हॉर्मोनल असंतुलन का कारण हो सकती है आपकी खराब लाइफस्‍टाइल, सुधार के ल‍िए करें ये 7 बदलाव

हॉर्मोनल असंतुलन तब होता है जब शरीर में हार्मोन्‍स का लेवल सामान्य से ज्यादा या कम हो जाता है, जिससे वजन, मूड, नींद और प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है।
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हॉर्मोनल असंतुलन का कारण हो सकती है आपकी खराब लाइफस्‍टाइल, सुधार के ल‍िए करें ये 7 बदलाव


आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी, अनियमित खानपान और स्‍ट्रेस भरी दिनचर्या हमारे हॉर्मोनल बैलेंस को प्रभावित कर सकती है। शरीर में हॉर्मोन का सही संतुलन न केवल मेटाबॉलिज्म, एनर्जी लेवल और मूड को कंट्रोल करता है, बल्कि त्वचा, नींद और पूरे स्वास्थ्य पर भी असर डालता है। लेकिन गलत लाइफस्टाइल और खराब आदतों की वजह से कई लोगों को हॉर्मोनल असंतुलन (Hormonal Imbalance) की समस्या का सामना करना पड़ता है। अगर आपको वजन बढ़ना, एक्ने, अनियमित पीरियड्स, मूड स्विंग्स, थकान या डाइजेशन से जुड़ी दिक्कतें हो रही हैं, तो इसकी एक बड़ी वजह हॉर्मोनल असंतुलन हो सकता है। इस समस्या को दूर करने के लिए आपको अपने लाइफस्टाइल में कुछ जरूरी बदलाव करने होंगे। आइए जानते हैं 7 ऐसे बदलाव, जो आपके हॉर्मोन बैलेंस को सुधारने में मदद कर सकते हैं।

1. प्रोसेस्ड फूड और शुगर का सेवन कम करें- Reduce Processed Food and Sugar Intake

फास्ट फूड, पैकेज्ड फूड और ज्यादा मीठे खाद्य पदार्थ आपके इंसुलिन लेवल को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे वजन बढ़ना, पीसीओएस और डायबिटीज जैसी समस्याएं हो सकती हैं। अपने डाइट में नेचुरल और होममेड फूड्स को शामिल करें, जिससे शरीर में हॉर्मोनल बैलेंस बना रहे।

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2. हेल्दी फैट्स को करें डाइट में शामिल- Include Healthy Fats in Your Diet

शरीर में सही हॉर्मोनल बैलेंस बनाए रखने के लिए हेल्‍दी फैट्स (Healthy Fats) का सेवन जरूरी है। इसके लिए अपनी डाइट में नारियल तेल, घी, ओमेगा-3 से भरपूर आहार और नट्स को शामिल करें। ये हॉर्मोन प्रोडक्शन और मेटाबॉलिज्म को दुरुस्त रखने में मदद करते हैं।

3. स्‍ट्रेस को करें मैनेज- Manage Stress Effectively

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लगातार स्ट्रेस में रहने से शरीर में कॉर्टिसोल हॉर्मोन्‍स का लेवल बढ़ जाता है, जिससे अन्य हॉर्मोन्स का संतुलन बिगड़ने लगता है। स्‍ट्रेस को कम करने के लिए योग, मेडिटेशन, गहरी सांस लेने की तकनीक और समय पर नींद लेना जरूरी है।

4. अच्छी नींद लें- Get Quality Sleep

अगर आप रोजाना 6-8 घंटे की गहरी नींद नहीं लेते, तो इसका असर सीधा आपके थायरॉइड, इंसुलिन और अन्य हॉर्मोन्स पर पड़ता है। इसलिए, सोने से एक घंटा पहले स्क्रीन से दूरी बनाएं और रिलैक्सिंग रूटीन अपनाएं, ताकि अच्छी नींद आ सके।

5. फिजिकल एक्टिविटी को बनाएं आदत- Make Physical Activity a Habit

रोज एक्सरसाइज करने से शरीर में हॉर्मोनल बैलेंस बना रहता है और इंसुलिन सेंसिटिविटी भी बेहतर होती है। आप योग, वॉकिंग, वेट ट्रेनिंग या डांस जैसी एक्टिविटीज को अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं।

6. गट हेल्थ का रखें ध्यान- Take Care of Gut Health

हॉर्मोनल बैलेंस में आंतों (Gut Health) की सेहत बहुत अहम भूमिका निभाती है। प्रोबायोटिक्स से भरपूर फूड जैसे दही और फाइबर युक्त फूड्स का सेवन करें, जिससे आपका डाइजेशन सही रहेगा और हॉर्मोन्स भी संतुलित रहेंगे।

7. हॉर्मोन-बैलेंसिंग हर्ब्स को डाइट में शामिल करें- Include Hormone Balancing Herbs in Diet

कुछ आयुर्वेदिक और प्राकृतिक जड़ी-बूटियां हॉर्मोनल बैलेंस बनाए रखने में मदद करती हैं। अश्वगंधा, तुलसी, मेथी जैसी हर्ब्स आपके शरीर में हॉर्मोनल हेल्थ को बेहतर करने में मदद करती है। इन्‍हें अपनी डाइट का ह‍िस्‍सा बनाएं।

हॉर्मोनल असंतुलन से बचने के लिए अपनी डाइट, लाइफस्टाइल और स्ट्रेस मैनेजमेंट पर ध्यान देना जरूरी है। छोटे-छोटे बदलाव लाकर आप अपने हॉर्मोन को संतुलित कर सकते हैं और बेहतर स्वास्थ्य पा सकते हैं।

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