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स्किन का pH लेवल क्या होता है? जानें इसके कम या ज्यादा होने पर क्या असर पड़ता है

What is Skin pH Level: स्किन का एक pH लेवल होता है, जो स्किन की अम्लीयता और क्षारीयता को दिखाता है, इसका लेवल बिगड़ना गंभीर हो सकता है।
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स्किन का pH लेवल क्या होता है? जानें इसके कम या ज्यादा होने पर क्या असर पड़ता है


What is Skin pH Level: स्किन हमारे शरीर का सबसे बड़ा अंग है। इसकी उचित देखरेख न होने पर कई गंभीर समस्याओं और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। स्किन का एक pH लेवल होता है, जो स्किन की अम्लीयता और क्षारीयता को दिखाता है। स्किन का पीएच लेवल बिगड़ने पर कई तरह की समस्याओं का खतरा रहता है। स्किन की उचित देखभाल न होने, डाइट और लाइफस्टाइल से जुड़ी गड़बड़ी के कारण इसका पीएच मान बिगड़ जाता है। पीएच वैल्यू को ठीक रखने के लिए हाइजीन और डाइट का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

त्वचा का pH लेवल क्या है?- What is Skin pH Level in Hindi

स्किन का pH लेवल स्किन की अम्लीयता (Acidic) या क्षारीयता (Alkaline) को दिखाता है। pH स्केल 0 से 14 के बीच होता है, जहां 7 को न्यूट्रल माना जाता है। 7 से कम का pH अम्लीय और 7 से ज्यादा का pH क्षारीय होता है। । एससीपीएम मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल की डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ सुमन कहती हैं, "हेल्दी स्किन का नॉर्मल pH लेवल थोड़ा अम्लीय होता है, माना जाता है कि यह 4.7 से 5.5 के बीच होना चाहिए।"

Importance of Normal pH Level in Hindi

स्किन का पीएच वैल्यू नॉर्मल होने के फायदे- Importance of Normal pH Level in Hindi

स्किन का पीएच लेवल नॉर्मल रहने से आपको कई गंभीर समस्याओं का खतरा नहीं रहता है। स्किन का पीएच लेवल नॉर्मल होने के मुख्य फायदे इस तरह से हैं-

संक्रमण से बचाव: स्किन की थोड़ी अम्लीय परत एक सुरक्षा कवच की तरह काम करती है। यह हानिकारक बैक्टीरिया और फंगस को विकसित होने से रोकने में मदद करती है, जिससे स्किन इन्फेक्शन से बचाव होता है।

नमी बनाए रखना: पीएच वैल्यू मेंटेन रहने से हेल्दी स्किन की बाहरी परत में प्राकृतिक तेल और नमी बनी रहती है। संतुलित pH लेवल इस नमी को बनाए रखने में मदद करता है, जिससे स्किन कोमल और ग्लोइंग बनी रहती है।एलर्जी से बचाव: संतुलित pH लेवल स्किन को प्रदूषण और केमिकल्स के प्रति कम संवेदनशील बनाता है। इससे एलर्जी और जलन जैसी समस्याओं का खतरा काम रहता है।

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असंतुलित pH लेवल के कारण और नुकसान

कई कारणों से स्किन का pH लेवल असंतुलित हो सकता है, जिनमें शामिल हैं-

  • कठोर साबुन और फेस वॉश का इस्तेमाल: अत्यधिक क्षारीय साबुन और फेस वॉश त्वचा की प्राकृतिक तेलों को हटा सकते हैं, जिससे उसका pH लेवल बढ़ जाता है।
  • रासायनिक युक्त कॉस्मेटिक्स का इस्तेमाल: कुछ कॉस्मेटिक्स में मौजूद रसायन त्वचा की प्राकृतिक सुरक्षा को नुकसान पहुंचा सकते हैं और pH लेवल को असंतुलित कर सकते हैं।
  • अत्यधिक स्क्रबिंग: रोजाना या बहुत ज्यादा स्क्रब करने से त्वचा की ऊपरी परत कमजोर हो सकती है, जिससे उसका pH लेवल प्रभावित होता है।
  • तनाव: तनाव हार्मोन त्वचा के तेल उत्पादन को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे pH लेवल असंतुलित हो सकता है।
  • डाइट: मीठा, प्रोसेस्ड फूड और जंक फूड से भरपूर आहार त्वचा के स्वास्थ्य को खराब कर सकता है और pH लेवल को प्रभावित कर सकता है।

पीएच लेवल नॉर्मल न होने पर इन समस्याओं का खतरा रहता है-

  • रूखापन और खुजली: जब स्किन का pH लेवल क्षारीय हो जाता है, तो इसकी प्राकृतिक नमी कम हो जाती है, जिससे स्किन में रूखापन, खुजली और जलन जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।
  • मुंहासे: अत्यधिक अम्लीय या क्षारीय स्किन होने पर मुहांसे, दाने और पिंपल्स आदि का खतरा बढ़ जाता है। इसकी वजह से आपकी समस्याएं और बढ़ सकती हैं।
  • स्किन की रंगत में बदलाव: असंतुतिल pH लेवल स्किन की मेलनिन प्रोडक्शन को प्रभावित कर सकता है। मेलनिन स्किन के रंग को ठीक रखने में मदद करता है।
  • एजिंग के लक्षण: स्किन का पीएच लेवल बिगड़ने की वजह से एजिंग के लक्षण दिखने पर लगते हैं। इसकी वजह से स्किन पर झुर्रियां, ग्लो कम होना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

स्किन का पीएच लेवल डाइट, लाइफस्टाइल और स्किन केयर प्रोडक्ट्स के कारण भी बिगड़ सकता है। इसे ठीक रखने के लिए अपनी स्किन टाइप के हिसाब से ही स्किनकेयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करना चाहिए। अगर पीएच लेवल सही रहेगा तो बैक्टीरिया हमारी स्किन से कोसों दूर रहेंगे व स्किन खुलकर मुस्कुराएगी।

(Image Courtesy: freepik.com)

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