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सोशल मीडिया पर ज्यादा टाइम पास करना कैसे दिल की सेहत को प्रभावित करता है? डॉक्टर से समझें

सोशल मीडिया पर लगातार सारा दिन बने रहने से स्ट्रेस बढ़ता है, जो दिल की सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक है।
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सोशल मीडिया पर ज्यादा टाइम पास करना कैसे दिल की सेहत को प्रभावित करता है? डॉक्टर से समझें


दिल से जुड़ी बीमारियों के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। डब्लूएचओ (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2019 में दुनियाभर में दिल की बीमारियों के कारण 1 करोड़ 79 लाख लोगों की मौत हो गई थी। हार्ट की बीमारियां होने के कई कारण है, जिनमें फैमिली हिस्ट्री, हाइपरटेंशन, अस्वस्थ जीवनशैली, डायबिटीज, और स्ट्रेस शामिल हैं। स्ट्रेस कई तरह का हो सकता है, और इसमें आजकल सोशल मीडिया स्ट्रेस की खूब चर्चा हो रही है। जो लोग सोशल मीडिया के लिए कंटेंट बनाते हैं, वे तो स्ट्रेस में आकर कई बार रील बनाने के चक्कर अपनी जान तक गंवा देते हैं। लेकिन आम इंसान, जो रोजाना सोशल मीडिया पर कई घंटों तक अपना समय बिताता है, वह भी इस स्ट्रेस से बच नहीं पा रहा है। लगातार स्ट्रेस उनके दिल की सेहत पर भी असर डाल रहा है। सोशल मीडिया किस तरह हार्ट को नुकसान पहुंचा रहा है, इस बारे में हमने आर्टेमिस अस्पताल के हार्ट और लंग ट्रांसप्लांट विभाग के चेयरपर्सन डॉ. सुशांत श्रीवास्तव से बात की।  

सोशल मीडिया दो तरीके से दिल की सेहत को करता है प्रभावित

ज्यादा स्क्रीन टाइम देना 

जब आप ज्याादा स्क्रीन पर समय बिताते हैं, तो यह आपका समय बहुत खराब करता है। खासतौर पर जब आप सोते समय सोशल मीडिया देखते हैं, तो रील्स या शॉर्ट्स देखते समय रात के कई घंटे बिता देते हैं। इस बारे में उदाहरण देते हुए डॉ. सुशांत कहते हैं कि रात के दो बजे तक सोशल मीडिया देखते रहने से आपकी नींद पूरी नहीं होती। सुबह उठकर सिरदर्द या फिर थकान के साथ ऑफिस या स्कूल/कॉलेज जाते हैं। वहां काम पर फोकस नहीं कर पाते और काम बढ़ जाता है। इससे स्ट्रेस बढ़ता है और यह स्ट्रेस धीरे-धीरे डिप्रेशन में बदल जाता है। इससे दिल की सेहत पर असर पड़ता है। इसके अलावा, अगर आप सुबह उठकर सोशल मीडिया में समय बिताते हैं, तो आप अपनी कसरत और परिवार को समय देना बंद कर देते हैं। इससे शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से शरीर स्ट्रेस महसूस करता है, जो दिल की सेहत के लिए काफी खराब रहता है।”

how social media affects heart health expert explain

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इंफ्लूएंसर्स (Influencers) का गुमराह करना 

सोशल मीडिया पर बहुत सारे ऐसे इंफ्लूएंसर्स हैं, जो आपको दिल से जुड़ी गलत जानकारियां देते हैं। दिल की बीमारियों से जुड़े लक्षणों की गलत जानकारी देना हो, जो फिर इसके इलाज के लिए खान-पान से जुड़ी सलाह देना हो, ऐसे इंफ्लूएंसर्स की बातें सुनकर जब लोग खान-पान या फिर कसरत करते हैं, तो दिल से जुड़ी बीमारियों के रोगियों को काफी नुकसान होता है। सोशल मीडिया पर ऐसे लोगों की सलाह को सुनकर घर पर ही कोई इलाज न करें, बल्कि डॉक्टर की सलाह लें। कई मामलों में यह काफी खतरनाक भी साबित हुआ है। 

सोशल मीडिया स्क्रीनिंग को कैसे कम करें? 

  • सोशल मीडिया स्क्रीनिंग को सीमित करें।
  • सोशल मीडिया पर रिमाइंडर लगाएं, ताकि आपको समय का पता चल सके।
  • रात को सोते समय सोशल मीडिया देखने की आदत बंद करें।
  • रात को सोने से पहले कोई किताब पढ़ें या डायरी लिखें।
  • सुबह उठते ही मोबाइल न देखें, बल्कि कसरत या योगा करें।
  • खाते समय मोबाइल को दूर रखें और परिवार के साथ बात करते हुए खाना खाएं।
  • हफ्ते में कम से कम एक दिन सोशल मीडिया का कोई भी एकाउंट न देखें। सोशल मीडिया डिटॉक्स करें। 

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सोशल मीडिया को अगर सीमित तरीके से देखा जाए, तो दिल संबंधी बीमारियों से बचा जा सकता है। इसलिए बिना वजह फोन हाथ में लेकर स्क्रोल न करते रहें, बल्कि उस समय का उपयोग आप अपनी किसी हॉबी को पूरा करने में लगाएं। इससे स्ट्रेस कम होगा और आप सेहतमंद जीवन बिताएंगे। 

All Image Credit: Freepik

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