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योनि का पीएच लेवल फर्टिलिटी को कैसे करता है प्रभावित, बता रहे हैं डॉक्टर

How vaginal pH affects fertility : योनि केवल एक प्रजनन अंग नहीं, बल्कि यह महिला के संपूर्ण प्रजनन स्वास्थ्य की दशा और दिशा निर्धारित करने वाला केंद्र है। इसलिए योनि का पीएच लेवल संतुलित बनाए रखना जरूरी है।
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योनि का पीएच लेवल फर्टिलिटी को कैसे करता है प्रभावित, बता रहे हैं डॉक्टर


How vaginal pH affects fertility : महिलाओं का शरीर पुरुषों की तुलना में अधिक संवेदनशील होता है। महिलाओं के शरीर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है योनि (Vagina)। योनि केवल एक प्रजनन अंग नहीं, बल्कि यह महिला के संपूर्ण प्रजनन स्वास्थ्य की दशा और दिशा निर्धारित करने वाला केंद्र माना जाता है। योनि के भीतर का वातावरण अत्यंत सूक्ष्म जीवों द्वारा नियंत्रित किया जाता है। एक हेल्दी सेक्सुअल रिलेशन, महिलाओं के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए योनि के पीएच लेवल को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।

इन दिनों जब महिलाओं में इनफर्टिलिटी (Infertility) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, तब ये सवाल उठता है कि क्या योनि का पीएच महिलाओं की फर्टिलिटी को भी प्रभावित (How vaginal pH affects fertility) कर सकता है?

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योनि का पीएच स्तर क्या होता है- What is the pH level of the vagina

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन द्वारा की गई रिसर्च बताती है कि योनि का पीएच उस क्षेत्र के अम्ल, अल्कलाइन और न्यूट्रल का एक प्रकार का कॉम्बिनेशन है। योनि के पीएच का स्तर 0 से 14 के बीच होता है। एक हेल्दी योनि को का सामान्य पीएच स्तर 3.8 से 4.5 के बीच होता है। योनि का यह पीएच लेवल उनके संपूर्ण स्वास्थ्य, प्रजनन क्षमता और यौन स्वास्थ्य दोनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है।

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योनि के पीएच स्तर में बदलाव के कारण- Reasons for a change in the pH level of the vagina

एलांटिस हेल्थकेयर दिल्ली के मैनेजिंग डायरेक्टर, इनफर्टिलिटी स्पेशलिस्ट और स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. मनन गुप्ता (Dr. Mannan Gupta, Obstetrician, Gynecologist and Infertility Specialist, New delhi) के अनुसार, समय के साथ महिलाओं के योनि का पीएच स्तर भी बदलता है और कई बार विभिन्न कारणों से ये बिगड़ जाता है। योनि के पीएच स्तर में बदलाव होने के प्रमुख कारण हैः

  • गलत या ज्यादा केमिकल्स वाले साबुन का इस्तेमाल करना
  • एंटीबायोटिक दवाएं अधिक मात्रा में सेवन करना
  • पीरियड्स के दौरान पैड और टैम्पून लंबे समय तक न बदलना
  • असुरक्षित यौन संबंध या बार-बार पार्टनर बदलना
  • विभिन्न कारणों से होने वाला हार्मोनल असंतुलन
  • तनाव और खराब जीवनशैली

योनि के पीएच लेवल और फर्टिलिटी के बीच कनेक्शन- The connection between vaginal pH levels and fertility

आइए आगे जानते हैं योनि का पीएच लेवल कैसे महिलाओं की फर्टिलिटी को प्रभावित करता है और इससे बचाव के लिए महिलाओं को क्या करना चाहिए।

1. म्यूकस

डॉ. मनन गुप्ता के अनुसार, ओवुलेशन के समय गर्भाशय ग्रीवा से एक पतला, पारदर्शी, अंडे के सफेद की तरह म्यूकस (Cervical Mucus) निकलता है। इसका सही पीएच शुक्राणुओं को अंदर जाने और जीवित रहने में मदद करता है। इस स्थिति में अगर योनि का पीएच संतुलित नहीं होता है, तो म्यूकस बहुत गाढ़ा या चिपचिपा हो सकता है। इससे शुक्राणु महिला के शरीर में अंदर नहीं जा पाते हैं और गर्भधारण में परेशानी आती है।

2. शुक्राणुओं पर असर

स्वस्थ शुक्राणु को महिला की योनि, गर्भाशय ग्रीवा और फैलोपियन ट्यूब तक की यात्रा करनी होती है। ऐसे में अगर योनि का पीएच लेवल सही न हो तो यह संक्रमणों को बढ़ावा देता है, जिससे सूजन और जलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ का कहना है कि योनि में लंबे समय तक रहने वाली सूजन और जलन का इलाज न होने पर ये फर्टिलिटी को कम कर सकती है।

3. यीस्ट इंफेक्शन

योनि का असामान्य पीएच संक्रमण जैसे बैक्टीरियल वेजिनोसिस या कैंडिडा यीस्ट इंफेक्शन का कारण बनते हैं। विभिन्न प्रकार की रिसर्च में ये बात सामने आई है कि महिलाओं में यीस्ट इंफेक्शन गर्भधारण करने की क्षमता को कम कर देते हैं।

4. IUI और IVF में परेशानी

इनफर्टिलिटी से जूझ रही महिलाएं अगर IUI (Intrauterine Insemination) या IVF (In Vitro Fertilization) की मदद लेती हैं, तब भी योनि का पीएच लेवल संतुलित होना बेहद जरूरी है। योनि का खराब पीएच लेवल IUI और IVF की सफलता दर को कम कर देता है।

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योनि का पीएच संतुलित रखने के उपाय- Ways to keep the pH of the vagina balanced

अगर आप भी गलत योनि के पीएच स्तर से जूझ रही हैं, तो आप नीचे बताए गए उपायों को अपना सकती हैं।

- योनि के क्षेत्र में अत्यधिक क्लीनिंग प्रोडक्ट्स या डौशिंग न प्रयोग न करें। योनि को माइल्ड साबुन से ही साफ करने की कोशिश करें।

- योनि का पीएच स्तर संतुलित करने के लिए दही, छाछ, कांजी, सौरक्राउट जैसे खाद्य पदार्थ को डाइट का हिस्सा बनाएं। ये योनि क्षेत्र पर गुड बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं।

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- ज्यादा टाइट और सिंथेटिक कपड़ों से बनें हुए अंडरवियर बिल्कुल न पहनें। हमेशा हल्के और सूती कपड़ों से बनें अंडरवियर पहनने की कोशिश करें।

- सेक्स के बाद योनि की हल्के गुनगुने पानी से सफाई करें। पार्टनर के साथ किसी भी प्रकार से असुरक्षित यौन संबंध बनाने असुरक्षित यौन संबंध से बचें।

- खाने में अधिक प्रोसेस्ड फूड, मीठा और किसी भी प्रकार के सोडे से परहेज करें। योनि के पीएच लेवल को संतुलित रखने के लिए खूब पानी पिएं और फाइबर युक्त आहार का सेवन करें।

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निष्कर्ष

योनि का पीएच स्तर महिला की फर्टिलिटी में अहम भूमिका निभाता है। डॉ. मनन गुप्ता के साथ बातचीत के आधार पर हम ये कह सकते हैं कि अगर योनि का पीएच लेवल बिगड़ता है, तो इससे न केवल संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है, बल्कि गर्भधारण की प्रक्रिया भी बाधित होती है।

FAQ

  • योन‍ि का पीएच लेवल क‍ितना होना चाह‍िए?

    महिलाओं की योनि का सामान्य पीएच लेवल 3.8 से 4.5 के बीच होना चाहिए। अगर योनि का पीएच लेवल 3 से कम और 4.5 से अधिक होता है, तो ये कई प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का कारण बन सकता है।
  • क्या होता है वेजाइनल पीएच

    रिसर्च के अनुसार, वेजाइनल पीएच योनि के अंदर के अम्लीय या क्षारीय स्तर को दिखाता है। अगर योनि में अम्लीय और क्षारीय स्तर का संतुलन बना रहता है, तो इससे संक्रमण का खतरा कम होता है।
  • घर पर वजाइना का पीएच लेवल कैसे जांचे

    घर पर वजाइना का पीएच लेवल बहुत ही आसानी से जांचा जा सकता है। वजाइना का पीएच लेवल जांचने के लिए मेडिकल टेस्ट स्ट्रिप्स का उपयोग करना चाहिए।

 

 

 

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