Syphilis Symptoms In Females: असुरक्षित यौन संबंध गंभीर बीमारियों की वजह बन सकते हैं। संबंध बनाने के बाद अगर साफ-सफाई पर ध्यान न दिया जाए, तो इससे बैक्टीरिया पनपने लगते हैं जो यौन संक्रमित बीमारियों को जन्म देते हैं। ऐसा ही एक यौन संक्रमित रोग सिफलिस है, जो ट्रैपोनेमा पैलिडम बैक्टीरिया के संपर्क में आने से होता है। यह संक्रमण महिला और पुरुष दोनों में पाया जाता है। इस बीमारी के चार चरण होते हैं जिसमें हर चरण में लक्षण बढ़ते जाते हैं। महिला और पुरुष दोनों में सिफलिस के कुछ लक्षण अलग होते हैं। अगर समय रहते इसके लक्षणों का पता लग जाए, तो संक्रमण को जल्द कंट्रोल किया जा सकता है। महिलाओं में सिफलिस के क्या लक्षण नजर आते हैं। इस बारे में जानने के लिए हमने कोलकाता के मणिपाल हॉस्पिटल (ब्रॉडवे) से गायनोकोलॉजी और ऑब्सटेट्रिक्स डिपार्टमेंट के डॉ गौतमदत्त सरमा से बात की। आइए लेख में एक्सपर्ट से समझें इस बारे में।
सिफलिस क्या है? What Is Syphilis
सिफलिस सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन है, जो ट्रैपोनेमा पैलिडम बैक्टीरिया के कारण होता है। इसे बैक्टीरियल डिसऑर्डर भी कहा जा सकता है जो सेक्सुअल कॉन्टेक्ट से फैलता है। सेक्सुअल कॉन्टेक्ट के अलावा यह इंफेक्शन प्रेग्नेंसी के दौरान महिला से बच्चे में भी आ सकता है। ऐसे में इसे कंजेटियल सिफलिस कहा जाता है, जिसमें बच्चे को जन्म के साथ ही यह इंफेक्शन होता है।
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महिलाओं में सिफलिस के लक्षण- Symptoms of Syphilis In Female
महिलाओं में इसके लक्षण चार स्टेज में नजर आते हैं। इसके लक्षण हर चरण में अलग-अलग हो सकते हैं-
पहली स्टेज
सिफलिस होने के बाद 2 से 6 सप्ताह के अंदर इसके लक्षण नजर आने लगते हैं। इस स्टेज में संक्रमण वाली जगह पर घाव हो जाते हैं, जिन्हें शैंकर कहा जाता है। ये घाव योनी के अंदर या बाहर दोनों तरफ हो सकते हैं। इसके अलावा, यह शरीर के अन्य हिस्सों जैसे होंठ, गुदा, जीभ या गले पर भी हो सकते हैं। ज्यादातर मामलों में एक ही शैंकर होता है। लेकिन कई मामलों में ये शैंकर एक से ज्यादा हो सकते हैं।
दूसरी स्टेज
दूसरी स्टेज हफ्तों से लेकर महीनों के बीच हो सकती है। इसमें महिला को स्किन रैशेज हो सकते हैं। शरीर के कुछ हिस्सों में सूजन आने लगती है। महिला को नोड्स, बुखार, गला खराब होने और पैची हेयर लॉस जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं।
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तीसरा स्टेज
तीसरी स्टेज में आकर कई बार कोई लक्षण नजर नहीं आता है। ऐसे में इंफेक्शन का पता केवल ब्लड टेस्ट के जरिए लगाया जा सकता है।
चौथी स्टेज
यह स्टेज इंफेक्शन होने के 30-40 साल बाद भी हो सकती है। ऐसे में इंफेक्शन बॉडी ऑर्गन्स में फैल जाता है। यह गंभीर स्थिति होती है क्योंकि ऐसे में इंफेक्शन के कारण बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में ब्रेन, हार्ट, नर्व्स, लिवर और बोन्स में भी इंफेक्शन फैल जाता है। कुछ लोगों को इसके कारण पैरालिसिस, अंधापन, डिमेंशिया और हार्ट प्रॉब्लम्स जैसी स्थितियों से गुजरना पड़ सकता है।
निष्कर्ष
सिफलिस एक यौन संक्रमित संक्रमण है, जो महिला और पुरुष दोनों को हो सकता है। महिलाओं में इसके लक्षण पुरुषों से अलग होते हैं। लेकिन अगर शुरुआत में ही इसके लक्षणों को पहचान लिया जाए, तो समस्या को बढ़ने से रोका जा सकता है। एंटीबायोटिक्स और सही ट्रीटमेंट से इस इंफेक्शन को पूरी तरह खत्म किया जा सकता है। साथ ही, इससे बचने के लिए संबंध बनाने के दौरान हाइजीन मेंटेन करना जरूरी है।
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