बड़ी मात्रा में खाया जाता है। लेकिन गर्भावस्था के दौरान कुलेखरा साग खाना चाहिए या नहीं, इसको लेकर महिलाएं असमंजस की स्थिति में रहती हैं। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको बताने जा रहे हैं गर्भावस्था में कुलेखरा का जूस पीना चाहिए या नहीं।
इसे भी पढ़ेंः प्रेग्नेंसी में पिंपल्स होने पर मैंने ट्राई किया ये घरेलू नुस्खा, 2 हफ्तों में मुझे मिला बेदाग चेहरा
क्या प्रेग्नेंसी में कुलेखरा का जूस पी सकते हैं-
दिल्ली के भाग्य आयुर्वेदा की न्यूट्रिशनिस्ट और डाइटिशियन पूजा सिंह का कहना है कि आयुर्वेदिक ग्रंथों में कुलेखराको विशेष रूप से उन औषधियों में शामिल किया गया है जो "रक्तधातु" को पोषण देती हैं। जिसके कारण कुलेखरा की पत्तियों का इस्तेमाल बड़ी मात्रा में आयरन की कमी को दूर करने के लिए किया जाता है। जब बात गर्भावस्था में कुलेखरा का जूस पीने की आती है, तो ये बिल्कुल सुरक्षित माना जाता है। गर्भावस्था में कुलेखरा का जूस पीने से मां और शिशु दोनों की सेहत को फायदा मिलता है।
इसे भी पढ़ेंः पीरियड्स के दौरान वजाइना से आती है तेज बदबू? गायनाकॉलॉजिस्ट से जानिए कारण और बचाव के उपाय
प्रेग्नेंसी में कुलेखरा का जूस पीने के फायदे
- गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में अक्सर खून की कमी देखी जाती है। डाइटिशियन पूजा सिंह का कहना है कि कुलेखरा साग में पर्याप्त मात्रा में आयरन, फोलिक एसिड और मिनरल्स पाए जाते हैं। गर्भावस्था में रोजाना एक थोड़ी मात्रा में कुलेखरा का जूस पीने से महिलाओं में हेमोग्लोबिन का स्तर बढ़ा सकता है। इससे एनीमिया की परेशानी भी दूर होती है।
- कुलेखरा की पत्तियों में एंटीऑक्सीडेंट्स और इम्यून बूस्टिंग गुण होते हैं। गर्भावस्था में इसका जूस पीने से संक्रमण से बचाव में मदद मिलती है।
इसे भी पढ़ेंः इन 5 चीजों को मिलाकर घर पर बनाएं हर्बल शैंपू, बालों को मिलेंगे कई फायदे
- कई बार गर्भावस्था में यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) या जलन की समस्या हो सकती है। कुलेखरा मूत्रवर्धक होने के कारण ये शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालती है। इससे यूटीआई की परेशानी दूर हो सकती है।
डाइटिशियन बताती हैं कि गर्भावस्था में कुलेखरा का सेवन एक सीमित मात्रा में ही किया जाना चाहिए। दरअसल, कुलेखरा की पत्तियों की तासीर गर्म होती है, गर्भावस्था के दौरान अगर ज्यादा मात्रा में कुलेखरा का जूस या कुलेखरा की पत्तियों का सेवन किया जाए, तो ये स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती है।
इसे भी पढ़ेंः योनि में ड्राईनेस से प्रभावित होते हैं सेक्सुअल रिलेशन, एक्सपर्ट बता रहे हैं इस स्थिति में क्या करें और क्या नहीं
प्रेग्नेंसी में कुलेखरा का जूस पीते वक्त सावधानियां
- गर्भावस्था में थोड़ी मात्रा में और सही समय पर इसका प्रयोग फायदेमंद हो सकता है, लेकिन अधिक मात्रा में लेने से यह उल्टा असर कर सकता है। कुलेखरा की पत्तियों की गर्म तासीर गर्भपात और गर्भाशय के संकुचन का कारण बन सकती है।
- गर्भावस्था की पहली तिमाही काफी सेंसिटिव होती है। इस दौरान किसी भी तरह की गर्म तासीर वाली चीजों से परहेज करना चाहिए। अगर आप गर्भवस्था की पहली तिमाही में कुलेखरा साग या कुलेखरा का जूस पीन चाहती हैं, तो इस विषय पर आयुर्वेदाचार्य या न्यूट्रिशनिस्ट से जरूर बात करें।
इसे भी पढ़ेंः योनि का पीएच लेवल फर्टिलिटी को कैसे करता है प्रभावित, बता रहे हैं डॉक्टर
निष्कर्ष
कुलेखरा की पत्तियों का जूस आयरन, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है और आयुर्वेद में इसे खून बढ़ाने वाली औषधि के रूप में देखा जाता है। लेकिन गर्भावस्था में इसका सेवन बहुत सोच-समझकर और विशेषज्ञ की देखरेख में ही किया जाना चाहिए। इसकी गर्म तासीर और औषधीय प्रकृति के कारण यह हर किसी के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता। अगर आप गर्भवती हैं, तो कुलेखरा का सेवन करने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version